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सागर यूनिवर्सिटी और NIPER अहमदाबाद के बीच MoU, फार्मास्युटिकल रिसर्च पर रहेगा फोकस

सागर सेंट्रल यूनिवर्सिटी और NIPER अहमदाबाद के बीच MoU साइन हुआ है. इसमें नए क्षेत्रों में नवाचार आधारित फार्मेसी रिसर्च पर जोर देना है

Sagar University NIPER Ahmedabad MOU signed
सागर यूनिवर्सिटी और NIPER अहमदाबाद के बीच एमओयू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

सागर: फार्मास्युटिकल साइंस रिसर्च के मामले में देश और दुनिया में अलग पहचान रखने वाले डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के फार्मास्यूटिकल साइंस डिपार्टमेंट ने नए क्षेत्र में शोध की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सागर यूनिवर्सिटी और भारत सरकार के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) अहमदाबाद के बीच नए क्षेत्रों में शोध के लिए अकादमिक करार हुआ है. अहमदाबाद में सोमवार को सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति और नाइपर डायरेक्टर ने एक विशेष कार्यक्रम में एमओयू पर हस्ताक्षर किए. सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने नाईपर अहमदाबाद से अकादमिक साझेदारी को महत्त्वपूर्ण कदम बताया.

अहमदाबाद में हुआ अकादमिक करार

अहमदाबाद में सोमवार को विशेष एमओयू साइनिंग सेरेमनी में सागर यूनिवर्सिटी और नाईपर अहमदाबाद के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. सेरेमनी में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता और नाईपर अहमदाबाद के डायरेक्टर प्रोफेसर शैलेन्द्र सराफ ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस खास मौके पर फार्मेसी डिपार्टमेंट के हैड प्रो यू.के. पाटिल और नाईपर अहमदाबाद के रजिस्ट्रार डॉ अवधेश नौटियाल सहित प्रोफेसर और वैज्ञानिक मौजूद थे.

स्टूडेंट फैकल्टी एक्सचेंज पर जोर (ETV Bharat)

एमओयू का उदेश्य

एमओयू का उदेश्य फार्मेसी शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में समसामयिक शोध पर दोनों संस्थानों की विशेषज्ञता और इन्फ्रास्ट्रक्चर का बेहतर उपयोग कर नवाचार आधारित फार्मेसी रिसर्च पर जोर देना है. इस एमओयू के तहत हर्बल फॉर्मूलेशन, ड्रग डिलिवरी सिस्टम, मेडिसिनल केमिस्ट्री, कम्प्यूटर ऐडेड ड्रग डिजाइन, फार्मास्युटिकल बायोटेकनोलोजी के क्षेत्र में रिसर्च के क्षेत्र में साझेदारी को विशेष महत्व दिया जाएगा.

'नाईपर अहमदाबाद के साथ एमओयू'

कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता का कहना है कि "फार्मेसी डिपार्टमेंट सागर यूनिवर्सिटी का बहुत पुराना डिपार्टमेंट है और यहां के एलुमनाई भी काफी प्रसिद्ध हुए हैं. भारत सरकार ने 1998 में मोहाली में सबसे पहले नाईपर की स्थापना की थी. अब देशभर में 7 नाईपर इंस्टिट्यूट हैं. यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्मेंट का प्रस्ताव था कि अलग-अलग नाईपर इंस्टीट्यूट से अलग अलग अकादमिक करार किए जाएं. सबसे पहले नाईपर अहमदाबाद के साथ एमओयू हुआ है. मुझे इस बात की खुशी है कि नाईपर अहमदाबाद के डायरेक्टर भी सागर यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्टमेंट के एलुमिनाई रहे हैं."

ये भी पढ़ें:

दुनिया के 2% बेस्ट साइंटिस्ट्स लिस्ट में सागर यूनिवर्सिटी के 5 प्रोफेसर, 1 लेडी साइंटिस्ट का जलवा

रिसर्च के क्षेत्र में सागर यूनिवर्सिटी ने कई विश्वविद्यालयों को छोड़ा पीछे, रैंकिंग से राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया मान

'स्टूडेंट फैकल्टी एक्सचेंज पर जोर'

कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने बताया कि "एमओयू के तहत यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्मेंट और नाईपर अहमदाबाद के बीच स्टूडेंट फैकल्टी एक्सचेंज पर जोर दिया जाएगा. यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट में भी काफी अच्छे इंस्ट्रूमेंट हैं और यहां आधुनिक तकनीक विकसित की गई है. नाईपर अहमदाबाद में काफी अच्छे इंस्ट्रूमेंट लगाए गए हैं और रिसर्च के क्षेत्र में काफी काम हो रहा है."

