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जमीन सरकारी या वक्फ बोर्ड की, कौन है सलीम टेलर और मोहम्मद लतीफ, संजौली मस्जिद विवाद में 14 साल में पहली बार लोकल रेजिडेंट बने पार्टी - Sanjauli Mosque Case

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 7, 2024, 1:11 PM IST

Updated : Sep 7, 2024, 1:18 PM IST

Waqf Board Claim on Sanjauli Mosque: हिमाचल प्रदेश में संजौली की मस्जिद में विवादित निर्माण मामले की सुनवाई के दौरान कई नए खुलासे हुए हैं. मस्जिद जमीन को लेकर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि ये जमीन बोर्ड की है. जबकि कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी दावा किया है कि जमीन सरकार की है और वक्फ कब्जाधारी है.

Waqf Board Claim on Sanjauli Mosque
संजौली मस्जिद विवाद मामला (ETV Bharat)
मोहम्मद लतीफ, पूर्व प्रधान, मस्जिद कमेटी, संजौली (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली की मस्जिद में विवादित निर्माण का मामला उलझता ही जा रहा है. शनिवार को नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कई नए खुलासे हुए. मस्जिद कमेटी के 2012 तक मुखिया रहे मोहम्मद लतीफ आज पहली बार कोर्ट में पेश हुए. वहीं, पहले इस मामले में नगर निगम की तरफ से नोटिस सलीम टेलर के नाम जाते रहे. मोहम्मद लतीफ को पहली बार नोटिस जारी हुआ और वे शनिवार को कोर्ट में पेश भी हुए. वक्फ बोर्ड के पास मस्जिद का जिम्मा पिछले साल ही आया है. पहले नोटिस सलीम टेलर के नाम जाते रहे, लेकिन ये सलीम टेलर है कहां, किसी को पता नहीं. सलीम टेलर संजौली में टेलरिंग की दुकान करता है. उसका रोल मामले में अहम है, लेकिन वो कहां है, इस पर कोई जानकारी नहीं है.

वक्फ बोर्ड और सरकार का दावा

वहीं, अब वक्फ बोर्ड इस केस में कूद गया है. शनिवार को वक्फ बोर्ड के वकील ने कोर्ट में कहा कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वो वक्फ के नाम है. वहीं, लोकल रेजीडेंट की तरफ से पेश हुए वकील ने दावा किया कि जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास है. यही दावा, कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी विधानसभा में किया था कि जमीन सरकार की है और वक्फ कब्जाधारी है. लोकल रेजिडेंट यानी संजौली के स्थानीय नागरिकों की तरफ से भी शनिवार को कोर्ट में आवेदन किया गया कि उन्हें भी मामले में पक्ष मानकर उनकी बात सुनी जाए. संजौली के नागरिकों की तरफ से पेश हुए वकील ने दावा किया कि मस्जिद कागजों में गैर मुमकिन के तौर पर दर्ज है. इससे स्पष्ट है कि जमीन सरकार की है.

मोहम्मद लतीफ बोले, अवैध हो तो कार्रवाई होनी चाहिए

मस्जिद कमेटी संजौली के पूर्व मुखिया मोहम्मद लतीफ ने बताया कि वे 2012 तक इस मस्जिद के प्रधान थे. उसके बाद बाहरी लोगों ने मस्जिद की एक लोकल कमेटी गठित की थी. लतीफ ने कहा कि यदि निर्माण गलत हुआ है तो कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों ने मस्जिद कमेटी बनाई, जिसके बाद ही सारा झगड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि मामले में पहली बार उनको नोटिस आया और वे कमिश्नर की अदालत में पेश हुए. हालांकि उन्होंने ये दावा किया कि जमीन वक्फ बोर्ड की है. उन्होंने बताया कि 2012 से पहले मस्जिद कच्ची थी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 के बाद क्या हुआ, क्या नहीं, उसके बारे में जानकारी नहीं है. वक्फ बोर्ड ने अब सारा रिकार्ड कमिश्नर कोर्ट में पेश कर दिया है.

