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अयोध्या में बीजेपी की शर्मनाक हार पर यह बोले संत, क्या जातिवाद-भितरघात रही बड़ी वजह? - Reason for BJP defeat in Ayodhya

उत्तर प्रदेश की फैजाबाद लोकसभा सीट जिसमें राम की जन्मभूमि अयोध्या भी शामिल है वहां से बीजेपी को मिली पराजय से ना सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के लोग आहत में हैं बल्कि संत समाज भी विश्वास नहीं कर पा रहा है. ऐसे में साधु संतों का हार के पीछे क्या है उनका आंकलन सुनिय उन्हीं की जुबानी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 4:27 PM IST

Updated : Jun 10, 2024, 5:17 PM IST

अयोध्या में बीजेपी की हार पर बोले संत (video Credit ETV Bharat)

अयोध्या: लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में भव्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बावजूद फैजाबाद संसदीय सीट से बीजेपी की पराजय की देशभर में खूब चर्चा हो रही है. हालांकि राम मंदिर के लोकार्पण के समय कयास लगाए जा रहे थे कि, भाजपा को इसका लाभ मिलेगा. और वह आगामी लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. अयोध्या ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी भाजपा ने बहुत खराब प्रदर्शन किया. और उसे 28 सीटें गंवानी पड़ीं. इस चुनाव में बीजेपी की पराजय को लेकर अयोध्या के संतों ने अपनी राय रखी है.

तपस्वी छावनी अयोध्या के पीठाधीश्वर महंत परमहंस दास
तपस्वी छावनी अयोध्या के पीठाधीश्वर महंत परमहंस दास (Photo Credit ETV Bharat)

आस्था पर भारी जातीयवाद : महंत परमहंस दास
तपस्वी छावनी अयोध्या के पीठाधीश्वर महंत परमहंस दास कहते हैं, 'अयोध्या से बीजेपी का हारना दुखद है. जिन्होंने राम भक्तों पर गोली चलवाई उनका प्रत्याशी जीत गया. और जिन्होंने मंदिर बनवाया उनका प्रत्याशी हार गया. ऐसा ही कल्याण सिंह जी के साथ भी हुआ था. इस बार आस्था पर जातीय समीकरण भारी पड़ गए. पहले मुस्लिम वोटर सपा, बसपा और कांग्रेस में बंट जाता था, लेकिन इस बार उन्होंने एक होकर सपा के लिए वोट किया. यादवों ने भी एक होकर भाजपा के खिलाफ वोट किया. वहीं सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद दलितों का वोट भी पाने में सफल रहे. लल्लू सिंह का संविधान बदलने संबंधी बयान भी उन पर भारी पड़ा. इस चुनाव में बीजेपी में भितरघात भी पराजय का एक कारण है. उपेक्षा के कारण संघ और हिंदूवादी संगठनों में भी निराशा थी, जिसके कारण उन्होंने चुनाव में सक्रियता नहीं दिखाई.'

हरिधाम पीठ अयोध्या के संत जगतगुरु रामदिनेशाचार्य
हरिधाम पीठ अयोध्या के संत जगतगुरु रामदिनेशाचार्य (Photo Credit ETV Bharat)

विकास के नाम पर वोट नहीं मिलता: जगतगुरु रामदिनेशाचार्य
हरिधाम पीठ अयोध्या के संत जगतगुरु रामदिनेशाचार्य कहते हैं 'मुझे लगता है कि इस हार के लिए पार्टी को समीक्षा करनी पड़ेगी. देखना पड़ेगा कि किन बिंदुओं पर चूक हो गई. हालांकि अयोध्या विधानसभा सीट से बीजेपी की जीत हुई है. बाकी चार विधानसभाओं में पार्टी की हार हुई है. मुझे लगता है कि, बीजेपी जातीय समीकरणों को ठीक से समझ नहीं पाई. देश में विकास का कोई मुद्दा नहीं होता है. अयोध्या में जो विकास हुआ है, उतना पांच सौ वर्ष में नहीं हुआ है, उसके बाद भी यहां से पार्टी हार गई. इससे साफ है कि विकास कोई मुद्दा नहीं है. असल मुद्दे जातीय समीकरण हैं. हिंदू जातियों में बंटा हुआ है.'

