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संजौली मस्जिद के विवादित निर्माण को लेकर अब अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को, कमिश्नर कोर्ट में निर्माण की डिटेल नहीं दे पाया वक्फ बोर्ड - Sanjauli Illegal Mosque Controversy

Shimla Illegal Mosque Construction: हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित मामले संजौली मस्जिद विवाद पर आज शनिवार को सुनवाई हुई. मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को तय की गई है. आज की सुनवाई में वक्फ बोर्ड मस्जिद निर्माण को लेकर रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाया. जिसे अगली सुनवाई में पेश करने के आदेश दिए गए हैं.

Shimla Illegal Mosque Construction Case
शिमला अवैध मस्जिद निर्माण मामला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 7, 2024, 12:08 PM IST

Updated : Sep 7, 2024, 1:04 PM IST

शिमला: देश भर में चर्चित शिमला के उपनगर संजौली की मस्जिद को लेकर शनिवार को नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में नगर निगम के जेई, वक्फ बोर्ड के वकील, स्थानीय नागरिकों के वकील व निगम की संपदा शाखा के प्रतिनिधि पेश हुए. मामले में करीब आधा घंटा सुनवाई हुई और फिर कमिश्नर कोर्ट ने अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को तय की है.

वक्फ बोर्ड नहीं पेश कर पाया रिकॉर्ड

मामले की सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड की तरफ से दावा किया गया कि जमीन का मालिकाना हक उनका है. वहीं, मस्जिद कमेटी की तरफ से पेश हुए मोहम्मद लतीफ पहली बार सुनवाई में आए. उन्होंने कोर्ट में कहा कि जब तक वे कमेटी के मुखिया थे, केवल ढाई मंजिल तक का निर्माण हुआ. उसके बाद निर्माण कैसे हुआ, इसके बारे में वे कोई जानकारी नहीं दे पाए. वहीं, कमिश्नर कोर्ट ने मोहम्मद लतीफ से पूछा कि निर्माण का पैसा कहां से आया, इसका कोई संतोषजनक जवाब वे नहीं दे पाए. वहीं, वक्फ बोर्ड की तरफ से बताया गया कि उनके पास स्वामित्व का मामला अभी आया है, निर्माण को लेकर वे कुछ नहीं बता पाए. कोर्ट में ये भी तथ्य सामने आया कि निर्माण का कोई नक्शा पास नहीं हुआ है. ये गलत निर्माण हुआ है, ये प्रथम दृष्टया पाया गया है.

नगर निगम के जेई को निर्देश

कमिश्नर कोर्ट ने मोहम्मद लतीफ, जो पूर्व में मस्जिद कमेटी के मुखिया थे, उन्हें अपना पक्ष लिखित में बताने के लिए आदेश जारी किए. अगली पेशी में मोहम्मद लतीफ मामले को लेकर अपने पक्ष को लिखित में दाखिल करेंगे. वहीं, कोर्ट में वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा कि जब नगर निगम के जेई की निर्माण से जुड़ी रिपोर्ट आएगी, तो वे अपना पक्ष कोर्ट में दाखिल करेंगे. फिर कमिश्नर कोर्ट ने नगर निगम के जेई को कहा कि वे निर्माण से जुड़ी रिपोर्ट वक्फ बोर्ड को दें, ताकि वे अगली सुनवाई में अपना पक्ष अदालत के समक्ष रख सकें.

स्थानीय जनता ने भी किया आवेदन

इसी मामले में संजौली की स्थानीय जनता ने अपने वकील के माध्यम से कमिश्नर कोर्ट में आवेदन किया कि उन्हें भी पार्टी बनाया जाए, ताकि वे अपना पक्ष रख सकें. स्थानीय जनता का कहना है कि वे इस पूरे प्रकरण से सबसे अधिक प्रभावित हैं. मस्जिद बनने से उन्हें सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है.

निर्माण के लिए फंडिंग किसने की

कमिश्नर कोर्ट ने वक्फ बोर्ड व मस्जिद कमेटी के मुखिया मोहम्मद लतीफ से पूछा कि निर्माण के लिए पैसा कहां से आया तो मोहम्मद लतीफ ने बताया कि आढ़ती लोगों ने फंडिंग की है. इस पर कमिश्नर कोर्ट ने पूछा कि फंडिंग कैश में हुई या अन्य माध्यम से तो वे इसका कोई जवाब नहीं दे पाए. वक्फ के वकील भी इसका कोई जवाब नहीं दे सके. ऐसे में स्थानीय जनता का आरोप सही प्रतीत हो रहा है कि निर्माण के लिए बाहर से अज्ञात सोर्स से पैसा आ रहा है. खैर, अब अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी.

ये भी पढ़ें: आखिर क्यों सुलगा संजौली में मस्जिद विवाद, कैसे एक मारपीट की घटना ने मचा दिया बवाल, विधानसभा तक पहुंचा मामला, सत्ता पक्ष में भी दिखी दरार

ये भी पढ़ें: संजौली में दो दिन के भीतर मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने का अल्टीमेटम, कुसुम्पटी बाजार में भी मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन

ये भी पढ़ें: मंत्री अनिरुद्ध के बयान पर छिड़ा घमासान, अवैध मस्जिद निर्माण पर मचा सियासी तूफान, रोहिंग्या घुसपैठ से लेकर लव जिहाद तक पहुंची बात!

