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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की नई गाइडलाइन; अब एडमिशन के लिए संस्कृत बैकग्राउंड की अनिवार्यता खत्म - Sanskrit University Admission

विश्वविद्यालय प्रशासन इस गाइडलाइन को सत्र 2024-2025 से लागू करेगा. यह पूरी प्रक्रिया तब अपनाई जा रही है, जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि शास्त्री विषय में दाखिला लेने के लिए संस्कृत विषय का बैकग्राउंड होने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 8, 2024, 3:09 PM IST

वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शास्त्री विषय में अब दो सेमेस्टर में पढ़ाई होगी. विश्वविद्यालय द्वारा इसके लिए दो सेमेस्टर का पाठ्यक्रम बनाया गया है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने वालों के लिए नई गाइडलाइन बनाई गई है.

विश्वविद्यालय प्रशासन इस गाइडलाइन को सत्र 2024-2025 से लागू करेगा. यह पूरी प्रक्रिया तब अपनाई जा रही है, जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि शास्त्री विषय में दाखिला लेने के लिए संस्कृत विषय का बैकग्राउंड होने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाए.

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए पहले यह नियम था कि, संबंधित अभ्यर्थी को जिस भी क्लास के लिए एडमिशन लेना होता था, उसके लिए योग्यता प्रदायी विषय में संस्कृत विषय की पढ़ाई जरूरी थी.

एडमिशन के लिए गाइडलाइन

  • उन सभी विषयों में, जिनमें संबंधित विषयों में उत्तर मध्यमा उत्तीर्ण करना आवश्यक है, उनको छोड़कर सभी में बिना संस्कृत के 12वीं उत्तीर्ण छात्र एडमिशन के लिए आवेदन कर सकेंगे.
  • ज्योतिष विषय में किसी भी विषय के उत्तर मध्यमा से उत्तीर्ण छात्र एडमिशन ले सकेंगे.
  • प्रवेश अर्हता सूची में परंपरागत विषय में उत्तर मध्यमा उत्तीर्ण छात्रों को वरीयता दी जाएगी.
  • उत्तर मध्यमा में प्रवेश के लिए बची सामान्य धारा के 12वीं उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा.
  • बिना संस्कृत विषय के उत्तीर्ण छात्रों को शास्त्री प्रथम, द्वितीय सेमेस्टर में संस्कृत भाषा पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना होगा.

ऐसे में संस्कृत विषय की पढ़ाई न करने वाले छात्र एडमिशन नहीं ले पाते थे. इसी नियम को सरल बनाने का काम किया जा रहा है. नियमों में सरलता लाने के लिए बीते दिनों विद्या परिषद की बैठक में समिति का गठन कर पाठ्यक्रम तैयार किए जाने के लिए दिशानिर्देश दिए गए थे.

शास्त्री में दो सेमेस्टर का पाठ्यक्रम बना: विश्वविद्यालय द्वार पहले तो संस्कृत विषय की अनिवार्यता को समाप्त किया गया. इसके बाद अब फैसला लेते हुए शास्त्री में दो सेमेस्टर का पाठ्यक्रम बना दिया गया है. इसके लेकर कुलसचिव राकेश कुमार की ओर से संबंधित विभागों को आदेश भेजा जा चुका है.

विश्वविद्यालय की ओर से तैयार नई गाइडलाइन को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जा चुका है. शास्त्री में एडमिशन के लिए संस्कृत भाषा पाठ्यक्रम में पहले सेमेस्टर में संधि प्रकरण, कारण प्रकरण, अनुवाद. वहीं द्वितीय सेमेस्टर में समास प्रकरण, समास शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ेंः अब कथावाचक बनने की भी होगी पढ़ाई, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने शुरू किया कोर्स

वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शास्त्री विषय में अब दो सेमेस्टर में पढ़ाई होगी. विश्वविद्यालय द्वारा इसके लिए दो सेमेस्टर का पाठ्यक्रम बनाया गया है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने वालों के लिए नई गाइडलाइन बनाई गई है.

विश्वविद्यालय प्रशासन इस गाइडलाइन को सत्र 2024-2025 से लागू करेगा. यह पूरी प्रक्रिया तब अपनाई जा रही है, जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि शास्त्री विषय में दाखिला लेने के लिए संस्कृत विषय का बैकग्राउंड होने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाए.

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए पहले यह नियम था कि, संबंधित अभ्यर्थी को जिस भी क्लास के लिए एडमिशन लेना होता था, उसके लिए योग्यता प्रदायी विषय में संस्कृत विषय की पढ़ाई जरूरी थी.

एडमिशन के लिए गाइडलाइन

  • उन सभी विषयों में, जिनमें संबंधित विषयों में उत्तर मध्यमा उत्तीर्ण करना आवश्यक है, उनको छोड़कर सभी में बिना संस्कृत के 12वीं उत्तीर्ण छात्र एडमिशन के लिए आवेदन कर सकेंगे.
  • ज्योतिष विषय में किसी भी विषय के उत्तर मध्यमा से उत्तीर्ण छात्र एडमिशन ले सकेंगे.
  • प्रवेश अर्हता सूची में परंपरागत विषय में उत्तर मध्यमा उत्तीर्ण छात्रों को वरीयता दी जाएगी.
  • उत्तर मध्यमा में प्रवेश के लिए बची सामान्य धारा के 12वीं उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा.
  • बिना संस्कृत विषय के उत्तीर्ण छात्रों को शास्त्री प्रथम, द्वितीय सेमेस्टर में संस्कृत भाषा पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना होगा.

ऐसे में संस्कृत विषय की पढ़ाई न करने वाले छात्र एडमिशन नहीं ले पाते थे. इसी नियम को सरल बनाने का काम किया जा रहा है. नियमों में सरलता लाने के लिए बीते दिनों विद्या परिषद की बैठक में समिति का गठन कर पाठ्यक्रम तैयार किए जाने के लिए दिशानिर्देश दिए गए थे.

शास्त्री में दो सेमेस्टर का पाठ्यक्रम बना: विश्वविद्यालय द्वार पहले तो संस्कृत विषय की अनिवार्यता को समाप्त किया गया. इसके बाद अब फैसला लेते हुए शास्त्री में दो सेमेस्टर का पाठ्यक्रम बना दिया गया है. इसके लेकर कुलसचिव राकेश कुमार की ओर से संबंधित विभागों को आदेश भेजा जा चुका है.

विश्वविद्यालय की ओर से तैयार नई गाइडलाइन को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जा चुका है. शास्त्री में एडमिशन के लिए संस्कृत भाषा पाठ्यक्रम में पहले सेमेस्टर में संधि प्रकरण, कारण प्रकरण, अनुवाद. वहीं द्वितीय सेमेस्टर में समास प्रकरण, समास शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ेंः अब कथावाचक बनने की भी होगी पढ़ाई, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने शुरू किया कोर्स

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