जयपुर : अब पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान के अंदर आयुर्वेद का एक बड़ा केंद्र खोला जाएगा. रविवार को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की ओर से आयोजित संयोजनम 2024 के समापन सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने ये घोषणा की. साथ ही कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने आयुर्वेद को लेकर कोई काम नहीं किया, लेकिन मोदी सरकार ने आयुर्वेद मंत्रालय भी खोला और अब युवाओं का रुझान भी आयुर्वेद की तरफ बढ़ रहा है. वहीं, समापन सत्र से पहले संयोजनम कार्यक्रम में एक विश्व कीर्तिमान भी बना. यहां 2500 से ज्यादा देशी-विदेशी छात्रों ने एक साथ चरक संहिता के श्लोक का पाठ किया.
विश्व आयुर्वेद परिषद, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर और जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार से शुरू हुए आयुर्वेद कुंभ संयोजनम 2024 का रविवार को समापन हुआ. समापन कार्यक्रम में पहुंची उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने आयुर्वेद पर ध्यान नहीं दिया, जबकि वर्तमान मोदी सरकार ने आयुर्वेद मंत्रालय का गठन भी किया है.
आयुर्वेद से जुड़ी कई ऐसी योजनाएं लाए, जिससे लोगों में जागरूकता बढ़ी और लाभ भी मिला. कोविड काल में भी आयुर्वेद का काढ़ा पीने से लोगों की इम्युनिटी बढ़ी. अब यूथ का भी एलोपैथी से हटकर आयुर्वेद, नेचुरल मेडिसिन, ट्रीटमेंट और योग की तरफ रुझान बढ़ा है. एलोपैथी दवाइयां से पूरा लाभ भी नहीं मिलता और उनके दूरगामी साइड इफेक्ट भी होते हैं, जबकि आयुर्वेद पूरी तरह से सुरक्षित है. किसी भी बीमारी का जड़ से इलाज आयुर्वेद में ही संभव है.
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इस दौरान उन्होंने यहां चरक संहिता के सामूहिक पाठ का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने पर बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश में आयुर्वेद से जुड़ा एक भी इंटरनेशनल सेंटर नहीं है, जहां बाहर से आने वाले लोग रिसर्च कर सकें और आयुर्वेद विषय को सीख सकें. ऐसे में राजस्थान में आयुर्वेद का एक बड़ा केंद्र बनाने की प्लानिंग है, जिससे यहां पर्यटक भी आकर आयुर्वेद का लाभ ले सकें और देश-विदेश से लोग आकर आयुर्वेद में रिसर्च करें.
उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि राइजिंग राजस्थान में भी आयुर्वेद को लेकर 1500 करोड़ का इन्वेस्टमेंट आया है और इसमें जितना निवेश आए उतना कम है, क्योंकि राजस्थान में भौगोलिक दृष्टि से सारी उपलब्धता है. जमीन, सोलर एनर्जी और नेचुरल रिसोर्सेस पर्याप्त हैं तो यदि आयुर्वेद से जुड़े सेंटर यहां पर आएंगे तो अच्छा रिस्पांस भी उन्हें मिलेगा.
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने बताया कि तीन दिवसीय संयोजनम् कार्यक्रम में एक विश्व रिकॉर्ड बना है. यहां 1 घंटे का चरक संहिता पाठ किया गया है, जिसमें पूरे देश और कुछ विदेशी छात्रों ने सम्मिलित होकर सामूहिक संहिता पाठ किया. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद का ज्ञान संहिताओं में है, ये सभी संहिता संस्कृत में है. एक-एक सूत्र संस्कृत में लिखा गया है, जिस पर कई ग्रंथ की रचना की जा सकती है. उनका जो भाव है उसे समझाना बहुत जरूरी है. इसका उद्देश्य यभी ही था कि जो युवा छात्र, युवा वैज्ञानिक, आयुर्वेदाग्य संहिता से जुड़ें. मूल आयुर्वेद की भावनाओं से जुड़े और लोकहित में इसका प्रयोग करें.
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के विस्तार को लेकर के बहुत सारी महत्वाकांक्षी योजना भारत और दूसरे राज्यों की सरकार लेकर आई हैं, जहां तक राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की बात है तो ये अब एक परिसर तक सीमित नहीं है. विश्व स्वास्थ्य की कामना में इसे बढ़ावा दिया जा रहा है. राजस्थान में ही 6 केंद्र और काम कर रहे हैं. हरियाणा पंचकूला में एक राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का प्रकल्प शुरू कर चुके हैं और फिलिपींस के साथ एक समझौता हुआ है. इसके तहत वहां भी आयुर्वेद संस्थान शुरू करने की प्लानिंग की जा रही है. संयोजनम कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने आयुर्वेद की एक बुक का भी विमोचन किया. वहीं, प्रदेश के वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्यों को सम्मानित भी किया गया.