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केले की खेती बदलेगी बुंदेलखंड की तकदीर, मोहन सरकार भरेगी किसानों का खजाना

मालवा-निमाड़ की तरह बुंदेलखंड में भी केले की खेती हो सकती है. इसके लिए मोहन यादव सरकार ने एक खास प्लान बनाया है.

BANANA CULTIVATION IN BUNDELKHAND
बुंदेलखंड में भी हो सकती है केले की खेती (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

सागर: बुंदेलखंड में केले की खेती की उम्मीद जगी है. मध्य प्रदेश सरकार के आजीविका मिशन की पहल पर किसानों को केले के विशेष किस्म के पौधे मुहैया कराकर केले की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. दरअसल, कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि जब प्रदेश के मालवा-निमाड़ इलाके में केले की खेती सफलतापूर्वक हो रही है तो बुंदेलखंड में क्यों नहीं हो सकती. क्योंकि दोनों क्षेत्रों की जलवायु में भी ज्यादा फर्क नहीं है. इसलिए बुंदेलखंड के किसान भी केले की खेती करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. बुंदेलखंड में केले का बड़ा बाजार है, लेकिन यहां के किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर केले की खेती नहीं किए जाने के कारण बाहर से आने वाला केला यहां बिकता है.

जानिए क्या है मध्य प्रदेश आजीविका मिशन योजना?

दरअसल, मध्य प्रदेश आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण अंचलों में उन्नत कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह के प्रयास किए जाते हैं. इसके पहले सागर जिले में थाईलैंड के अमरूद की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया था. आजीविका मिशन द्वारा महिला स्व सहायता समूहों को अमरूद के पौधे मुहैया कराए गए और महिलाओं ने अमरूद के पौधे लगाए. अब जब पौधे बड़े हो गए हैं, तो किसानों को अच्छी आमदनी भी हो रही है. इसी तर्ज पर अब बुंदेलखंड में केले की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए चिन्हित किसानों को 100-100 केले के पौधे मुहैया कराए जा रहे हैं और उन्हें प्रशिक्षित कर केले की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

केले की खेती बदलेगी बुंदेलखंड की तकदीर (ETV Bharat)

क्या कहते हैं जानकार?

कृषि वैज्ञानिक आशीष त्रिपाठी का कहना है, ''मालवा-निमाड़ में केले की बहुत खेती होती है. जलवायु के नजरिए से देखा जाए तो बुंदेलखंड बहुत दूर नहीं है. इसलिए यहां की जलवायु भी ऐसी है कि केले की खेती कर सकते हैं. अभी यहां कई किसान जी-9 और देशी केला लगाकर मार्केट में ला रहे हैं. बुंंदेलखंड में पूरी संभावना है कि केला आसानी से होने लगेगा. यहां केले की खेती बहुत सारे लोग कर भी रहे हैं. छोटे स्तर पर यहां खेती हो रही है. टिश्यु कल्चर वाली किस्मों के केले लगाकर व्यापक स्तर पर लाभ लिया जा सकता है. उद्यानिकी विभाग में भी केले के लिए योजना है. आजीविका मिशन किसानों को केले की खेती के लिए पौधे उपलब्ध करा रही है.''

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बहुत बड़ा है केले की चिप्स का मार्केट

वहीं, मध्य प्रदेश आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक अनूप तिवारी का कहना है, ''सागर जिले में अभी केले का व्यावसायिक रूप से उत्पादन नहीं होता है. जबकि दो फसलें फलदार पौधों की ले लें तो केला एक कम अवधि की फसल है. लंबी अवधि वाले आम और अमरूद के बाग में केले की फसल ली जा सकती है. यहां कच्चे केले का अच्छा मार्केट है. किसानों को विकल्प के तौर पर हम केले की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. इसके अलावा वैल्यू एडेड प्रोडक्ट के तौर पर बात करें तो हमारे यहां केले के चिप्स का बहुत बड़ा मार्केट है.''

सागर: बुंदेलखंड में केले की खेती की उम्मीद जगी है. मध्य प्रदेश सरकार के आजीविका मिशन की पहल पर किसानों को केले के विशेष किस्म के पौधे मुहैया कराकर केले की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. दरअसल, कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि जब प्रदेश के मालवा-निमाड़ इलाके में केले की खेती सफलतापूर्वक हो रही है तो बुंदेलखंड में क्यों नहीं हो सकती. क्योंकि दोनों क्षेत्रों की जलवायु में भी ज्यादा फर्क नहीं है. इसलिए बुंदेलखंड के किसान भी केले की खेती करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. बुंदेलखंड में केले का बड़ा बाजार है, लेकिन यहां के किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर केले की खेती नहीं किए जाने के कारण बाहर से आने वाला केला यहां बिकता है.

जानिए क्या है मध्य प्रदेश आजीविका मिशन योजना?

दरअसल, मध्य प्रदेश आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण अंचलों में उन्नत कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह के प्रयास किए जाते हैं. इसके पहले सागर जिले में थाईलैंड के अमरूद की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया था. आजीविका मिशन द्वारा महिला स्व सहायता समूहों को अमरूद के पौधे मुहैया कराए गए और महिलाओं ने अमरूद के पौधे लगाए. अब जब पौधे बड़े हो गए हैं, तो किसानों को अच्छी आमदनी भी हो रही है. इसी तर्ज पर अब बुंदेलखंड में केले की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए चिन्हित किसानों को 100-100 केले के पौधे मुहैया कराए जा रहे हैं और उन्हें प्रशिक्षित कर केले की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

केले की खेती बदलेगी बुंदेलखंड की तकदीर (ETV Bharat)

क्या कहते हैं जानकार?

कृषि वैज्ञानिक आशीष त्रिपाठी का कहना है, ''मालवा-निमाड़ में केले की बहुत खेती होती है. जलवायु के नजरिए से देखा जाए तो बुंदेलखंड बहुत दूर नहीं है. इसलिए यहां की जलवायु भी ऐसी है कि केले की खेती कर सकते हैं. अभी यहां कई किसान जी-9 और देशी केला लगाकर मार्केट में ला रहे हैं. बुंंदेलखंड में पूरी संभावना है कि केला आसानी से होने लगेगा. यहां केले की खेती बहुत सारे लोग कर भी रहे हैं. छोटे स्तर पर यहां खेती हो रही है. टिश्यु कल्चर वाली किस्मों के केले लगाकर व्यापक स्तर पर लाभ लिया जा सकता है. उद्यानिकी विभाग में भी केले के लिए योजना है. आजीविका मिशन किसानों को केले की खेती के लिए पौधे उपलब्ध करा रही है.''

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बहुत बड़ा है केले की चिप्स का मार्केट

वहीं, मध्य प्रदेश आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक अनूप तिवारी का कहना है, ''सागर जिले में अभी केले का व्यावसायिक रूप से उत्पादन नहीं होता है. जबकि दो फसलें फलदार पौधों की ले लें तो केला एक कम अवधि की फसल है. लंबी अवधि वाले आम और अमरूद के बाग में केले की फसल ली जा सकती है. यहां कच्चे केले का अच्छा मार्केट है. किसानों को विकल्प के तौर पर हम केले की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. इसके अलावा वैल्यू एडेड प्रोडक्ट के तौर पर बात करें तो हमारे यहां केले के चिप्स का बहुत बड़ा मार्केट है.''

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