सागर. मध्यप्रदेश की इकलौती सेंट्रल यूनिवर्सिटी डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (Dr. Harisingh gaur university) और धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Dharmshala central university) हिमाचल प्रदेश के बीच अकादमिक करार हुआ है. इस करार के तहत एजुकेशन रिसर्च, स्किल डेवलपमेंट और कई विषयों पर एक पूर्ण कालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर धर्मशाला यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल, कुलसचिव प्रो. सुमन शर्मा और हरीसिंह गौर विश्वविद्यालयकी कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता मौजूद थे.
विभिन्न क्षेत्रों में होगा परस्पर सहयोग
अकादमिक करार के जरिए दोनों सेंट्रल यूनिवर्सिटी में विभिन्न शैक्षणिक विषयों में अनुसंधान, शिक्षा और नवाचार में एक दूसरे के साथ समन्वय से करने की बात कही गई है. इसके साथ दोनों सेंट्रल यूनिवर्सिटी द्वारा अपनी भौगोलिक और क्षेत्रीय विविधता के आधार स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम कीट पालन, मशरूम की खेती, आदिवासी विकास और पर्यटन से संबंधित पाठ्यक्रमों को शुरू करने परस्पर सहयोग करने पर चर्चा हुई.
दोनों यूनिवर्सिटी तैयार करेंगी नए कोर्स
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने कहा कि अकादमिक करार के जरिए दोनों सेंट्रल यूनिवर्सिटी संस्कृति, ज्ञान के साथ सामाजिक सरोकार और संसाधनों के माध्यम से प्रभावी पाठ्यक्रम तैयार करने का प्रयास करेंगी. इससे दोनों विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भरपूर लाभ ले सकेंगे. इसके अलावा वैल्यू एजुकेशन से संबंधित कोर्स, आउटरेज प्रोग्राम, डिस्टेंस एजुकेशन के नए डिप्लोमा सर्टिफिकेट, पीजी डिप्लोमा, शार्ट टर्म कोर्स विकसित किए जाएंगे.
रिसर्च के पेटैंट पर फोकस
करार के तहत ये तय किया गया है कि इस दौरान रिसर्च को संयुक्त रूप से पेटेंट कराया जाएगा और पेटेंट से होने वाले लाभ एक- दूसरे से साझा किए जाएंगे. आंतरिक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की फंडिंग के लिए अलग- अलग रिसर्च प्रोग्राम विकसित करने पर जोर देने की बात कही गई है.