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आरक्षण पर रार; लालजी वर्मा की पोस्ट पर अनुप्रिया पटेल ने सीएम योगी को लिखी चिट्ठी, कहा-खत्म न किया जाए आरक्षण - Reservation in Government Job Issue

लालजी वर्मा ने यूपी की सरकरी नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा उठाया तो एनडीए गठबंधन की सहयोगी पार्टी अपना दल एस की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी योगी सरकार को चिट्ठी लिख दी. अनुप्रिया पटेल की चिट्ठी से योगी सरकार पर सवाल खड़े हो गए हैं.

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केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सीएम योगी को लिखी चिट्ठी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 29, 2024, 10:26 AM IST

अम्बेडकरनगर: यूपी की अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट से सपा सांसद लालजी वर्मा की एक एक्स पोस्ट ने यूपी की सियासत में हलचल मचा दी है. लालजी वर्मा ने ऐसे मुद्दे को छेड़ा कि अब एनडीए गठबंधन में ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं.

लालजी वर्मा ने यूपी की सरकरी नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा उठाया तो एनडीए गठबंधन की सहयोगी पार्टी अपना दल एस की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी योगी सरकार को चिट्ठी लिख दी. अनुप्रिया पटेल की चिट्ठी से योगी सरकार पर सवाल खड़े हो गए हैं. लालजी वर्मा ने योग्य न होने का हवाला दे कर आरक्षित पदों को खत्म करने का मुद्दा उठाया है.

सपा के नवनिर्वाचित सांसद लालजी वर्मा ने एक्स पर एक पोस्ट लिखा है- "SGPGI लखनऊ में NEUROLOGY DEPARTMENT में प्रोफेसर की दो सीट थी जिसमें एक सीट UR और एक सीट OBC की थी. इस एक सीट के लिए डॉ. सर्वेश वर्मा अकेले उम्मीदवार थे. सर्वेश वर्मा ने अपने पहले ही प्रयास में MBBS और उसके उपरांत MD MEDICINE में क्वालीफाई किया था. सर्वेश वर्मा को DM NEUROLOGY के लिए काउंसलिंग में SGPGI में पहली सीट आवंटित हुई थी. DM की परीक्षा में कोई आरक्षण लागू नहीं होता है. ऐसे टैलेंटेड डॉक्टर को Not found suitable करके बाहर कर दिया गया." लालजी वर्मा ने पूछा है कि बड़े संस्थानों में ऐसा क्यों होता है. जहां OBC की सीटें Not found suitable करके खाली छोड़ दी जाती है. क्या ओबीसी होना ही डॉ. सर्वेश का गुनाह है.

लालजी वर्मा की इस पोस्ट के बाद केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी अब यूपी सरकार को चिट्ठी लिखी है. अनुप्रिया पटेल ने लिखा है कि जिन पदों पर साक्षात्कार से नियुक्ति होती है उन पर ओबीसी, एससी और एसटी के पदों को not found suitable का हवाला दे कर आरक्षण को खत्म न किया जाए. बल्कि उस पद को तब तक रिक्त रखा जाए जब तक उस श्रेणी का योग्य अभ्यर्थी न मिल जाए.

लोकसभा चुनाव के दौरान इंडी गठबंधन ने आरक्षण को प्रमुख मुद्दा बना कर भाजपा को घेरा था. चुनाव बाद जो नतीजे आए उसमें इंडी गठबन्धन को जबरदस्त सफलता मिली थी. चुनाव में बीजेपी की हार के बाद से ही दबी जुबान में तमाम भाजपाई नौकरियों में आरक्षण के साथ हुई छेड़छाड़ का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है. भाजपा ने हार का पता लगाने के लिए जो समीक्षा बैठक की उसमें आरक्षण का मुद्दा प्रमुखता से उठा.

ये भी पढ़ेंः IAS-PCS अफसरों के बाद अब शिक्षा विभाग में तबादले; 5 यूनिवर्सिटी के कुल सचिव और परीक्षा नियंत्रक बदले

अम्बेडकरनगर: यूपी की अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट से सपा सांसद लालजी वर्मा की एक एक्स पोस्ट ने यूपी की सियासत में हलचल मचा दी है. लालजी वर्मा ने ऐसे मुद्दे को छेड़ा कि अब एनडीए गठबंधन में ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं.

लालजी वर्मा ने यूपी की सरकरी नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा उठाया तो एनडीए गठबंधन की सहयोगी पार्टी अपना दल एस की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी योगी सरकार को चिट्ठी लिख दी. अनुप्रिया पटेल की चिट्ठी से योगी सरकार पर सवाल खड़े हो गए हैं. लालजी वर्मा ने योग्य न होने का हवाला दे कर आरक्षित पदों को खत्म करने का मुद्दा उठाया है.

सपा के नवनिर्वाचित सांसद लालजी वर्मा ने एक्स पर एक पोस्ट लिखा है- "SGPGI लखनऊ में NEUROLOGY DEPARTMENT में प्रोफेसर की दो सीट थी जिसमें एक सीट UR और एक सीट OBC की थी. इस एक सीट के लिए डॉ. सर्वेश वर्मा अकेले उम्मीदवार थे. सर्वेश वर्मा ने अपने पहले ही प्रयास में MBBS और उसके उपरांत MD MEDICINE में क्वालीफाई किया था. सर्वेश वर्मा को DM NEUROLOGY के लिए काउंसलिंग में SGPGI में पहली सीट आवंटित हुई थी. DM की परीक्षा में कोई आरक्षण लागू नहीं होता है. ऐसे टैलेंटेड डॉक्टर को Not found suitable करके बाहर कर दिया गया." लालजी वर्मा ने पूछा है कि बड़े संस्थानों में ऐसा क्यों होता है. जहां OBC की सीटें Not found suitable करके खाली छोड़ दी जाती है. क्या ओबीसी होना ही डॉ. सर्वेश का गुनाह है.

लालजी वर्मा की इस पोस्ट के बाद केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी अब यूपी सरकार को चिट्ठी लिखी है. अनुप्रिया पटेल ने लिखा है कि जिन पदों पर साक्षात्कार से नियुक्ति होती है उन पर ओबीसी, एससी और एसटी के पदों को not found suitable का हवाला दे कर आरक्षण को खत्म न किया जाए. बल्कि उस पद को तब तक रिक्त रखा जाए जब तक उस श्रेणी का योग्य अभ्यर्थी न मिल जाए.

लोकसभा चुनाव के दौरान इंडी गठबंधन ने आरक्षण को प्रमुख मुद्दा बना कर भाजपा को घेरा था. चुनाव बाद जो नतीजे आए उसमें इंडी गठबन्धन को जबरदस्त सफलता मिली थी. चुनाव में बीजेपी की हार के बाद से ही दबी जुबान में तमाम भाजपाई नौकरियों में आरक्षण के साथ हुई छेड़छाड़ का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है. भाजपा ने हार का पता लगाने के लिए जो समीक्षा बैठक की उसमें आरक्षण का मुद्दा प्रमुखता से उठा.

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