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संभल हिंसा: तीन न्यायिक जांच कमेटी ने दर्ज किए बयान, दंगों के पीड़ित ज्ञापन देने पहुंचे - SAMBHAL VIOLENCE

बीते साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई थी हिंसा.

पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस
पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 30, 2025, 3:48 PM IST

Updated : Jan 30, 2025, 6:13 PM IST

संभल : जिले में बीते साल 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद सरकार की ओर से गठित तीन सदस्यीय न्यायिक जांच कमेटी गुरुवार को संभल पहुंची. पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में टीम ने कई लोगों के बयान दर्ज किए. इस दौरान जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई भी मौजूद रहे. न्यायिक जांच कमेटी करीब 6 घंटे तक गेस्ट हाउस में रही. इसके बाद रवाना हो गई. इधर, साल 1978 ,1986 और 1992 में हुए दंगों में अपनों को खोने तथा भारी नुकसान झेलने वाले पीड़ित परिवार भी इंसाफ की मांग को लेकर गेस्ट हाउस पहुंचे.

संभल में न्यायिक जांच कमेटी ने दर्ज किए बयान. (Video Credit; ETV Bharat)

जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि गुरुवार सुबह न्यायिक जांच कमेटी की तीन सदस्यीय टीम पहुंची है. टीम पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में गवाहों के बयान दर्ज करने पहुंची है. सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे. इस दौरान भाजपा के पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल ने बताया कि 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा को लेकर अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे हैं. उनके साथ तमाम वह लोग भी पहुंचे हैं, जिन्होंने 24 नवंबर को ही हिंसा को प्रत्यक्ष तौर पर अपनी आंखों से देखा था. उन्होंने संभल हिंसा मामले में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को सराहा.

संभल में दंगा पीड़ितों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा. (Video Credit; ETV Bharat)

बता दें कि संभल में बीते साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी. हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एसपी, सीओ समेत 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. पथराव, फायरिंग और आगजनी में कई गाड़ियां फूंक दी गई थीं, जमकर तोड़फोड़ भी हुई थी. इस मामले में सरकार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी, जिसमें हाईकोर्ट के पूर्व रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था, वहीं रिटायर्ड आईपीएस एके जैन और अमित मोहन प्रसाद को सदस्य के रूप में शामिल किया गया था. टीम गठित होने के बाद पहली बार जांच कमेटी बीते साल 1 दिसंबर को संभल पहुंची थी. टीम ने जामा मस्जिद सहित हिंसा ग्रस्त इलाके का भ्रमण किया था उनके साथ डीएम और एसपी भी शामिल थे. इसके बाद न्यायिक जांच कमेटी इसी महीने 21 जनवरी को संभल पहुंची थी, जहां आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र अरोड़ा सहित कमेटी के तीनों सदस्यों ने सबसे पहले हिंसा प्रभावित जामा मस्जिद क्षेत्र का दौरा किया था.

भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)

उधर, न्यायिक जांच कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए साल 1978 ,1986 और 1992 में हुए दंगों में अपनों को खोने तथा भारी नुकसान झेलने वाले पीड़ित परिवार मार्च निकालकर पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंचे. हाथों में 'हमें इंसाफ दो' जैसे स्लोगन लिखीं तख्तियां लेकर पहुंचे इन दंगा पीड़ित परिवारों ने न्याय दिलाने की मांग उठाई. हालांकि, इन पीड़ित परिजनों को गेस्ट हाउस के बाहर ही पुलिस प्रशासन ने रोक लिया. इस मामले में एसडीएम डॉक्टर वंदना मिश्रा को दंगा पीड़ित परिजनों ने ज्ञापन सौंपा.

संभल में दंगा पीड़ितों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा.
संभल में दंगा पीड़ितों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा. (Photo Credit; ETV Bharat)

1978 में हुए दंगे के पीड़ित मनोज कुमार ने बताया कि वे टिल्लू पुरा के रहने वाले हैं. 1978 के दंगों में उनके दादा किशन सिंह और दादी नरेनी को बनवारी लाल मुरारी लाल के फाटक में जिंदा जला दिया गया था. उनकी लाश भी नहीं मिली थी. उसका न्याय उन्हें आज तक नहीं मिला है. इसलिए दोषियों को सजा दी जाए. साथ ही घटना का पूरा खुलासा किया जाए. वहीं, 1978 के दंगों के एक और पीड़ित विष्णु शंकर रस्तोगी ने कहा कि उस दंगों में उनकी दुकान जला दी गई थी, उसमें उन्हें बहुत बड़ा नुकसान हुआ था. सिर्फ दो सौ रुपए का मुआवजा मिला था. हमारे नुकसान का पुनर्निर्धारण हो, साथ ही सरकार 1978 के दंगों की जांच दोबारा कराए. जिससे उन दंगों की असलियत देश की जनता जान सके.

वहीं, सदर SDM डॉ वंदना मिश्रा ने बताया कि संभल के लोगों द्वारा पूर्व में संभल में जो दंगे हुए हैं, उनकी जांच के लिए ज्ञापन दिया है, जिसे आयोग के लिए दे दिया जाएगा. कहा कि आज आयोग सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान ले रहा है. सर्व साधारण के लिए पिछली डेट मिली थी. अगली डेट की कोई तिथि नियत की जाएगी तो सर्व साधारण को सूचित कर दिया जाएगा. आयोग का आज का दिन ड्यूटी पर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नियत है.

