ETV Bharat / state

बुंदेलखंड के दिग्गज भाजपाइयों की अगली पीढ़ी की सियासी दस्तक, किसका चमकेगा नसीब

बुंदेलखंड के दिग्गज नेताओं के पुत्र पिता की विरासत और नए जमाने की सियासत के साथ खुद की सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हैं.

BJP LEADERS SONS POLITICAL FUTURE
बीजेपी के दिग्गज नेताओं के पुत्रों का राजनीतिक भविष्य (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 5, 2024, 10:00 PM IST

सागर: मध्य प्रदेश की राजनीति में बुंदेलखंड की बात करें तो भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इलाके में एक से बढ़कर एक दिग्गज नेता हुए हैं. इन नेताओं ने सूबे की सियासत में जमकर नाम कमाया है और बड़े-बड़े पद भी हासिल किए हैं. जिनमें गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत जैसे दिग्गजों के नाम शामिल हैं. खास बात ये है कि इन नेताओं के उत्तराधिकारी भी अपने सियासी राजतिलक की तैयारी में जुटे हैं और इनकी राजनीतिक सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. पिता की विरासत और नए जमाने की सियासत के साथ कदमताल कर रहे इन युवा नेताओं से ना सिर्फ इनके परिजनों बल्कि बुंदेलखंड की आवाम को भी काफी उम्मीदें हैं. इन युवा नेताओं में गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव, भूपेन्द्र सिंह के बेटे अभिराज सिंह और गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह राजपूत का नाम आता है.

दिग्गज नेताओं के बेटे ठोक रहे हैं ताल

सियासी तौर पर बुंदेलखंड भाजपा का गढ़ माना जाता है. यहां के नेताओं ने मध्यप्रदेश की राजनीति में बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए हैं. अब जब उनकी अगली पीढ़ी नेताओं की विरासत संभालने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. तो इन दिग्गज नेताओं की चर्चा जोर पकड़ रही है कि राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी अपने युवराजों का किस तरह राजनीतिक अभिषेक करेंगे. सबसे पहले बात गोपाल भार्गव की करें,तो लगातार 9 बार से रेहली विधानसभा से चुनाव जीत रहे गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव लंबे समय से चुनावी पारी शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद बुंदेलखंड के दिग्गज ठाकुर नेता भूपेन्द्र सिंह मध्यप्रदेश की सियासत का जाना पहचाना चेहरा हैं. भूपेन्द्र सिंह के बेटे अविराज सिंह पिता के नक्शे कदम पर युवा मोर्चा से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने की तैयारी में जुट गए हैं. मोहन यादव सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह भी पिता की राजनीति में सक्रिय सहयोग निभाकर सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं.

Gopal Bhargava son Abhishek
बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव (ETV Bharat)
Gopal Bhargava son Abhishek
गोपाल भार्गव के साथ अभिषेक भार्गव (ETV Bharat)

गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव

पूर्व मंत्री और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव की राजनीतिक सक्रियता आज से करीब 20 साल पहले बढ़ गई थी. जब उनके पिता पहली बार उमाभारती सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. राजधानी में पिता की सरकार में सक्रिय भूमिका के चलते अभिषेक भार्गव ने रेहली विधानसभा को संभाला और पिता की तरह जल्द ही लोगों के दिलों में जगह बना ली. सरल,सहज मुलाकात के अलावा पिता की तरह तेज तर्रार राजनीति की शैली के चलते अभिषेक भार्गव काफी लोकप्रिय हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक अभिषेक भार्गव अपनी चुनावी पारी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन सियासी समीकरण हर बार उनका इंतजार 5 साल के लिए बढ़ा देते हैं.

Bhupendra Singh son Abhiraj Singh
भूपेन्द्र सिंह के पुत्र अभिराज सिंह (ETV Bharat)

पिता के नक्शेकदम पर अविराज सिंह

मध्यप्रदेश की राजनीति में तेजी से उभरे भूपेन्द्र सिंह की पहचान बुंदेलखंड के दिग्गज ठाकुर नेता के तौर पर है. पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के सबसे करीबी लोगों में उनका नाम आता है. उनके बेटे अविराज सिंह की उम्र अभी ज्यादा नहीं है. लेकिन पिछले तीन-चार सालों से वो अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र खुरई में सक्रियता बढ़ा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने पूरे सागर जिले में युवा सम्मेलन आयोजित करने का सिलसिला शुरू कर दिया है. खास बात ये है कि पिता की विरासत संभालने के लिए अविराज सिंह खुद को कड़ी मेहनत से तैयार कर रहे हैं. भाजपा की रीति-नीति इतिहास से भली भांति परिचित हैं. महापुरूषों के जीवन और उनके संघर्ष को समझने के लिए किताबें पढ़ना उनका शौक है. कम उम्र में उनके भाषण चर्चा का विषय बन रहे हैं.

