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बुंदेलखंड में कांग्रेस करेगी बड़ा उलटफेर? चुनाव परिणामों से पहले जानिए इन सीटों का हाल - Bundelkhand Lok Sabha seat analysis - BUNDELKHAND LOK SABHA SEAT ANALYSIS

4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित किए जाएंगे. इन परिणामों के लिए कयासों का दौर शुरू हो गया है. भाजपा इस बार मध्यप्रदेश में पूरी 29 लोकसभा सीटें जीतने का दावा कर रही है. ऐसे में मध्यप्रदेश बुंदेलखंड की 4 सीटों पर के चुनाव परिणाम क्या होंगे ये देखने वाली बात है. क्या इन सीटों पर भाजपा का जीत बरकरार रहेगी या कांग्रेस वापसी कर पाएगी. आइए जानते हैं..

BUNDELKHAND LOK SABHA SEAT ANALYSIS
बुंदेलखंड में कांग्रेस करेगी बड़ा उलटफेर? (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 26, 2024, 11:04 AM IST

सागर। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों का लोगों को बेसब्री से इंतजार है. मध्य प्रदेश में सत्ताधारी दल भाजपा का दावा है कि वह 29 की 29 सीटें जीतने जा रही है. ऐसे में मध्यप्रदेश बुंदेलखंड की 4 सीटों पर क्या चुनाव परिणाम देखने मिलेंगे. इसके कयासों के दौर शुरू हो गए हैं. खजुराहो सीट में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी का पर्चा रद्द होने से भाजपा प्रत्याशी वीडी शर्मा के मुकाबले में कोई नहीं बचा था. टीकमगढ, दमोह, सागर लोकसभा में देखने वाली बात ये है कि भाजपा एक बार फिर यहां अपना जलवा बरकरार रखेगी या कांग्रेस का सूखा खत्म होगा.

क्या वीडी शर्मा बनाएंगे रिकॉर्ड?

बुंदेलखंड की खजुराहो सीट की बात करें तो ये सीट इंडिया गठबंधन के तहत सपा के खाते में गई थी और सपा ने यूपी के बाहुबली दीपनारायण सिंह की पत्नी पूर्व विधायक मीरा यादव को प्रत्याशी बनाया था. लेकिन ऐन वक्त पर उनका पर्चा रद्द हो गया. सपा प्रत्याशी का आरोप था कि उन्हें नामांकन पत्र में सुधार करने का मौका नहीं दिया गया. बाद में इंडिया गठबंधन ने फारवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी को समर्थन दिया, लेकिन समर्थन सिर्फ रस्म अदायगी रही और इंडिया गठबंधन ने ना तो कोई प्रचार किया और ना उनके समर्थन में सभा या रैली की. अब राजनीतिक पंडित अनुमान लगा रहे हैं कि वीडी शर्मा खजुराहो लोकसभा सीट से जीत का रिकॉर्ड बना सकते हैं. आपको बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह को 4 लाख 92 हजार वोटों से पटखनी दी थी.

दमोह में कांग्रेस बनाम बीजेपी

अब बात करते हैं लोधी मतदाता बाहुल्य सीट दमोह की. यहां पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए राहुल सिंह लोधी को बीजेपी ने जातीय समीकरणों के आधार पर प्रत्याशी बनाया है, तो कांग्रेस ने भी बंडा के पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए राहुल लोधी पर कांग्रेस शुरू से ही हमलावर थी और उन पर गद्दार होने के साथ-साथ बिकाऊ होने के आरोप भी लगा रही थी. यहां कांग्रेस और बीजेपी में टक्कर समझ में आ रही है. लेकिन कुछ जानकार मानते हैं कि अंतिम समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली ने भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया है. हालांकि इस सीट के बारे में अभी से कुछ भी कहना जल्दबाजी हो सकती है.

टीकमगढ में क्या वापसी करेगी कांग्रेस

लोकसभा चुनाव में बुंदेलखंड के अजेय योद्धा कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार को भाजपा ने टीकमगढ से प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने युवा और नए नवेले स्थानीय चेहरे दिनेश अहिरवार को प्रत्याशी बनाया. टीकमगढ के लिए बाहरी और लगातार सांसद बने रहने के कारण वीरेंद्र कुमार खिलाफ माहौल की खबरें आ रही थीं. वहीं स्थानीय तौर पर दिनेश अहिरवार की छवि बेहतरीन मानी जाती है. लेकिन भाजपा संगठन की सक्रियता और प्रदेश में भाजपा की सत्ता होने का फायदा वीरेन्द्र कुमार को होता नजर आ रहा है.

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सागर में कायम रहेगा भाजपा का जादू?