ये भी पढ़ें: "बाहर से हिमाचल आने वाले लोगों की वेरिफिकेशन का सरकार रखेगी खास ख्याल, मस्जिद मामले में कानून के तहत होगी कार्रवाई"

ये भी पढ़ें: संजौली मस्जिद मामला: सीएम सुक्खू बोले- हिमाचल आने वाला हर व्यक्ति कानून से बंधा, किसी को नहीं इसे तोड़ने की इजाजत

ये भी पढ़ें: संजौली मस्जिद निर्माण पर बोले विक्रमादित्य, "हिमाचल है देवभूमि, कानून के हिसाब से होगी कार्रवाई"

ये भी पढ़ें: "संजौली में होता रहा अवैध मस्जिद निर्माण और सोया रहा प्रशासन, दोषी अधिकारियों पर होगी कार्रवाई"

शिमला: देश भर में चर्चित शिमला के उपनगर संजौली की मस्जिद को लेकर शनिवार को नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में नगर निगम के जेई, वक्फ बोर्ड के वकील, स्थानीय नागरिकों के वकील व निगम की संपदा शाखा के प्रतिनिधि पेश हुए. मामले में करीब आधा घंटा सुनवाई हुई और फिर कमिश्नर कोर्ट ने अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को तय की है.

वक्फ बोर्ड नहीं पेश कर पाया रिकॉर्ड

मामले की सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड की तरफ से दावा किया गया कि जमीन का मालिकाना हक उनका है. वहीं, मस्जिद कमेटी की तरफ से पेश हुए मोहम्मद लतीफ पहली बार सुनवाई में आए. उन्होंने कोर्ट में कहा कि जब तक वे कमेटी के मुखिया थे, केवल ढाई मंजिल तक का निर्माण हुआ. उसके बाद निर्माण कैसे हुआ, इसके बारे में वे कोई जानकारी नहीं दे पाए. वहीं, कमिश्नर कोर्ट ने मोहम्मद लतीफ से पूछा कि निर्माण का पैसा कहां से आया, इसका कोई संतोषजनक जवाब वे नहीं दे पाए. वहीं, वक्फ बोर्ड की तरफ से बताया गया कि उनके पास स्वामित्व का मामला अभी आया है, निर्माण को लेकर वे कुछ नहीं बता पाए. कोर्ट में ये भी तथ्य सामने आया कि निर्माण का कोई नक्शा पास नहीं हुआ है. ये गलत निर्माण हुआ है, ये प्रथम दृष्टया पाया गया है.

नगर निगम के जेई को निर्देश

कमिश्नर कोर्ट ने मोहम्मद लतीफ, जो पूर्व में मस्जिद कमेटी के मुखिया थे, उन्हें अपना पक्ष लिखित में बताने के लिए आदेश जारी किए. अगली पेशी में मोहम्मद लतीफ मामले को लेकर अपने पक्ष को लिखित में दाखिल करेंगे. वहीं, कोर्ट में वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा कि जब नगर निगम के जेई की निर्माण से जुड़ी रिपोर्ट आएगी, तो वे अपना पक्ष कोर्ट में दाखिल करेंगे. फिर कमिश्नर कोर्ट ने नगर निगम के जेई को कहा कि वे निर्माण से जुड़ी रिपोर्ट वक्फ बोर्ड को दें, ताकि वे अगली सुनवाई में अपना पक्ष अदालत के समक्ष रख सकें.

स्थानीय जनता ने भी किया आवेदन

इसी मामले में संजौली की स्थानीय जनता ने अपने वकील के माध्यम से कमिश्नर कोर्ट में आवेदन किया कि उन्हें भी पार्टी बनाया जाए, ताकि वे अपना पक्ष रख सकें. स्थानीय जनता का कहना है कि वे इस पूरे प्रकरण से सबसे अधिक प्रभावित हैं. मस्जिद बनने से उन्हें सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है.

निर्माण के लिए फंडिंग किसने की

कमिश्नर कोर्ट ने वक्फ बोर्ड व मस्जिद कमेटी के मुखिया मोहम्मद लतीफ से पूछा कि निर्माण के लिए पैसा कहां से आया तो मोहम्मद लतीफ ने बताया कि आढ़ती लोगों ने फंडिंग की है. इस पर कमिश्नर कोर्ट ने पूछा कि फंडिंग कैश में हुई या अन्य माध्यम से तो वे इसका कोई जवाब नहीं दे पाए. वक्फ के वकील भी इसका कोई जवाब नहीं दे सके. ऐसे में स्थानीय जनता का आरोप सही प्रतीत हो रहा है कि निर्माण के लिए बाहर से अज्ञात सोर्स से पैसा आ रहा है. खैर, अब अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी.

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Last Updated : Sep 7, 2024, 1:04 PM IST
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