सागर। मध्यप्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने के लिए बीजेपी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसीलिए लोकसभा चुनाव प्रचार के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पांचवीं बार मध्यप्रदेश पहुंचे. सागर के बड़तूमा में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने कहा "कांग्रेस को ना राम मंदिर रास आता है और ना ही रविदास मंदिर. कांग्रेस ने रविदास मंदिर के निर्माण के दौरान खूब विरोध किया. लगातार बयानबाजी करती रही कि इसकी जगह कुछ और बनाओ. मगर बीजेपी मानती है कि दलित और पिछड़े वर्ग को जिन लोगों से आत्मसम्मान की अनुभूति होती है. उसे हर हाल में बनाना चाहिए. यही नहीं अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की भी कांग्रेस धुर विरोधी रही. पार्टी ने तरह तरह के दुष्प्रचार किए. हर वो जतन किए जिससे मंदिर निर्माण के काम को बाधित किया जा सके."
हिंद वोटों का ध्रुवीकरण करने के प्रयास में बीजेपी
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में जो बातें कहीं, उससे स्पष्ट है कि बीजेपी हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण चाहती है. इसीलिए पीएम मोदी ने कहा "कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण देने की वकालत कर रही है." इसके लिए उन्होंने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए हिंदुओं को एक प्रकार से चेताया. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नेताओं के नहीं पहुंचने का मुद्दा उठाकर पीएम मोदी कांग्रेस को लगातार घेर रहे हैं. कांग्रेस को सनातन विरोधी बता रहे हैं. बीजेपी का लक्ष्य साफ है हर हाल में हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण होना चाहिए.
रविदास मंदिर के सहारे दलितों को साधने की कोशिश
अयोध्या के राम मंदिर को लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस को लगातार घेरा है. लेकिन अब सागर में बन रहे रविदास मंदिर के बहाने भी कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं. इसके पीछे भी सोची समझी रणनीति है. क्योंकि आज भी आदिवासी व दलितों का बड़ा वोट बैंक कांग्रेस के पास है. इस वोट बैंक पर हालांकि बीजेपी ने कब्जा करना शुरू कर दिया है. इसीलिए बीजेपी ने पिछले साल सागर में रविदास मंदिर का शिलान्यास मोदी द्वारा कराया था. सागर में पीएम मोदी के भाषण में इस बात की झलक मिलती है. क्योंकि बीते 3-4 अपनी जनसभाओं में पीएम मोदी लगातार आरक्षण को लेकर कांग्रेस को घेर रहे हैं. वहीं, आरक्षण को लेकर पिछड़ा व दलित वर्ग को भरोसा दे रहे हैं.
धर्म के आधार पर आरक्षण लाना चाहती है कांग्रेस
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा "कांग्रेस की सच्चाई देश के सामने आ गयी है. हमारा संविधान साफ मना करता है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा. बाबा साहेब भी धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे. लेकिन कांग्रेस ने धर्म के आधार पर आरक्षण का संकल्प लिया है. वह साल दर साल अपने मंसूबे पूरे करने में लगी है. 2004 में कांग्रेस ने आंध्रप्रदेश में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का काम किया. 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव के कांग्रेस के घोषणा पत्र में धर्म के आधार पर आरक्षण का वादा किया. कांग्रेस की तैयारी है कि एससी, ओबीसी का 15 % कोटा काट दिया जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण लागू कर दिया जाए. पिछली बार कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने धर्म के आधार पर आरक्षण दिया. जब बीजेपी सरकार आयी, तो बाबासाहेब की मंशा और संविधान की भावना के अनुरूप हमने आरक्षण हटाया."
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एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण लूटना चाहती है कांग्रेस
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा "मैं बताना चाहता हूं कि कांग्रेस राज्यों में जो हथकंडे अपना रही है और एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को लूटने का खेल कर रही है. कांग्रेस के मंसूबों को रोकने के लिए अबकी बार 400 पार की जरूरत है. दलित, आदिवासी और ओबीसी के आरक्षण की रक्षा करना है. इसलिए अबकी बार 400 पर का नारा लगाया जा रहा है. कांग्रेस आपकी संपत्ति छीनना चाहती है. आपके घर में क्या पड़ा हुआ है. माता बहनों के गहने, मंगलसूत्र कांग्रेस सब खोजने में लगेगी और आपसे छीनकर अपनों को बांट देगी. कांग्रेस का मंत्र है कि जिंदगी के साथ भी लूट और जिंदगी के बाद भी लूट."