यह भी पढ़ें : संभल हिंसा; जांच न्यायिक कमेटी ने जामा मस्जिद सहित प्रभावित इलाकों का किया दौरा, 51 गवाहों के दर्ज किए बयान - SAMBHAL VIOLENCE

यह भी पढ़ें : संभल हिंसा: न्यायिक जांच कमेटी ने हिंसाग्रस्त इलाकों का लिया जायजा, शाही जामा मस्जिद भी गई, परिजनों से मिले सपा विधायक - SAMBHAL VIOLENCE

संभल : जिले में बीते साल 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद सरकार की ओर से गठित तीन सदस्यीय न्यायिक जांच कमेटी गुरुवार को संभल पहुंची. पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में टीम ने कई लोगों के बयान दर्ज किए. इस दौरान जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई भी मौजूद रहे. न्यायिक जांच कमेटी करीब 6 घंटे तक गेस्ट हाउस में रही. इसके बाद रवाना हो गई. इधर, साल 1978 ,1986 और 1992 में हुए दंगों में अपनों को खोने तथा भारी नुकसान झेलने वाले पीड़ित परिवार भी इंसाफ की मांग को लेकर गेस्ट हाउस पहुंचे.

संभल में न्यायिक जांच कमेटी ने दर्ज किए बयान. (Video Credit; ETV Bharat)

जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि गुरुवार सुबह न्यायिक जांच कमेटी की तीन सदस्यीय टीम पहुंची है. टीम पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में गवाहों के बयान दर्ज करने पहुंची है. सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे. इस दौरान भाजपा के पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल ने बताया कि 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा को लेकर अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे हैं. उनके साथ तमाम वह लोग भी पहुंचे हैं, जिन्होंने 24 नवंबर को ही हिंसा को प्रत्यक्ष तौर पर अपनी आंखों से देखा था. उन्होंने संभल हिंसा मामले में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को सराहा.

संभल में दंगा पीड़ितों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा. (Video Credit; ETV Bharat)

बता दें कि संभल में बीते साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी. हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एसपी, सीओ समेत 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. पथराव, फायरिंग और आगजनी में कई गाड़ियां फूंक दी गई थीं, जमकर तोड़फोड़ भी हुई थी. इस मामले में सरकार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी, जिसमें हाईकोर्ट के पूर्व रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था, वहीं रिटायर्ड आईपीएस एके जैन और अमित मोहन प्रसाद को सदस्य के रूप में शामिल किया गया था. टीम गठित होने के बाद पहली बार जांच कमेटी बीते साल 1 दिसंबर को संभल पहुंची थी. टीम ने जामा मस्जिद सहित हिंसा ग्रस्त इलाके का भ्रमण किया था उनके साथ डीएम और एसपी भी शामिल थे. इसके बाद न्यायिक जांच कमेटी इसी महीने 21 जनवरी को संभल पहुंची थी, जहां आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र अरोड़ा सहित कमेटी के तीनों सदस्यों ने सबसे पहले हिंसा प्रभावित जामा मस्जिद क्षेत्र का दौरा किया था.

भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)

उधर, न्यायिक जांच कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए साल 1978 ,1986 और 1992 में हुए दंगों में अपनों को खोने तथा भारी नुकसान झेलने वाले पीड़ित परिवार मार्च निकालकर पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंचे. हाथों में 'हमें इंसाफ दो' जैसे स्लोगन लिखीं तख्तियां लेकर पहुंचे इन दंगा पीड़ित परिवारों ने न्याय दिलाने की मांग उठाई. हालांकि, इन पीड़ित परिजनों को गेस्ट हाउस के बाहर ही पुलिस प्रशासन ने रोक लिया. इस मामले में एसडीएम डॉक्टर वंदना मिश्रा को दंगा पीड़ित परिजनों ने ज्ञापन सौंपा.

संभल में दंगा पीड़ितों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा.
संभल में दंगा पीड़ितों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा. (Photo Credit; ETV Bharat)

1978 में हुए दंगे के पीड़ित मनोज कुमार ने बताया कि वे टिल्लू पुरा के रहने वाले हैं. 1978 के दंगों में उनके दादा किशन सिंह और दादी नरेनी को बनवारी लाल मुरारी लाल के फाटक में जिंदा जला दिया गया था. उनकी लाश भी नहीं मिली थी. उसका न्याय उन्हें आज तक नहीं मिला है. इसलिए दोषियों को सजा दी जाए. साथ ही घटना का पूरा खुलासा किया जाए. वहीं, 1978 के दंगों के एक और पीड़ित विष्णु शंकर रस्तोगी ने कहा कि उस दंगों में उनकी दुकान जला दी गई थी, उसमें उन्हें बहुत बड़ा नुकसान हुआ था. सिर्फ दो सौ रुपए का मुआवजा मिला था. हमारे नुकसान का पुनर्निर्धारण हो, साथ ही सरकार 1978 के दंगों की जांच दोबारा कराए. जिससे उन दंगों की असलियत देश की जनता जान सके.

वहीं, सदर SDM डॉ वंदना मिश्रा ने बताया कि संभल के लोगों द्वारा पूर्व में संभल में जो दंगे हुए हैं, उनकी जांच के लिए ज्ञापन दिया है, जिसे आयोग के लिए दे दिया जाएगा. कहा कि आज आयोग सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान ले रहा है. सर्व साधारण के लिए पिछली डेट मिली थी. अगली डेट की कोई तिथि नियत की जाएगी तो सर्व साधारण को सूचित कर दिया जाएगा. आयोग का आज का दिन ड्यूटी पर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नियत है.

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Last Updated : Jan 30, 2025, 6:13 PM IST
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