दशरथ महल मंगल भवन अयोध्या के महंत कृपालु रामभूषण दास
दशरथ महल मंगल भवन अयोध्या के महंत कृपालु रामभूषण दास (Photo Credit ETV Bharat)

भितरघात भी बीजेपी की हार का कारण: महंत कृपालु रामभूषण दास
दशरथ महल मंगल भवन अयोध्या के महंत कृपालु रामभूषण दास कहते हैं 'मुझे लगता है कि भाजपा के लोगों ने खुलकर मेहनत नहीं की है. भाजपा सिर्फ अयोध्या ही नहीं हारी, प्रदेश में चालीस से ज्यादा सीटें गई हैं. पार्टी में कहीं न कहीं भितरघात तो हुई ही है, तभी यह स्थिति हुई है. यह भी कहा गया कि, अयोध्या के व्यापारियों ने समर्थन नहीं किया, लेकिन ज्यादा लाभ तो व्यापारियों को ही हुआ है. मकान मालिकों को जितना पैसा नहीं मिला उससे ज्यादा दुकानदारों को भी मिला है. जिनके पास कुछ भी नहीं था, उन्हें भी लाख -दो लाख रुपये मिले हैं. बीजेपी का विरोध करने वाले व्यापारियों की अपनी समझ है.'

सत्य सनातन धर्म प्रचारक दिवाकराचार्य महाराज
सत्य सनातन धर्म प्रचारक दिवाकराचार्य महाराज (Photo Credit ETV Bharat)

अयोध्या में बीजेपी का हार से पूरा देश आहत: दिवाकराचार्य महाराज
सत्य सनातन धर्म प्रचारक दिवाकराचार्य महाराज कहते हैं 'अयोध्या सीट की हार वह विभीषिका याद दिला देती, जब 90 के दशक में संतों को गोलियों से भून दिया गया था. सिर्फ अयोध्या के नहीं थे वह हिंदू और समातनी और संत समाज पूरे भारत से आए थे अयोध्या में. यहीं नहीं जीतने से इस बात की तकलीफ है. यहां नहीं जीतने देना चाहिए था, चाहे पूरा प्रदेश दे देते. यह धरती का स्वर्ग है, इसे योगी और मोदी जी जानते हैं. अयोध्या की हार पर आज पूरा भारत रो रहा है. शपथ ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री जी अयोध्या राम मंदिर में आएंगे. यह हमें पूर्ण विश्वास है.'


ये भी पढ़ें : अयोध्या में क्यों हारी भाजपा; पार्टी के दिग्गज कहां रहे फेल, क्या रहा सपा की जीत का मंत्र

अयोध्या में बीजेपी की हार पर बोले संत (video Credit ETV Bharat)

अयोध्या: लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में भव्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बावजूद फैजाबाद संसदीय सीट से बीजेपी की पराजय की देशभर में खूब चर्चा हो रही है. हालांकि राम मंदिर के लोकार्पण के समय कयास लगाए जा रहे थे कि, भाजपा को इसका लाभ मिलेगा. और वह आगामी लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. अयोध्या ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी भाजपा ने बहुत खराब प्रदर्शन किया. और उसे 28 सीटें गंवानी पड़ीं. इस चुनाव में बीजेपी की पराजय को लेकर अयोध्या के संतों ने अपनी राय रखी है.

तपस्वी छावनी अयोध्या के पीठाधीश्वर महंत परमहंस दास
तपस्वी छावनी अयोध्या के पीठाधीश्वर महंत परमहंस दास (Photo Credit ETV Bharat)

आस्था पर भारी जातीयवाद : महंत परमहंस दास
तपस्वी छावनी अयोध्या के पीठाधीश्वर महंत परमहंस दास कहते हैं, 'अयोध्या से बीजेपी का हारना दुखद है. जिन्होंने राम भक्तों पर गोली चलवाई उनका प्रत्याशी जीत गया. और जिन्होंने मंदिर बनवाया उनका प्रत्याशी हार गया. ऐसा ही कल्याण सिंह जी के साथ भी हुआ था. इस बार आस्था पर जातीय समीकरण भारी पड़ गए. पहले मुस्लिम वोटर सपा, बसपा और कांग्रेस में बंट जाता था, लेकिन इस बार उन्होंने एक होकर सपा के लिए वोट किया. यादवों ने भी एक होकर भाजपा के खिलाफ वोट किया. वहीं सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद दलितों का वोट भी पाने में सफल रहे. लल्लू सिंह का संविधान बदलने संबंधी बयान भी उन पर भारी पड़ा. इस चुनाव में बीजेपी में भितरघात भी पराजय का एक कारण है. उपेक्षा के कारण संघ और हिंदूवादी संगठनों में भी निराशा थी, जिसके कारण उन्होंने चुनाव में सक्रियता नहीं दिखाई.'

