हरिद्वारः कुंभ मेला क्षेत्र में शासन के आदेश के बाद गंगा की नील धारा में सफाई और समतलीकरण का मशीनों द्वारा कार्य किया जा रहा है. जिसको नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना बताते हुए गंगा की अविरलता और स्वच्छता के लिए कार्य करने वाली संस्था मातृ सदन के संत स्वामी दयानंद ने अनशन शुरू कर दिया है.
मातृ सदन ने आरोप लगाया कि कुंभ मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार के खनन पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है. इसके बाद भी प्रदेश सरकार खनन माफियाओं से गठजोड़ कर हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए गंगा सफाई के नाम पर खनन करवा रही है. हालांकि, इस मामले को लेकर एक दिन पूर्व मातृ सदन और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई थी, जो बेनतीजा रही थी.
गौर है कि कुंभ मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार के खनन पर उत्तराखंड हाईकोर्ट की डबल बैंच द्वारा रोक लगाई गई है. जबकि हरिद्वार के बैरागी कैंप में गंगा सफाई के नाम पर पोकलैंड और जेसीबी मशीनें उतारी गई हैं. वहीं गंगा की अविरलता और अवैध खनन के खिलाफ कार्य करने वाली संस्था मातृ सदन ने बैरागी कैंप में साफ सफाई के नाम पर खनन किए जाने का आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज कराया है. मातृ सदन को सुराज सेवा दल और भारतीय किसान यूनियन ने अपना समर्थन दिया है.
वहीं शुक्रवार को हुई बैठक के बाद एडीएम पीएल शाह ने बताया था कि इस संबंध में हाईकोर्ट में 13 दिसंबर को सुनवाई होनी है. यानी इस संबंध में किसी प्रकार का कोई स्टे नहीं है. उसके बाद हाईकोर्ट द्वारा जो भी आदेश दिया जाएगा, उसका पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो भी कार्य किया जा रहा है, वह सार्वजनिक हित में है. इस कार्य में किसी भी प्रकार का कोई भी व्यवसायीकरण नहीं किया जा रहा है.
बता दें कि मात्र 10 सदन संस्था समय-समय पर गंगा की अविरलता और निर्मलता को बचाने के लिए अनशन करती आई है. इससे पहले भी स्वामी शिवानंद, स्वामी आत्मबोधानंद, पद्मावती द्वारा गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए कई बार अनशन कर चुके हैं.
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