रामनगर: रामदत्त जोशी संयुक्त अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की मांग करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है, क्योंकि 7 अक्टूबर से इस अस्पताल को सरकार द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है. अस्पताल में बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर लगातार शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने संयुक्त चिकित्सालय को पीपीपी मोड से हटाने का फैसला किया है.
साल 2019 में पीपीपी मोड पर दिया गया था अस्पताल: बता दें कि साल 2019 में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार ने इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया था, लेकिन तब से अस्पताल पर लगातार लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं, जिसका विरोध आसपास के जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी कर रही थी. संयुक्त चिकित्सालय को पीपीपी मोड से हटाने के लिए प्रदर्शन भी हो रहे थे. साथ ही अस्पताल पर मरीजों के तीमारदारों द्वारा भी लगातार कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे थे.
सीएमओ और सीएमएस ने अस्पताल का किया निरीक्षण: रामनगर के रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय का आज जिले के सीएमओ डॉक्टर हरीश पंत और सीएमएस ने कर्मचारियों के साथ निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने पीपीपी मोड़ द्वारा अस्पताल में संचालित हो रही स्वास्थ्य सुविधाओं का भी जायजा लिया.
सरकार के अधीन आते ही बेहतर होंगी स्वास्थ्य सुविधाएं: सीएमओ डॉक्टर हरीश पंत ने बताया कि डीजी हेल्थ से आदेश आया है कि 7 अक्टूबर को पीपीपी मोड द्वारा अस्पताल को छोड़ जा रहा है. इसी संदर्भ में यहां का निरीक्षण किया गया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही अस्पताल सरकार के अधीन आता है, तो यहां स्वास्थ्य सुविधाएं जनमानस के लिए और बेहतर की जाएंगी, जिससे मरीजों को और लाभ मिलेगा.
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