सागर। सागर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लता वानखेड़े को अपनी जीत का पूरा भरोसा है. लता वानखेड़े का कहना है कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास की राजनीति को लेकर उन्हें लोगों का भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है. पूरे लोकसभा क्षेत्र का तीन बार दौरा कर चुकी हैं और मतदाता उनसे कह रहे हैं कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, जीत उन्हीं की होगी. लता वानखेडे का कहना है कि बुंदेलखंड में महिलाओं का पिछड़ापन प्रमुख मुद्दा है. हालांकि पिछले 20 सालों में भाजपा की सरकार ने महिलाओं को सशक्त करने के लिए राजनीतिक भागीदारी बढ़ाई है और उन्हें पंचायत और नगरीय निकाय में बराबर की हिस्सेदारी दी है.
राजनीति के अलावा समाज सेवा के जरिए वह महिलाओं को सशक्त करने का प्रयास करती रही हैं और सांसद चुने जाने के बाद बुंदेलखंड की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी.' लता वानखेड़े ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
कौन है लता वानखेड़े
बुंदेलखंड ही नहीं मध्य प्रदेश के लिए एक जाना पहचाना चेहरा हैं. उन्होंने राजनीति की शुरुआत तो मकरोनिया ग्राम पंचायत के एक पंच के रूप में की थी और तीन बार वह ग्राम पंचायत की सरपंच भी रहीं, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई. वह भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं. शिवराज सरकार में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त की गई. इसके अलावा उन्होंने संगठन और सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई है. लता वानखेड़े 1995 में पहली बार मकरोनिया ग्राम पंचायत में पंच चुनी गयी. फिर 2000 से 2015 तक सरपंच पद पर रहीं. जनवरी 2016 में लता वानखेड़े को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था. लता वानखेड़े कुर्मी समुदाय से आती हैं और सागर सहित मध्य प्रदेश की राजनीति में जाना पहचाना चेहरा है.
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महिलाओं का सशक्तिकरण प्रमुख एजेंडा
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि 'उनका टिकट करीब 2 महीने पहले ही घोषित हो गया था. इसलिए उन्हें संसदीय क्षेत्र में प्रचार करने का भरपूर मौका मिला. लोगों से पहले से परिचय था और पर्याप्त समय मिलने के कारण वह क्षेत्र का तीन-तीन बार दौरा कर चुकी हैं. क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है और आपकी जीत सुनिश्चित है.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास की राजनीति के चलते लोग भाजपा को तीसरी बार जीतना चाहते हैं. बुंदेलखंड में महिलाओं के पिछड़ेपन और महिला अत्याचार को लेकर उन्होंने कहा कि 'वह महिलाओं के बीच 1985 से लगातार काम कर रही हैं. पहले उन्होंने अपने सामाजिक संगठन के जरिए महिलाओं को सशक्त करने का प्रयास किया और राजनीति के जरिए भी महिलाओं की आवाज बुलंद की सांसद चुने जाने के बाद वह बुंदेलखंड की महिलाओं को सशक्त करने के लिए भरपूर प्रयास करेंगी.