इंदौर। मध्यप्रदेश के चर्चित झोपड़ी वाले विधायक कमलेश डोडियार को एमपी एमएलए कोर्ट ने जमानत देते पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. बता दें कि प्राइवेट डॉक्टर तपन राय ने 23 फरवरी 2024 को विधायक के खिलाफ शिकायत की थी. डॉक्टर ने विधायक डोडियार पर एक करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था. पुलिस ने आईपीसी की 327 गैर जमानती धारा के साथ मारपीट, गालीगलौज का मामला दर्ज किया था. इसके बाद से विधायक डोडियार पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी.
कोर्ट की चेतावनी के बाद रतलाम पुलिस ने पेश की केस डायरी
इसके बाद विधायक डोडियार ने एडवोकेट सिद्धार्थ गुप्ता के माध्यम से इंदौर स्थित एमपी एमएलए विशेष न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की. इसके बाद रतलाम पुलिस ने इस केस से जुड़ी डायरी को कोर्ट नहीं भेजने का हरसंभव प्रयास किया. विधायक के अधिवक्ता ने पूरे मामले की सच्चाई से न्यायालय को अवगत कराया. इस मामले में कोर्ट ने पुलिस डायरी नहीं भेजने पर एकतरफा सुनवाई की चेतावनी दी थी. इसलिए 14 मार्च को सुबह पुलिस डायरी कोर्ट भिजवाई गई.
कोर्ट में ठोस सबूत नहीं पेश कर सकी रतलाम पुलिस
एडवोकेट सिद्धार्थ गुप्ताकोर्ट ने बताया "रतलाम पुलिस एमपी एमएलए कोर्ट में सबूत प्रस्तुत नहीं कर सकी. कोर्ट में ही यह स्पष्ट हो गया कि विधायक के खिलाफ पुलिस द्वारा लगाए गए अधिकांश आरोपों के कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं. रतलाम पुलिस ने इसके बावजूद जमानत याचिका पर आपत्ति लेते हुए सुनवाई को अन्य किसी आगामी तारीख तक टालने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन न्यायालय ने रतलाम पुलिस की कारगुजारी को भांपते हुए विधायक कमलेश्वर डोडियार को ₹50 हजार के मुचलके पर अग्रिम जमानत मंजूर कर ली. कोर्ट ने टिप्पणी की कि केवल अपराध का मामला दर्ज करने से कोई अपराधी साबित नहीं हो जाता."