सागर: जरूआखेड़ा स्टेशन के नजदीक जलंधर गांव में इन दिनों आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ है. दरअसल, यहां महीने भर पहले एक खेत में लगा हुआ बरगद का काफी पुराना पेड़ अचानक धराशायी हो गया. उसके बाद गांव का एक युवक कहने लगा कि इस पेड़ की जड़ों में भगवान शिव विराजे हैं. उन्होनें सपने में कहा कि मुझे बाहर निकालो और इस गांव की तस्वीर बदल जाएगी. पहले तो गांव के लोग टालते रहे, लेकिन जब युवक और कुछ लोग मिलकर बरगद की जड़ों के पास खुदाई करने लगे, तो एक नहीं एक साथ 8 शिवलिंग निकले.
अब ग्रामीण सबकुछ भूलकर इसे चमत्कार मानकर पूजा अर्चना में जुट गए हैं. साथ ही आसपास के गांवों के लोगों को खबर मिल रही है, तो वो भी चमत्कार को नमस्कार करने पहुंच रहे हैं.
क्या है शिवलिंग मिलने की कहानी
ग्रामीणों के अनुसार गांव में कई साल पुराना खैर माता का चबूतरा बना हुआ था. जहां ये चमत्कार देखने मिला है. शिवलिंग निकलने के बाद ये स्थान किसी तीर्थस्थल या सिद्ध क्षेत्र की तरह हो गया है. यहां लोगों की भीड़ जमा हो रही है और पूजा अर्चना कर रहे हैं. जिनके खेत में ये पेड़ लगा था. वो जमीन के मालिक रनवीर राव बताते हैं कि "ये हजारों साल पुराना बरगद का पेड़ था. जिसके नीचे खैर माता का चबूतरा बना है, जब बरगद के पेड़ में शिवलिंग निकलने की जानकारी लगी, तो लोग दर्शन करने पहुंच रहे हैं.
उन्होंने बताया कि खैर माता के चबूतरा पर तुलसीराम पटेल पूजा पाठ करते हैं, जो पिछले एक सप्ताह से लोगों से बता रहे थे कि उन्हें सपने में भगवान आए हैं. उन्होंने पेड़ की जड़ों से खुद को निकालने कहा. गांव के ज्यादातर लोगों ने उसकी बात नहीं मानी, लेकिन कुछ लोग तैयार हुए और 2 दिसंबर को तुलसीराम पटेल और लोगों ने खुदाई की, तो पहले वहां शिवलिंग की जलहरी मिली और फिर एक बड़ा प्राचीन शिवलिंग दिखाई दिया. इस तरह खुदाई करते करते 8 प्राचीन शिवलिंग बरगद के पेड़ से निकले हैं."
अचानक गिर गया था बरगद का पेड़
जमीन के मालिक रनवीर राव साहब बताते हैं कि "पिछले महीने यहीं पर विपिन बिहारी शास्त्री महाराज की कथा का आयोजन हुआ. कथा के 9वें दिन जब भंडारा हो रहा था, तो हजारों साल पुराना बरगद का पेड़ बगैर हवा के अचानक से दो भागों में बंट गया और जमीन पर गिर गया. उस समय किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब तुलसीराम पटेल ने बार-बार जड़ों में शिवलिंग होने की बात कही, तो खोदने पर जड़ों में 8 शिवलिंग निकले हैं. उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन को दी गयी है, क्योंकि शिवलिंग मिलने की खबर जैसे-जैसे फैल रही है, तो लोग देखने के लिए पहुंच रहे हैं. काफी भीड़ हो रही है."
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तुलसीराम की भक्ति का चमत्कार मान रहे लोग
गांव में बरगद के पेड़ की जड़ों से शिवलिंग निकलने के बाद गांव के लोग अब तुलसीराम पटेल के भी मुरीद हो गए हैं. उनके गांव में शिवलिंग मिलने के बाद इसे तुलसीराम पटेल की पूजा-अर्चना का फल मान रहे हैं. गांव के लोग कहते हैं कि तुलसीराम पटेल बड़ी आस्था से विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं और इसी बात का फल गांव को मिला है कि खुद भगवान शिव प्रकट हुए हैं.
DISClAIMER (ईटीवी भारत अंधविश्वास को बढ़ावा देने में विश्वास नहीं रखता)