सागर। मध्य प्रदेश में सागर के मेहर गांव में कई लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत के चलते हड़कंप मच गया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के करीब 100 लोग बीमार हैं. वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि करीब 60 लोग उल्टी दस्त से पीड़ित हैं. खबर मिलते ही प्रशासन ने गांव में टेंपरेरी हॉस्पिटल की व्यवस्था करने के साथ-साथ बीमार लोगों को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल सागर में भर्ती किया है. जिला कलेक्टर ने भी शुक्रवार सुबह गांव का दौरा किया है. उनका कहना है कि गांव के बोर का दूषित पानी के कारण लोगों के बीमार होने की आशंका है, जिसे बंद कर दिया गया है. फिलहाल गांव में डॉक्टर तैनात किए गए हैं. जो बीमार लोगों का इलाज कर रहे हैं और घर-घर जाकर लोगों की तबियत का हालचाल जान रहे हैं. फिलहाल गांव में पानी की व्यवस्था के लिए अलग से टैंकर भेजे जा रहे हैं और गांव के साफ कुंओं और बोर से पानी की सप्लाई की जा रही है.
जिला कलेक्टर ने किया गांव का दौरा
सागर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर झांसी-सागर रोड पर मेहर गांव में बुधवार रात कई लोग उल्टी-दस्त का शिकार हो गए. पहले एक आदिवासी परिवार इसकी चपेट में आया और सुबह होते ही पूरे गांव में करीब 100 से ज्यादा लोगों को ये समस्या हुई. गुरूवार शाम तक जिला चिकित्सालय और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में गांव के करीब 60 लोग भर्ती हो गए, जहां सभी इलाजरत हैं. इसके अलावा कई लोग निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. गांव में डायरिया के प्रकोप की खबर लगते ही गुरुवार को ही स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया. शुक्रवार सुबह जिला कलेक्टर गांव में पहुंचे. जहां उन्होंने अस्थायी अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों से मुलाकात की.
दूषित पानी के कारण फैली बीमारी
गांव पहुंचे जिला कलेक्टर दीपक आर्य ने उस इलाके का दौरा किया, जहां बीमार लोगों की संख्या ज्यादा थी. वहां पता चला कि यहां रहने वाले लोग एक ही बोरवेल का पानी पी रहे थे. वो ही लोग बीमार हुए हैं. कलेक्टर ने तत्काल बोर को बंद कराया. बोर के पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है. गांव में पानी के लिए प्रशासन ने अलग से इंतजाम किया है. वहीं खुरई एसडीएम को भी गांव में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं. गांव में घर-घर जाकर लोगों के बीमार होने की जानकारी जुटाई जा रही है.
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बंद कराया गया बोरबेल
कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि ''संभावना लग रही है कि बीमार लोग एक ही बोर का पानी पी रहे थे. बोर का पानी दूषित हो जाने से बीमार हो गए हैं. मैंने भी गांव का दौरा किया है. वहां देखा है कि बोर के आसपास के लोग ही ज्यादा बीमार हैं. हमने बोरवेल को तत्काल बंद कर दिया है. गांव के सैनिटाइजेशन के लिए जिला मुख्यालय से सामग्री भेजी गई है. घर-घर जाकर भी हेल्थ टीम जांच कर रही है और रोकथाम के लिए दवाएं वितरित कर रही है. अभी तक 60 के करीब लोग मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में भर्ती हैं. कुछ लोग निजी अस्पतालों में भी इलाज करा रहे हैं. एक व्यक्ति की मौत की सूचना है, लेकिन कारण अभी स्पष्ट नहीं है.''