ये भी पढ़ें: संजौली मस्जिद के विवादित निर्माण को लेकर अब अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को, कमिश्नर कोर्ट में निर्माण की डिटेल नहीं दे पाया वक्फ बोर्ड

ये भी पढ़ें: आखिर क्यों सुलगा संजौली में मस्जिद विवाद, कैसे एक मारपीट की घटना ने मचा दिया बवाल, विधानसभा तक पहुंचा मामला, सत्ता पक्ष में भी दिखी दरार

ये भी पढ़ें: संजौली में दो दिन के भीतर मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने का अल्टीमेटम, कुसुम्पटी बाजार में भी मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन

ये भी पढ़ें: मंत्री अनिरुद्ध के बयान पर छिड़ा घमासान, अवैध मस्जिद निर्माण पर मचा सियासी तूफान, रोहिंग्या घुसपैठ से लेकर लव जिहाद तक पहुंची बात!

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ये भी पढ़ें: "संजौली में होता रहा अवैध मस्जिद निर्माण और सोया रहा प्रशासन, दोषी अधिकारियों पर होगी कार्रवाई"

मोहम्मद लतीफ, पूर्व प्रधान, मस्जिद कमेटी, संजौली (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली की मस्जिद में विवादित निर्माण का मामला उलझता ही जा रहा है. शनिवार को नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कई नए खुलासे हुए. मस्जिद कमेटी के 2012 तक मुखिया रहे मोहम्मद लतीफ आज पहली बार कोर्ट में पेश हुए. वहीं, पहले इस मामले में नगर निगम की तरफ से नोटिस सलीम टेलर के नाम जाते रहे. मोहम्मद लतीफ को पहली बार नोटिस जारी हुआ और वे शनिवार को कोर्ट में पेश भी हुए. वक्फ बोर्ड के पास मस्जिद का जिम्मा पिछले साल ही आया है. पहले नोटिस सलीम टेलर के नाम जाते रहे, लेकिन ये सलीम टेलर है कहां, किसी को पता नहीं. सलीम टेलर संजौली में टेलरिंग की दुकान करता है. उसका रोल मामले में अहम है, लेकिन वो कहां है, इस पर कोई जानकारी नहीं है.

वक्फ बोर्ड और सरकार का दावा

वहीं, अब वक्फ बोर्ड इस केस में कूद गया है. शनिवार को वक्फ बोर्ड के वकील ने कोर्ट में कहा कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वो वक्फ के नाम है. वहीं, लोकल रेजीडेंट की तरफ से पेश हुए वकील ने दावा किया कि जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास है. यही दावा, कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी विधानसभा में किया था कि जमीन सरकार की है और वक्फ कब्जाधारी है. लोकल रेजिडेंट यानी संजौली के स्थानीय नागरिकों की तरफ से भी शनिवार को कोर्ट में आवेदन किया गया कि उन्हें भी मामले में पक्ष मानकर उनकी बात सुनी जाए. संजौली के नागरिकों की तरफ से पेश हुए वकील ने दावा किया कि मस्जिद कागजों में गैर मुमकिन के तौर पर दर्ज है. इससे स्पष्ट है कि जमीन सरकार की है.

मोहम्मद लतीफ बोले, अवैध हो तो कार्रवाई होनी चाहिए

मस्जिद कमेटी संजौली के पूर्व मुखिया मोहम्मद लतीफ ने बताया कि वे 2012 तक इस मस्जिद के प्रधान थे. उसके बाद बाहरी लोगों ने मस्जिद की एक लोकल कमेटी गठित की थी. लतीफ ने कहा कि यदि निर्माण गलत हुआ है तो कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों ने मस्जिद कमेटी बनाई, जिसके बाद ही सारा झगड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि मामले में पहली बार उनको नोटिस आया और वे कमिश्नर की अदालत में पेश हुए. हालांकि उन्होंने ये दावा किया कि जमीन वक्फ बोर्ड की है. उन्होंने बताया कि 2012 से पहले मस्जिद कच्ची थी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 के बाद क्या हुआ, क्या नहीं, उसके बारे में जानकारी नहीं है. वक्फ बोर्ड ने अब सारा रिकार्ड कमिश्नर कोर्ट में पेश कर दिया है.

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Last Updated : Sep 7, 2024, 1:18 PM IST
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