सागर। बुंदेलखंड में इन दिनों किसानों अपनी रबी की फसलों पर देसी शराब का छिड़काव कर रहे हैं. खास बात ये है कि ये खबर पूरे अंचल में जोरों से फैली है कि चना और मसूर की फसलों के लिए देसी शराब का छिड़काव फायदेमंद है. खासकर चने की फसल में लगने वाली इल्ली को मारने और फसल की वृद्धि के लिए ये एक कारगर उपाय है. इधर कृषि विभाग का कहना है कि किसानों को इस तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. शराब से फसलों को कोई फायदा नहीं होता है. कृषि वैज्ञानिकों की माने तो शराब के छिड़काव से फसलों को नुकसान भले नहीं हो लेकिन ये किसान की जेब ढीली कर सकता है.
फसलों पर शराब का छिड़काव
इन दिनों बुंदेलखंड के किसान अच्छी फसल के लिए एक अजीबोगरीब तरीका अपना रहे हैं. खासकर रबी की फसलों की अच्छी पैदावार के लिए किसानों ने फसलों पर देसी शराब का छिड़काव शुरू कर दिया है. बुंदेलखंड के सागर जिले में रहली, देवरी और कई इलाकों के किसानों के इस तरह के प्रयोग की जानकारी मिली है. हालांकि ज्यादातर किसान चुपचाप ये काम कर रहे हैं और पूछने पर बताने से भी कतरा रहे हैं. लेकिन ये खबर फैलते ही कृषि विभाग खासा परेशान है. दूसरी तरफ इस तरह का छिड़काव करने वाले किसानों का कहना है कि देसी शराब छिड़कने से फसलों की अच्छी पैदावार होती है और फसल तेजी से वृद्धि करती है.
क्या कहना है किसानों का
जिले के रहली विकासखंड के किसान रमेश पटेल कहते हैं कि हम लोग गेंहू, चना और मसूर की फसल पर देसी शराब का छिड़काव कर रहे हैं, इससे अच्छी पैदावार हो रही है. इसके कारण फसल में अच्छे फूल आते हैं और पौधा भी हरा भरा रहता है. हमारे गांव में करीब 10 फीसदी किसान ये तरीका आजमा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ किसान आनंद राव का कहना है कि हम शराब पर भरोसा नहीं करते हैं क्योंकि एक पंप में एक पौवा शराब लगती है और एक एकड़ में 10 पंप छिड़काव किया जाएगा तो 900 रुपये की शराब लगेगी. क्या भरोसा है कि ये असर देगा.
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क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
कृषि विभाग के सहायक संचालक जितेन्द्र सिंह राजपूत का कहना है कि जिले में जो भी किसान भाई अपनी फसलों में शराब का छिड़काव कर रहे हैं, वो पूरी तरह से वैज्ञानिकों के अनुसार गलत है. इस तरह के तरीके से हमें आर्थिक क्षति होती है. अगर कीटनाशक और दवाइयों को शराब के मुकाबले देखा जाए, तो शराब का उपयोग काफी महंगा होगा. इस तरीके से वैज्ञानिकों के अनुसार कोई फायदा नहीं है. हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि शराब फर्मेन्टेशन की प्रकिया से बनती है, इसलिए ज्यादा नुकसान की संभावना नहीं है, लेकिन खास बात ये है कि इससे कोी फायदा भी नहीं है.