सागर लोकसभा सीट से भाजपा ने महिला प्रत्याशी लता वानखेडे़ को मैदान में उतारा है. लता वानखेडे मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हैं. इसके अलावा भाजपा संगठन में महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष भी रही हैं. पंच के चुनाव से राजनीति की शुरूआत करने वाली लता वानखेडे़ के लिए कांग्रेस से यूपी के खनन व्यवसायी गुड्डु राजा बुंदेला की चुनौती थी. बाहरी होने के कारण गुड्डू राजा बुंदेला के लिए कांग्रेस संगठन को एकजुट रखने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन गुड्ड राजा बुंदेला का प्रचार-प्रसार का तरीका और लोगों से मिलने जुलने का अंदाज चर्चा का विषय रहा. हांलाकि लता वानखेडे़ स्थानीय चेहरा होने के साथ-साथ पहले टिकट घोषित हो जाने के कारण तीन बार पूरे क्षेत्र का दौरा कर चुकी थी और अंतिम वक्त पर पीएम मोदी की जनसभा ने उनके पक्ष में माहौल बनाने का काम किया. लेकिन अभी से इस सीट के बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा.

सागर। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों का लोगों को बेसब्री से इंतजार है. मध्य प्रदेश में सत्ताधारी दल भाजपा का दावा है कि वह 29 की 29 सीटें जीतने जा रही है. ऐसे में मध्यप्रदेश बुंदेलखंड की 4 सीटों पर क्या चुनाव परिणाम देखने मिलेंगे. इसके कयासों के दौर शुरू हो गए हैं. खजुराहो सीट में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी का पर्चा रद्द होने से भाजपा प्रत्याशी वीडी शर्मा के मुकाबले में कोई नहीं बचा था. टीकमगढ, दमोह, सागर लोकसभा में देखने वाली बात ये है कि भाजपा एक बार फिर यहां अपना जलवा बरकरार रखेगी या कांग्रेस का सूखा खत्म होगा.

क्या वीडी शर्मा बनाएंगे रिकॉर्ड?

बुंदेलखंड की खजुराहो सीट की बात करें तो ये सीट इंडिया गठबंधन के तहत सपा के खाते में गई थी और सपा ने यूपी के बाहुबली दीपनारायण सिंह की पत्नी पूर्व विधायक मीरा यादव को प्रत्याशी बनाया था. लेकिन ऐन वक्त पर उनका पर्चा रद्द हो गया. सपा प्रत्याशी का आरोप था कि उन्हें नामांकन पत्र में सुधार करने का मौका नहीं दिया गया. बाद में इंडिया गठबंधन ने फारवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी को समर्थन दिया, लेकिन समर्थन सिर्फ रस्म अदायगी रही और इंडिया गठबंधन ने ना तो कोई प्रचार किया और ना उनके समर्थन में सभा या रैली की. अब राजनीतिक पंडित अनुमान लगा रहे हैं कि वीडी शर्मा खजुराहो लोकसभा सीट से जीत का रिकॉर्ड बना सकते हैं. आपको बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह को 4 लाख 92 हजार वोटों से पटखनी दी थी.

दमोह में कांग्रेस बनाम बीजेपी

अब बात करते हैं लोधी मतदाता बाहुल्य सीट दमोह की. यहां पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए राहुल सिंह लोधी को बीजेपी ने जातीय समीकरणों के आधार पर प्रत्याशी बनाया है, तो कांग्रेस ने भी बंडा के पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए राहुल लोधी पर कांग्रेस शुरू से ही हमलावर थी और उन पर गद्दार होने के साथ-साथ बिकाऊ होने के आरोप भी लगा रही थी. यहां कांग्रेस और बीजेपी में टक्कर समझ में आ रही है. लेकिन कुछ जानकार मानते हैं कि अंतिम समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली ने भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया है. हालांकि इस सीट के बारे में अभी से कुछ भी कहना जल्दबाजी हो सकती है.

टीकमगढ में क्या वापसी करेगी कांग्रेस

लोकसभा चुनाव में बुंदेलखंड के अजेय योद्धा कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार को भाजपा ने टीकमगढ से प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने युवा और नए नवेले स्थानीय चेहरे दिनेश अहिरवार को प्रत्याशी बनाया. टीकमगढ के लिए बाहरी और लगातार सांसद बने रहने के कारण वीरेंद्र कुमार खिलाफ माहौल की खबरें आ रही थीं. वहीं स्थानीय तौर पर दिनेश अहिरवार की छवि बेहतरीन मानी जाती है. लेकिन भाजपा संगठन की सक्रियता और प्रदेश में भाजपा की सत्ता होने का फायदा वीरेन्द्र कुमार को होता नजर आ रहा है.

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