ETV Bharat / state

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने बताए वन नेशन वन इलेक्शन के फायदे, विपक्षी नेताओं ने बताया तानाशाही फैसला - One nation one election

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 8 hours ago

DISHA meeting in Seraikela. वन नेशन वन इलेक्शन के फैसले पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि देश हित में लाखों-करोड़ों रुपए के साथ-साथ समय की भी बचत होगी. वहीं विपक्षी नेताओं ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ तानाशाही फैसला बताया.

DISHA meeting in Seraikela
संजय सेठ, कालीचरण मुंडा और जोबा मांझी (Etv Bharat)

सरायकेला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वन नेशन वन इलेक्शन के फैसले को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद देश की राजनीति में इसके समर्थन और विरोध के स्वर फूटने लगे हैं. भाजपा नेता जहां इसे देश हित में बता रहे हैं, वहीं विपक्षी नेता, सांसद, मंत्री इसे लोकतंत्र के लिए घातक बता रहे हैं. सरायकेला में दिशा की बैठक में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने वन नेशन वन इलेक्शन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश हित में लिया गया फैसला बताया है.

वन नेशन वन इलेक्शन पर नताओं के बयान (ईटीवी भारत)

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि अगर राज्य में वन नेशन वन इलेक्शन होता है तो लाखों-करोड़ों रुपये की बचत होगी और समय की भी बर्बादी नहीं होगी. रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राज्यों में अलग-अलग चुनाव होने और आचार संहिता लगने से विकास कार्य बाधित होते हैं. ऐसे में अगर एक साथ चुनाव होते हैं तो इसके कई फायदे हैं.

एकतरफा राज जैसा निर्णय : सांसद जोबा मांझी

वन नेशन वन इलेक्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंहभूम सांसद जोबा मांझी ने कहा है कि यह उचित नहीं है. ऐसा लगता है कि सत्ताधारी दल एकतरफा राज करने के उद्देश्य से इसे लागू करना चाहता है, जो लोकतंत्र के हित में कतई नहीं है.

वन नेशन वन इलेक्शन कतई उचित नहीं: कालीचरण मुंडा

खूंटी कांग्रेस सांसद कालीचरण मुंडा ने एक राष्ट्र एक चुनाव प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कतई उचित नहीं है. राज्य और केंद्र में हमेशा अलग-अलग समय अंतराल पर चुनाव होते रहे हैं. समय अवधि पूरी किए बिना चुनाव कराना उचित नहीं है.

पर्व एक साथ कैसे मनाया जा सकता है: दशरथ गागराई

खरसावां के झामुमो विधायक दशरथ गागराई ने एक राष्ट्र एक चुनाव मुद्दे पर कहा है कि भारत में लाखों देवी-देवता हैं. जिनकी पूजा अलग-अलग तिथि और तय दिनों में की जाती है. ऐसे में जब देवी-देवताओं की पूजा एक साथ नहीं हो सकती, तो लोकतंत्र का पर्व एक साथ कैसे मनाया जा सकता है. उन्होंने कहा है कि यह फैसला तानाशाही का प्रतीक है.

यह भी पढ़ें:

वन नेशन-वन इलेक्शन: कोविंद कमेटी के सामने रहे मौन, अब कर रहे विरोध, भाजपा लगा रही ये आरोप - One Nation One Election

वन नेशन वन इलेक्शन: संविधान में संशोधन, NDA और विपक्ष का समर्थन जरूरी, जानें कितना मुमकिन है एक साथ चुनाव? - Modi Cabinet

वन नेशन-वन इलेक्शन पर झारखंड में भी गरमाई राजनीति, झामुमो का विरोध, भाजपा ने फैसले का किया स्वागत - One Nation One Election

सरायकेला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वन नेशन वन इलेक्शन के फैसले को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद देश की राजनीति में इसके समर्थन और विरोध के स्वर फूटने लगे हैं. भाजपा नेता जहां इसे देश हित में बता रहे हैं, वहीं विपक्षी नेता, सांसद, मंत्री इसे लोकतंत्र के लिए घातक बता रहे हैं. सरायकेला में दिशा की बैठक में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने वन नेशन वन इलेक्शन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश हित में लिया गया फैसला बताया है.

वन नेशन वन इलेक्शन पर नताओं के बयान (ईटीवी भारत)

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि अगर राज्य में वन नेशन वन इलेक्शन होता है तो लाखों-करोड़ों रुपये की बचत होगी और समय की भी बर्बादी नहीं होगी. रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राज्यों में अलग-अलग चुनाव होने और आचार संहिता लगने से विकास कार्य बाधित होते हैं. ऐसे में अगर एक साथ चुनाव होते हैं तो इसके कई फायदे हैं.

एकतरफा राज जैसा निर्णय : सांसद जोबा मांझी

वन नेशन वन इलेक्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंहभूम सांसद जोबा मांझी ने कहा है कि यह उचित नहीं है. ऐसा लगता है कि सत्ताधारी दल एकतरफा राज करने के उद्देश्य से इसे लागू करना चाहता है, जो लोकतंत्र के हित में कतई नहीं है.

वन नेशन वन इलेक्शन कतई उचित नहीं: कालीचरण मुंडा

खूंटी कांग्रेस सांसद कालीचरण मुंडा ने एक राष्ट्र एक चुनाव प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कतई उचित नहीं है. राज्य और केंद्र में हमेशा अलग-अलग समय अंतराल पर चुनाव होते रहे हैं. समय अवधि पूरी किए बिना चुनाव कराना उचित नहीं है.

पर्व एक साथ कैसे मनाया जा सकता है: दशरथ गागराई

खरसावां के झामुमो विधायक दशरथ गागराई ने एक राष्ट्र एक चुनाव मुद्दे पर कहा है कि भारत में लाखों देवी-देवता हैं. जिनकी पूजा अलग-अलग तिथि और तय दिनों में की जाती है. ऐसे में जब देवी-देवताओं की पूजा एक साथ नहीं हो सकती, तो लोकतंत्र का पर्व एक साथ कैसे मनाया जा सकता है. उन्होंने कहा है कि यह फैसला तानाशाही का प्रतीक है.

यह भी पढ़ें:

वन नेशन-वन इलेक्शन: कोविंद कमेटी के सामने रहे मौन, अब कर रहे विरोध, भाजपा लगा रही ये आरोप - One Nation One Election

वन नेशन वन इलेक्शन: संविधान में संशोधन, NDA और विपक्ष का समर्थन जरूरी, जानें कितना मुमकिन है एक साथ चुनाव? - Modi Cabinet

वन नेशन-वन इलेक्शन पर झारखंड में भी गरमाई राजनीति, झामुमो का विरोध, भाजपा ने फैसले का किया स्वागत - One Nation One Election

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.