सागर: फार्मास्युटिकल साइंस रिसर्च के मामले में देश और दुनिया में अलग पहचान रखने वाले डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के फार्मास्यूटिकल साइंस डिपार्टमेंट ने नए क्षेत्र में शोध की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सागर यूनिवर्सिटी और भारत सरकार के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) अहमदाबाद के बीच नए क्षेत्रों में शोध के लिए अकादमिक करार हुआ है. अहमदाबाद में सोमवार को सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति और नाइपर डायरेक्टर ने एक विशेष कार्यक्रम में एमओयू पर हस्ताक्षर किए. सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने नाईपर अहमदाबाद से अकादमिक साझेदारी को महत्त्वपूर्ण कदम बताया.

अहमदाबाद में हुआ अकादमिक करार

अहमदाबाद में सोमवार को विशेष एमओयू साइनिंग सेरेमनी में सागर यूनिवर्सिटी और नाईपर अहमदाबाद के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. सेरेमनी में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता और नाईपर अहमदाबाद के डायरेक्टर प्रोफेसर शैलेन्द्र सराफ ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस खास मौके पर फार्मेसी डिपार्टमेंट के हैड प्रो यू.के. पाटिल और नाईपर अहमदाबाद के रजिस्ट्रार डॉ अवधेश नौटियाल सहित प्रोफेसर और वैज्ञानिक मौजूद थे.

स्टूडेंट फैकल्टी एक्सचेंज पर जोर (ETV Bharat)

एमओयू का उदेश्य

एमओयू का उदेश्य फार्मेसी शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में समसामयिक शोध पर दोनों संस्थानों की विशेषज्ञता और इन्फ्रास्ट्रक्चर का बेहतर उपयोग कर नवाचार आधारित फार्मेसी रिसर्च पर जोर देना है. इस एमओयू के तहत हर्बल फॉर्मूलेशन, ड्रग डिलिवरी सिस्टम, मेडिसिनल केमिस्ट्री, कम्प्यूटर ऐडेड ड्रग डिजाइन, फार्मास्युटिकल बायोटेकनोलोजी के क्षेत्र में रिसर्च के क्षेत्र में साझेदारी को विशेष महत्व दिया जाएगा.

'नाईपर अहमदाबाद के साथ एमओयू'

कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता का कहना है कि "फार्मेसी डिपार्टमेंट सागर यूनिवर्सिटी का बहुत पुराना डिपार्टमेंट है और यहां के एलुमनाई भी काफी प्रसिद्ध हुए हैं. भारत सरकार ने 1998 में मोहाली में सबसे पहले नाईपर की स्थापना की थी. अब देशभर में 7 नाईपर इंस्टिट्यूट हैं. यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्मेंट का प्रस्ताव था कि अलग-अलग नाईपर इंस्टीट्यूट से अलग अलग अकादमिक करार किए जाएं. सबसे पहले नाईपर अहमदाबाद के साथ एमओयू हुआ है. मुझे इस बात की खुशी है कि नाईपर अहमदाबाद के डायरेक्टर भी सागर यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्टमेंट के एलुमिनाई रहे हैं."

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'स्टूडेंट फैकल्टी एक्सचेंज पर जोर'

कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने बताया कि "एमओयू के तहत यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्मेंट और नाईपर अहमदाबाद के बीच स्टूडेंट फैकल्टी एक्सचेंज पर जोर दिया जाएगा. यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट में भी काफी अच्छे इंस्ट्रूमेंट हैं और यहां आधुनिक तकनीक विकसित की गई है. नाईपर अहमदाबाद में काफी अच्छे इंस्ट्रूमेंट लगाए गए हैं और रिसर्च के क्षेत्र में काफी काम हो रहा है."

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