दुमका : करीब पांच महीने तक मुख्यमंत्री पद पर रहने के बाद हेमंत सोरेन चंपाई सोरेन की जगह झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए हैं. अब सभी को इंतजार है कि चंपाई सोरेन को कौन सा पद दिया जाता है. ऐसे में संथाल परगना के अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों की इसे लेकर क्या राय है, यह जानने की कोशिश की गई. लोगों ने भी बताया कि चंपाई सोरेन को कौन सा पद मिलना चाहिए.
'विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाएं चंपाई'
संथाल परगना के लोग चंपाई सोरेन के पांच महीने के मुख्यमंत्री पद से काफी संतुष्ट हैं. लोगों का मानना है कि उन्होंने काफी अच्छा काम किया. वे राज्य को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए योजनाओं को धरातल पर उतारने में लगे रहे, लेकिन अचानक उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा.
दुमका सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सह वरिष्ठ पत्रकार अमरेंद्र सुमन कहते हैं कि चंपाई सोरेन ने अपने पांच महीने के कार्यकाल को काफी अच्छे से चलाया. अब जब वे इस पद से हट गए हैं तो उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प यही है कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बना दिया जाए. यह काफी सम्मानजनक पद है जो उनके अनुकूल रहेगा.
इस बीच दुमका के समाजसेवी जितेश कुमार कहते हैं कि चंपाई सोरेन को स्टेट स्टीयरिंग कमेटी का अध्यक्ष बनना चाहिए. आदिवासी समाज से आने वाले सुनील बेसरा कहते हैं कि हेमंत सरकार को चंपाई सोरेन के लिए नया पद सृजित करना चाहिए. उन्हें झारखंड का निदेशक या ऐसा ही कुछ पद देकर सम्मानित करना' चाहिए.
'किसी तरह का पद स्वीकार न करें चंपाई सोरेन'
संयुक्त बिहार के समय कर्पूरी ठाकुर मंत्रिमंडल में वन एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे दुमका निवासी कमलकांत सिन्हा कहते हैं कि पूर्व सीएम चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री पद से हट चुके हैं. ऐसे में उन्हें हेमंत सरकार द्वारा दिया गया कोई भी पद स्वीकार नहीं करना चाहिए. भविष्य में अगर उनके दोबारा मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला तो देखेंगे, लेकिन मौजूदा हालात में कोई भी पद उनके लायक नहीं है.
दुमका के मजदूर नेता विजय कुमार दास भी मानते हैं कि मौजूदा हालात में चंपाई सोरेन को कोई पद नहीं संभालना चाहिए. उनका कहना है कि उनके साथ अन्याय हुआ है. अगर राज्य सरकार उन्हें किसी तरह का पद देती है तो वह उनके लिए आश्वासन या खिलौना साबित होगा.
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