Govind Singh Rajput son Akash with Mahaaryaman Scindia
महाआर्यमन सिंधिया के साथ आकाश सिंह राजपूत (ETV Bharat)

गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह राजपूत

मध्य प्रदेश की राजनीति में सिंधिया की परछाई बनकर चलने वाले मोहन यादव सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की राजनीतिक निष्ठा सिंधिया परिवार में है. सिंधिया जहां मैं वहां की तर्ज पर गोविंद सिंह राजपूत भाजपा में हैं. कांग्रेस में उन्होंने मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष जैसा प्रतिष्ठित पद संभाला और कमलनाथ सरकार में राजस्व और परिवहन मंत्रालय जैसे विभाग संभाले. सिंधिया के साथ भाजपा में आए, तो शिवराज सरकार में उन्हें वही विभाग मिले. मोहन यादव सरकार में बुंदेलखंड से इकलौते कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह राजपूत वैसे तो फिल्मी दुनिया में जगह बनाना चाहते थे और कुछ फिल्मों में उन्होंने काम भी किया. लेकिन पिता के मंत्री बनते ही पिता की सियासत में हाथ बंटाने के लिए राजनीति का दामन थामना पड़ा. फिलहाल पिता के विधानसभा क्षेत्र सुरखी में उनकी सक्रियता काफी ज्यादा है.

ये भी पढ़ें:

MPL में अगले साल नजर आएगी बुंदलेखंड टीम, महाआर्यमन सिंधिया का आकाश राजपूत से वादा

क्या मंत्री गोपाल भार्गव चुनावी राजनीति से लेंगे संन्यास, बेटे राज्य 'अभिषेक' का इंतजार

पिता की विरासत संभालने की चुनौती

देखा जाए तो इन युवा नेताओं को राजनीति में कदम रखने के लिए अपने पिता की सियासी विरासत मिली है. लेकिन राजनीति में विरासत संभालना खुद की सियासी जमीन तैयार करने से ज्यादा कठिन होता है. युवा नेताओं के साथ पिता का नाम जुड़ा है और उनकी भारी भरकम विरासत संभालने की चुनौती भी है.

सागर: मध्य प्रदेश की राजनीति में बुंदेलखंड की बात करें तो भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इलाके में एक से बढ़कर एक दिग्गज नेता हुए हैं. इन नेताओं ने सूबे की सियासत में जमकर नाम कमाया है और बड़े-बड़े पद भी हासिल किए हैं. जिनमें गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत जैसे दिग्गजों के नाम शामिल हैं. खास बात ये है कि इन नेताओं के उत्तराधिकारी भी अपने सियासी राजतिलक की तैयारी में जुटे हैं और इनकी राजनीतिक सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. पिता की विरासत और नए जमाने की सियासत के साथ कदमताल कर रहे इन युवा नेताओं से ना सिर्फ इनके परिजनों बल्कि बुंदेलखंड की आवाम को भी काफी उम्मीदें हैं. इन युवा नेताओं में गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव, भूपेन्द्र सिंह के बेटे अभिराज सिंह और गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह राजपूत का नाम आता है.

दिग्गज नेताओं के बेटे ठोक रहे हैं ताल

सियासी तौर पर बुंदेलखंड भाजपा का गढ़ माना जाता है. यहां के नेताओं ने मध्यप्रदेश की राजनीति में बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए हैं. अब जब उनकी अगली पीढ़ी नेताओं की विरासत संभालने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. तो इन दिग्गज नेताओं की चर्चा जोर पकड़ रही है कि राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी अपने युवराजों का किस तरह राजनीतिक अभिषेक करेंगे. सबसे पहले बात गोपाल भार्गव की करें,तो लगातार 9 बार से रेहली विधानसभा से चुनाव जीत रहे गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव लंबे समय से चुनावी पारी शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद बुंदेलखंड के दिग्गज ठाकुर नेता भूपेन्द्र सिंह मध्यप्रदेश की सियासत का जाना पहचाना चेहरा हैं. भूपेन्द्र सिंह के बेटे अविराज सिंह पिता के नक्शे कदम पर युवा मोर्चा से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने की तैयारी में जुट गए हैं. मोहन यादव सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह भी पिता की राजनीति में सक्रिय सहयोग निभाकर सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं.

