सागर। दलित हत्याकांड को लेकर सियासी जंग का मैदान बने खुरई विधानसभा के बरोदिया नौनागिर में बुधवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढाढ़स बंधाया और परिजनों से बैठकर चर्चा की. मुख्यमंत्री ने बरौदिया नौनागिर में पुलिस चौकी खोले जाने की बात कही. वहीं मृतक राजेंद्र अहिरवार के परिवार को 8 लाख 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता का आश्वासन भी दिया.
दिया हर संभव मदद का आश्वासन
बरौदिया नौनागिर में पहुंचे सीएम मोहन यादव ने सबसे पहले मृतक अंजना अहिरवार के परिजनों से मुलाकात कर शोक व्यक्त किया. इसके बाद उन्होंने अंजना अहिरवार के चाचा मृतक राजेंद्र अहिरवार के परिजनों से भी मुलाकात की और पप्पू रजक के घर भी गए. पप्पू रजक का भोपाल के अस्पताल में इलाज चल रहा है. सीएम मोहन यादव ने परिजनों से बातचीत में कहा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी और मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा. उन्होंने गांव में आज ही पुलिस चौकी शुरू करने की बात कही.
गांव में तत्काल खोली जाएगी पुलिस चौकी
पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद डाॅ. मोहन यादव ने कहा कि ''ऐसी घटना न हो, हम सभी इसका प्रयास करेंगे. राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ है. इस गांव में बार-बार घटनाएं हो रही हैं, इसलिए पुलिस चौकी का इंतजाम करेंगे और पुलिस प्रबंधन भी करेंगे, ताकि दोबारा ऐसी घटना ना हो. परिवार के बड़े बूढ़ों को भी विश्वास में लिया जाएगा. मैं दुख की इस घड़ी में शोकाकुल परिवार के साथ हूं. इस मामले में हम निष्पक्ष जांच कर रहे हैं, कांग्रेस ऐसी दुखद घटना पर राजनीति न करें. घटना जब भी होती है तो पीड़ित का मन आहत होता है. सरकार की संवेदनशीलता है. पीड़ित परिवार की हिम्मत बढ़ाने के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है. घटनाएं आपस में रंजिश के कारण हो रही है. सरकार यह प्रयास करेगी कि दोबारा ऐसी घटना न हो.''
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, विधानसभा चुनाव 2023 के ठीक पहले अगस्त माह में नितिन उर्फ लालू अहिरवार की पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी. इसके साथ ही उसकी बहन और मां के साथ बदसलूकी हुई थी. इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ना सिर्फ पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी, बल्कि मृतक की बहन अंजना अहिरवार से राखी बंधवाई थी. इसके बाद शनिवार को इसी मामले में मृतक नितिन अहिरवार के चाचा राजेन्द्र अहिरवार और आरोपी पक्ष के लोग राजीनामा की चर्चा के लिए इकठ्ठा हुए थे. जहां एक बार फिर दोनों पक्षों में विवाद हो गया. तभी आरोपी पक्ष ने राजेन्द्र अहिरवार पर धारदार हथियार से हमला कर दिया. फिर राजेन्द्र अहिरवार की भोपाल ले जाते समय मौत हो गई थी.
संदिग्ध परिस्थितियों में अंजना की मौत
राजेन्द्र की मौत के बाद उनकी भतीजी अंजना अहिरवार उनका शव लेकर लौट रही थी. तभी रास्ते में उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. कहा जा रहा है कि अंजना की मौत एंबुलेंस से कूदने की वजह से हुई है. इस घटना के बाद दिग्विजय सिंह अंजना के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. फिर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर राहुल गांधी से बात कराई थी. साथ ही घटना की सीबीआई जांच की मांग की थी. अब बुधवार को इसी मामले में सीएम मोहन यादव ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है.