सागर: डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय और भारतीय सेना की महार रेजीमेंट के बीच हुए करार के अनुसार सागर यूनिवर्सिटी के रोजगारपरक कोर्सेस में अग्निवीरों का एडमिशन शुरू हो गया है. इस करार के तहत अग्निवीर अपनी ट्रैनिंग और सेवा के दौरान यूनिवर्सिटी से रोजगारपरक कोर्स कर सकेंगे. यूनिवर्सिटी जहां इन्हें विशेष सुविधाएं मुहैया कराएगी. वहीं इनकी पढ़ाई के लिए विशेष रूप से शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे, जो सैन्य छावनी पहुंचकर अग्निवीरों को पढ़ाएंगे. गौरतलब है कि इस करार के तहत सेना के अधिकारियों, जवानों, अग्निवीरों और सैन्य परिवारों के परिजनों को अलग से पढ़ाई के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. फिलहाल, 487 अग्निवीरों ने सागर यूनिवर्सिटी के दो पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया है और यूनिवर्सिटी के मुताबिक इनकी संख्या और भी बढ़ेगी.
अब तक 487 अग्निवीरों ने लिया एडमिशन
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर ने भारतीय सेना के अग्निवीरों को रोजगारपरक सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स प्रदान करने की दिशा में मौजूदा सत्र से प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दिया है. अग्निवीरों को कम्युनिटी कॉलेज के जरिए सर्टिफिकेट कोर्स, प्रोफेशनल कम्युनिकेशन और सर्टिफिकेट कोर्स इंटरप्रेन्योरशिप में प्रवेश दिया गया है. इन दोनों कोर्सेस में महार रेंजीमेंट के 487 अग्निवीरों ने प्रवेश लिया है.
यूनिवर्सटी और रेजीमेंट के बीच अकादमिक करार
सागर यूनिवर्सटी की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के मार्गदर्शन में भारतीय सेना की महार रेजीमेंट और यूनिवर्सिटी के बीच अकादमिक करार हुआ है. इस समझौते के तहत महार रेजीमेंट के अधिकारियों, सैनिकों, अग्निवीरों और उनके परिजनों के शैक्षणिक, व्यावसायिक और तकनीकी विकास के लिए सेना और सागर यूनिवर्सिटी मिलकर काम कर रही है. इसके तहत यूनिवर्सिटी में संचालित डिग्री,डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स और तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इस करार का उद्देश्य भारतीय सेना की इकाई के रूप में महार रेजीमेंट जांबाज और कुशल सैनिक तैयार करने के साथ सागर यूनिवर्सिटी की मदद से शैक्षणिक, व्यावसायिक और तकनीकी दक्षता के साथ डिग्री भी प्रदान करेगी.
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सेना की छावनी में लगेगी अग्निवीरों की कक्षाएं
सागर यूनिवर्सिटी द्वारा अग्निवीरों को सेवा के साथ-साथ अपनी पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी कई सुविधाएं मुहैया कराएगी. अग्निवीरों ने जिन कोर्स में एडमिशन लिया है. यूनिवर्सिटी उन कक्षाओं का संचालन महार रेजिमेंट सेंटर में ही करेगी. इसके अलावा कम्युनिटी कॉलेज द्वारा भी विशेष कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा. ताकि सेना के जवान सेवाकाल में अपनी पढ़ाई जारी रख सकें. दूरस्थ शिक्षा के जरिए भी यूनिवर्सिटी जवानों को जोड़ने का प्रयास करेगी. इस पहल से अग्निवीरों को अपने भविष्य के लिये शैक्षणिक एवं व्यावसयिक योग्यता बढ़ाने में मदद मिलेगी.