Gopal Bhargava son Abhishek
बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव (ETV Bharat)
Gopal Bhargava son Abhishek
गोपाल भार्गव के साथ अभिषेक भार्गव (ETV Bharat)

गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव

पूर्व मंत्री और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव की राजनीतिक सक्रियता आज से करीब 20 साल पहले बढ़ गई थी. जब उनके पिता पहली बार उमाभारती सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. राजधानी में पिता की सरकार में सक्रिय भूमिका के चलते अभिषेक भार्गव ने रेहली विधानसभा को संभाला और पिता की तरह जल्द ही लोगों के दिलों में जगह बना ली. सरल,सहज मुलाकात के अलावा पिता की तरह तेज तर्रार राजनीति की शैली के चलते अभिषेक भार्गव काफी लोकप्रिय हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक अभिषेक भार्गव अपनी चुनावी पारी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन सियासी समीकरण हर बार उनका इंतजार 5 साल के लिए बढ़ा देते हैं.

Bhupendra Singh son Abhiraj Singh
भूपेन्द्र सिंह के पुत्र अभिराज सिंह (ETV Bharat)

पिता के नक्शेकदम पर अविराज सिंह

मध्यप्रदेश की राजनीति में तेजी से उभरे भूपेन्द्र सिंह की पहचान बुंदेलखंड के दिग्गज ठाकुर नेता के तौर पर है. पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के सबसे करीबी लोगों में उनका नाम आता है. उनके बेटे अविराज सिंह की उम्र अभी ज्यादा नहीं है. लेकिन पिछले तीन-चार सालों से वो अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र खुरई में सक्रियता बढ़ा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने पूरे सागर जिले में युवा सम्मेलन आयोजित करने का सिलसिला शुरू कर दिया है. खास बात ये है कि पिता की विरासत संभालने के लिए अविराज सिंह खुद को कड़ी मेहनत से तैयार कर रहे हैं. भाजपा की रीति-नीति इतिहास से भली भांति परिचित हैं. महापुरूषों के जीवन और उनके संघर्ष को समझने के लिए किताबें पढ़ना उनका शौक है. कम उम्र में उनके भाषण चर्चा का विषय बन रहे हैं.

Govind Singh Rajput son Akash with Mahaaryaman Scindia
महाआर्यमन सिंधिया के साथ आकाश सिंह राजपूत (ETV Bharat)

गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह राजपूत

मध्य प्रदेश की राजनीति में सिंधिया की परछाई बनकर चलने वाले मोहन यादव सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की राजनीतिक निष्ठा सिंधिया परिवार में है. सिंधिया जहां मैं वहां की तर्ज पर गोविंद सिंह राजपूत भाजपा में हैं. कांग्रेस में उन्होंने मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष जैसा प्रतिष्ठित पद संभाला और कमलनाथ सरकार में राजस्व और परिवहन मंत्रालय जैसे विभाग संभाले. सिंधिया के साथ भाजपा में आए, तो शिवराज सरकार में उन्हें वही विभाग मिले. मोहन यादव सरकार में बुंदेलखंड से इकलौते कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह राजपूत वैसे तो फिल्मी दुनिया में जगह बनाना चाहते थे और कुछ फिल्मों में उन्होंने काम भी किया. लेकिन पिता के मंत्री बनते ही पिता की सियासत में हाथ बंटाने के लिए राजनीति का दामन थामना पड़ा. फिलहाल पिता के विधानसभा क्षेत्र सुरखी में उनकी सक्रियता काफी ज्यादा है.

ये भी पढ़ें:

MPL में अगले साल नजर आएगी बुंदलेखंड टीम, महाआर्यमन सिंधिया का आकाश राजपूत से वादा

क्या मंत्री गोपाल भार्गव चुनावी राजनीति से लेंगे संन्यास, बेटे राज्य 'अभिषेक' का इंतजार

पिता की विरासत संभालने की चुनौती

देखा जाए तो इन युवा नेताओं को राजनीति में कदम रखने के लिए अपने पिता की सियासी विरासत मिली है. लेकिन राजनीति में विरासत संभालना खुद की सियासी जमीन तैयार करने से ज्यादा कठिन होता है. युवा नेताओं के साथ पिता का नाम जुड़ा है और उनकी भारी भरकम विरासत संभालने की चुनौती भी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.