शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर शनिवार को नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई जारी है. लोकल रेजीडेंट्स की तरफ से पेश हुए वकील जगतपाल ठाकुर ने कई बिंदुओं पर आपत्ति जताई. जगतपाल ठाकुर ने कहा, "15 साल में 254 (1) के तहत कार्यवाही क्यों नहीं हुई? वर्ष 2010 में ये रिपोर्ट आई थी कि ग्राउंड फ्लोर कानूनी रूप से गलत बना है तो उसके ऊपर इतनी मंजिलें कैसे बनी?"
इस दौरान मस्जिद कमेटी की तरफ से कहा गया कि ढाई मंजिल तक का निर्माण वैध हो तो वकील जगतपाल ने कहा कि उसका नक्शा पेश किया जाए. नगर निगम के वकील राहुल ने कहा कि इस केस में थर्ड पार्टी यानी लोकल रेजीडेंट्स की जरूरत नहीं है. वहीं, जगतपाल का तर्क था कि 2002-03 में जमीन के आगे कागजों में कई मस्जिद नहीं है. इसके अलावा 1997-98 की जमाबंदी बताती है कि खसरा नंबर 66 के आगे कोई मस्जिद नहीं है.
वक्फ बोर्ड पेश कर रहा दलीलें
इसके बाद अब वक्फ बोर्ड के वकील की तरफ से दलीलें पेश की जा रही हैं. लोकल रेजीडेंट्स के वकील जगतपाल ठाकुर ने वक्फ बोर्ड के मालिकाना हक और उन्हें इस केस में देर से पार्टी बनाए जाने पर सवाल उठाए हैं. उसी पर वक्फ बोर्ड के वकील बीएस ठाकुर अपना पक्ष रख रहे हैं.
शाम 4 बजे फिर होगी सुनवाई
संजौली उपनगर में मस्जिद के अवैध निर्माण मामले में विभिन्न पार्टियों ने कमिश्नर कोर्ट में अपने पक्ष रखे. अब मामले की सुनवाई शाम 4 बजे फिर से होगी. वहीं, लोकल रेजिडेंट को मामले में पार्टी बनाने को लेकर आयुक्त की अदालत फैसला ले सकती है. इसके साथ ही मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड की एप्लीकेशन भी अदालत में ऑन रिकॉर्ड स्वीकार की गई.