नई दिल्ली: वक्फ बोर्ड पर बनी जेपीसी की 22 अगस्त को होने वाली बैठक में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह शामिल होंगे. आम आदमी पार्टी शुरू से ही वक़्फ़ बोर्ड को लेकर बनी कमेटी का विरोध कर रही है. सिंह ने कहा कि इस मीटिंग में वे अपनी बात रखेंगे. उनका कहना है, "हमारे विरोध का कारण स्पष्ट है कि चाहे किसी भी धर्म का व्यक्ति अगर गुरुद्वारे, मंदिर, मस्जिद, चर्च या धर्मशाला के लिए अगर अपनी जमीन दान देता है तो केंद्र सरकार उसमें दखल देने वाली कौन होती है? यह मामला यहां रुकने वाला नहीं है. अगला नंबर गुरुद्वारा, चर्च, आदिवासी और दलितों की जमीनों पर कब्जा किया जाएगा."
उन्होंने कहा कि भाजपा का मकसद जमीनों पर कब्जा करना है. इनका मक़सद पूरे देश की संपत्ति को अपने मित्र अदाणी के नाम करना है. यह केवल वक्फ तक रुकने वाला नहीं है. इसलिए सबको सावधान होने की जरूरत है. कल ये लोग मंदिर की जमीन पर भी कब्जा कर सकते हैं. बीते दिनों डीडीए ने महरौली इलाके में सैकड़ों साल पुरानी मस्जिद, मदरसे व अन्य धार्मिक स्थानों को जिस तरह अवैध निर्माण बताते हुए उसे ध्वस्त कर दिया.
मामला तूल पकड़ने के बाद कोर्ट पहुंचा था, तब दिल्ली वक्फ बोर्ड की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि डीडीए के गठन से सैकड़ों साल पहले यह धार्मिक स्थल अस्तित्व में था तो आखिर डीडीए ने कैसे उसे अवैध घोषित कर दिया? इस मामले को जब दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई तब जस्टिस सचिन दत्ता ने डीडीए से जवाब दाखिल करने को कहा था.
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सिंह ने बताया कि पिछले दिनों दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड द्वारा दी गई सूची में बताया गया कि उसके पास 1964 संपत्तियां हैं, जिनमें अधिकतर मस्जिदें शामिल हैं. इसमें कई मस्जिदें ऐसी हैं, जो 100 साल से भी ज्यादा पुरानी हैं. बोर्ड ने सूची में मस्जिदों के पूरे पते के साथ ही यह भी जानकारी दी है कि वह कितनी पुरानी है. वहीं, कुछ मस्जिदों के बारे में वक्फ बोर्ड को भी जानकारी नहीं है कि वह कितनी पुरानी है. उनके बारे में सूची में समय अवधि नहीं दी है. 306 पेज की सूची में वक्फ बोर्ड ने मस्जिद और मदरसों के कर्ता-धर्ता कौन हैं, इसकी भी जानकारी दी है. इनमें से कई संपत्तियों की देख रेख और मैनेजमेंट वक्फ बोर्ड के हाथ में है.
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