हरिधाम पीठ अयोध्या के संत जगतगुरु रामदिनेशाचार्य
हरिधाम पीठ अयोध्या के संत जगतगुरु रामदिनेशाचार्य (Photo Credit ETV Bharat)

विकास के नाम पर वोट नहीं मिलता: जगतगुरु रामदिनेशाचार्य
हरिधाम पीठ अयोध्या के संत जगतगुरु रामदिनेशाचार्य कहते हैं 'मुझे लगता है कि इस हार के लिए पार्टी को समीक्षा करनी पड़ेगी. देखना पड़ेगा कि किन बिंदुओं पर चूक हो गई. हालांकि अयोध्या विधानसभा सीट से बीजेपी की जीत हुई है. बाकी चार विधानसभाओं में पार्टी की हार हुई है. मुझे लगता है कि, बीजेपी जातीय समीकरणों को ठीक से समझ नहीं पाई. देश में विकास का कोई मुद्दा नहीं होता है. अयोध्या में जो विकास हुआ है, उतना पांच सौ वर्ष में नहीं हुआ है, उसके बाद भी यहां से पार्टी हार गई. इससे साफ है कि विकास कोई मुद्दा नहीं है. असल मुद्दे जातीय समीकरण हैं. हिंदू जातियों में बंटा हुआ है.'

दशरथ महल मंगल भवन अयोध्या के महंत कृपालु रामभूषण दास
दशरथ महल मंगल भवन अयोध्या के महंत कृपालु रामभूषण दास (Photo Credit ETV Bharat)

भितरघात भी बीजेपी की हार का कारण: महंत कृपालु रामभूषण दास
दशरथ महल मंगल भवन अयोध्या के महंत कृपालु रामभूषण दास कहते हैं 'मुझे लगता है कि भाजपा के लोगों ने खुलकर मेहनत नहीं की है. भाजपा सिर्फ अयोध्या ही नहीं हारी, प्रदेश में चालीस से ज्यादा सीटें गई हैं. पार्टी में कहीं न कहीं भितरघात तो हुई ही है, तभी यह स्थिति हुई है. यह भी कहा गया कि, अयोध्या के व्यापारियों ने समर्थन नहीं किया, लेकिन ज्यादा लाभ तो व्यापारियों को ही हुआ है. मकान मालिकों को जितना पैसा नहीं मिला उससे ज्यादा दुकानदारों को भी मिला है. जिनके पास कुछ भी नहीं था, उन्हें भी लाख -दो लाख रुपये मिले हैं. बीजेपी का विरोध करने वाले व्यापारियों की अपनी समझ है.'

सत्य सनातन धर्म प्रचारक दिवाकराचार्य महाराज
सत्य सनातन धर्म प्रचारक दिवाकराचार्य महाराज (Photo Credit ETV Bharat)

अयोध्या में बीजेपी का हार से पूरा देश आहत: दिवाकराचार्य महाराज
सत्य सनातन धर्म प्रचारक दिवाकराचार्य महाराज कहते हैं 'अयोध्या सीट की हार वह विभीषिका याद दिला देती, जब 90 के दशक में संतों को गोलियों से भून दिया गया था. सिर्फ अयोध्या के नहीं थे वह हिंदू और समातनी और संत समाज पूरे भारत से आए थे अयोध्या में. यहीं नहीं जीतने से इस बात की तकलीफ है. यहां नहीं जीतने देना चाहिए था, चाहे पूरा प्रदेश दे देते. यह धरती का स्वर्ग है, इसे योगी और मोदी जी जानते हैं. अयोध्या की हार पर आज पूरा भारत रो रहा है. शपथ ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री जी अयोध्या राम मंदिर में आएंगे. यह हमें पूर्ण विश्वास है.'


ये भी पढ़ें : अयोध्या में क्यों हारी भाजपा; पार्टी के दिग्गज कहां रहे फेल, क्या रहा सपा की जीत का मंत्र

Last Updated : Jun 10, 2024, 5:17 PM IST
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