समस्तीपुरः बिहार के समस्तीपुर लोकसभा एक हॉट सीट बनता नजर आ रहा है. यहां से जदयू के दो मंत्रियों के परिवार के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. जदयू के ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी चिराग पासवान की पार्टी से टिकट लेकर प्रचार-प्रसार कर रही हैं. दूसरी ओर जदयू के ही सूचना और जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद समस्तीपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.
LJPR को पांच सीट में एक समस्तीपुर भीः दरअसल, एनडीए में सीट शेयरिंग में भाजपा को 17, जदयू को 16, लोजपा रामविलास को 5, हम को एक और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 1 सीट मिली थी. लोजपा रामविलास के नेता चिराग पासवान को मिली पांच सीट में एक समस्तीपुर भी है. शीट शेयरिंग के एक सप्ताह के अंदर महेश्वर हजारी पूरे परिवार के साथ चिराग पासवान से मुलाकात की थी.
सन्नी के बदले शांभवी को मिला टिकटः खबर सामने आयी थी कि महेश्वर हजारी अपने बेटे सन्नी हजारी के लिए समस्तीपुर से लोकसभा का टिकट चाह रहे हैं. लेकिन समस्तीपुर के मौजूदा सांसद प्रिंस राज को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ था. दरअसल, चिराग पासवान चाहते थे कि उनके भाई प्रिंस पासवान रालोसपा से लोजपा रामविलास में आ जाएं तो उन्हें समस्तीपुर से चुनाव लड़ाएं लेकिन ऐसा नहीं होने पर चिराग पासवान ने समस्तीपुर का टिकट जदयू के मंत्री अशोक चौधरी के बेटी शांभवी चौधरी को दे दिया.
इस कारण से महेश्वर हजारी के बेटे कांग्रेस में गएः यही कारण रहा कि महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी कुमार को कांग्रेस में जाना पड़ा. इसके बारे में महेश्वर हजारी ने खुद ईटीवी भारत के संवाददाता से फोन पर बात करते हुए कहा था. उन्होंने बताया था कि "सन्नी कुमार को टिकट नहीं मिला तो उसने अपना फैसला लिया है. समस्तीपुर में लोगों का बहुत दबाव था इसलिए उसने कांग्रेस से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है."
पिछले दरवाजे से बेटे का समथर्न कर सकते हैं हजारी: इस तरह से देखें तो जदयू के दोनों मंत्रियों के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा है. हालांकि महेश्वर हजारी ने कहा है कि वे अपने बेटे के लिए कोई प्रचार-प्रसार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि वे सिर्फ एनडीए के लिए ही प्रचार करेंगे. लेकिन अशोक चौधरी खुलकर अपनी बेटे के लिए प्रचार कर रहे हैं. क्योंकि जदयू और LJPR दोनों एनडीए के ही घटक दल हैं. ऐसे में महेश्वर हजारी के हाथ बंधा हुआ है. हालांकि इसकी चर्चा तेज है कि महेश्वर हजारी गुप्त दरवाजे से बेटे का समर्थन करेंगे.
कांग्रेस ने अभी टिकट की घोषणा नहीं कीः दरअसल महेश्वर हजारी समस्तीपुर लोकसभा से एक बार सांसद रह चुके हैं. इसी संसदीय क्षेत्र से लगातार विधायक चुनते आ रहे हैं. महेश्वर हजारी की इच्छा है कि उनका बेटा समस्तीपुर से चुनाव लड़े लेकिन चिराग पासवान से टिकट नहीं मिलने के कारण कांग्रेस का दामन थामना पड़ा. समस्तीपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में ही है. हालांकि कांग्रेस की ओर से अभी तक यहां से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है.
कौन है सन्नी हजारी?: महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी वर्तमान में समस्तीपुर के प्रखंड प्रमुख के पद पर हैं. पिता भी समस्तीपुर से सांसद रह चुके हैं. ऐसे में वे अपने पिता के क्षेत्र को आगे बढ़ाना चाहते हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि "सन्नी हजारी युवा नेता हैं. उनके पिता जी के साथ हमलागों ने काम किया है. दोनों को अच्छी तरह जानते हैं. अब जेडीयू का कोई सियासी भविष्य बचा नहीं है. ऐसे में सन्नी ने सही समय पर बिल्कुल सही फैसला लिया है."
कौन है शांभवी चौधरी? शांभवी चौधरी बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी है. अशोक चौधरी के पिता भी राजनीति में रहे हैं. शांभवी चौधरी पूर्व आईपीएस कुणाल किशोर की बहू है. ईटीवी भारत से बातचीत में शांभवी ने बताया कि काफी समय से तमन्ना थी कि वे चुनाव लड़े. उन्होंने बताया कि समस्तीपुर से चुनाव लड़ने का फैसला उनका और उनके पति का है.
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