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राम मंदिर के बाद साधु संतों में मथुरा और ज्ञानवापी की जगी उम्मीद, 2024 में इन्हें जिताने की अपील

Hope arose among saints regarding Gyanvapi and Mathura अयोध्या राम मंदिर निर्माण के बाद साधु संतों की नजर ज्ञानवापी और मथुरा पर है. गणतंत्र दिवस पर बाबा रामदेव ने मुस्लिमों से आह्वान किया था कि जहां भी हिंदू धर्मस्थलों पर मस्जिदें बनी हैं, उन्हें हिंदुओं को सौंप दिया जाए. इससे राष्ट्रीय एकता और सौहार्द बढ़ेंगे. अब साधु संत ज्ञानवापी और मथुरा के धर्मस्थल हासिल करने के लिए 2024 में नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने की लोगों से अपील कर रहे हैं.

Gyanvapi and Mathura
हरिद्वार साधु संत
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 27, 2024, 11:57 AM IST

Updated : Jan 27, 2024, 3:56 PM IST

संतों में मथुरा और ज्ञानवापी की जगी उम्मीद

हरिद्वार (उत्तराखंड): श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब मथुरा और ज्ञानवापी को लेकर साधु संतों ने मोर्चा खोल दिया है. अयोध्या से लौटे साधु संतों द्वारा जहां एक ओर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर की तारीफ की जा रही है, वहीं ज्ञानवापी और मथुरा की भी उम्मीद जग गई है. साधु संतों का कहना है कि अब अयोध्या तो हमारा हो गया है और जल्दी ज्ञानवापी और मथुरा में भी सनातन धर्म का डंका बजने वाला है.

बाबा रामदेव ने कहा था मुस्लिम हिंदू धर्मस्थल हमें सौंप दें: गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस पर पतंजलि योगपीठ में स्वामी रामदेव ने कहा था कि यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि कुछ स्थानों पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी, जिसे मुसलमान खुद मानते हैं. बाबा रामदेव ने कहा कि मुझे लगता है कि इन मामलों में कोर्ट कचहरी न जाकर आपसी सहमति से ही हिंदुओं के मूल आस्था के केंद्र काशी, मथुरा, ज्ञानव्यापी या फिर और जो भी हमारे सनातन धर्म के मूल स्थान हैं वो मुस्लिम भाइयों को प्रेम पूर्वक ही अपने आप सनातन धर्मियों को सौंप देने चाहिए, जिससे देश में एक धार्मिक सद्भावना का नया कीर्तिमान बनेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिला सकते हैं मथुरा और ज्ञानवापी: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि हमें 2024 में सोचना होगा कि किसकी सरकार चाहिए. आज के समय में एक ही प्रधानमंत्री है जो कि हमें ज्ञानवापी और मथुरा वापस दिला सकते हैं, वह हैं नरेंद्र मोदी. हमें 2024 में यह देखना होगा कि कौन सी सरकार सनातन के साथ है और कौन सी सरकार सनातन के साथ नहीं है. इसलिए पूरे हिंदू सनातनियों को जागना होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देना होगा. तभी जाकर हमें मथुरा और ज्ञानवापी वापसी मिल सकते हैं.

संघर्ष का समय चला गया संवाद से ही हो जाएगा काम: युगपुरुष स्वामी परमानंद ने कहा कि अब संघर्ष का समय चला गया है. अब संवाद से ही काम हो जाएगा. नहीं तो कोर्ट है ही. स्वामी परमानंद ने कहा कि एक समय यह कोर्ट ही था जो पहले कहता था कि हमारे पास प्राथमिकता नहीं है. आज के समय में कोर्ट के आदेश के बाद ही राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो पाई. जहां तक मथुरा और ज्ञानवापी की बात है वहां तो साक्ष्य सबके सामने हैं. कोई भी जाकर देख सकता है कि वहां पर मस्जिद नहीं थी, बल्कि मंदिर था. मंदिर सनातन धर्मियों को ही मिलेगा. स्वामी परमानंद ने कहा कि केंद्र की समस्याएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देख रहे हैं.
ये भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस पर बाबा रामदेव बोले- ज्ञानवापी पर दावा छोड़ें मुस्लिम, नीतीश को दिया सुरक्षित भविष्य का नुस्खा

संतों में मथुरा और ज्ञानवापी की जगी उम्मीद

हरिद्वार (उत्तराखंड): श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब मथुरा और ज्ञानवापी को लेकर साधु संतों ने मोर्चा खोल दिया है. अयोध्या से लौटे साधु संतों द्वारा जहां एक ओर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर की तारीफ की जा रही है, वहीं ज्ञानवापी और मथुरा की भी उम्मीद जग गई है. साधु संतों का कहना है कि अब अयोध्या तो हमारा हो गया है और जल्दी ज्ञानवापी और मथुरा में भी सनातन धर्म का डंका बजने वाला है.

बाबा रामदेव ने कहा था मुस्लिम हिंदू धर्मस्थल हमें सौंप दें: गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस पर पतंजलि योगपीठ में स्वामी रामदेव ने कहा था कि यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि कुछ स्थानों पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी, जिसे मुसलमान खुद मानते हैं. बाबा रामदेव ने कहा कि मुझे लगता है कि इन मामलों में कोर्ट कचहरी न जाकर आपसी सहमति से ही हिंदुओं के मूल आस्था के केंद्र काशी, मथुरा, ज्ञानव्यापी या फिर और जो भी हमारे सनातन धर्म के मूल स्थान हैं वो मुस्लिम भाइयों को प्रेम पूर्वक ही अपने आप सनातन धर्मियों को सौंप देने चाहिए, जिससे देश में एक धार्मिक सद्भावना का नया कीर्तिमान बनेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिला सकते हैं मथुरा और ज्ञानवापी: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि हमें 2024 में सोचना होगा कि किसकी सरकार चाहिए. आज के समय में एक ही प्रधानमंत्री है जो कि हमें ज्ञानवापी और मथुरा वापस दिला सकते हैं, वह हैं नरेंद्र मोदी. हमें 2024 में यह देखना होगा कि कौन सी सरकार सनातन के साथ है और कौन सी सरकार सनातन के साथ नहीं है. इसलिए पूरे हिंदू सनातनियों को जागना होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देना होगा. तभी जाकर हमें मथुरा और ज्ञानवापी वापसी मिल सकते हैं.

संघर्ष का समय चला गया संवाद से ही हो जाएगा काम: युगपुरुष स्वामी परमानंद ने कहा कि अब संघर्ष का समय चला गया है. अब संवाद से ही काम हो जाएगा. नहीं तो कोर्ट है ही. स्वामी परमानंद ने कहा कि एक समय यह कोर्ट ही था जो पहले कहता था कि हमारे पास प्राथमिकता नहीं है. आज के समय में कोर्ट के आदेश के बाद ही राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो पाई. जहां तक मथुरा और ज्ञानवापी की बात है वहां तो साक्ष्य सबके सामने हैं. कोई भी जाकर देख सकता है कि वहां पर मस्जिद नहीं थी, बल्कि मंदिर था. मंदिर सनातन धर्मियों को ही मिलेगा. स्वामी परमानंद ने कहा कि केंद्र की समस्याएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देख रहे हैं.
ये भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस पर बाबा रामदेव बोले- ज्ञानवापी पर दावा छोड़ें मुस्लिम, नीतीश को दिया सुरक्षित भविष्य का नुस्खा

Last Updated : Jan 27, 2024, 3:56 PM IST
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