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महाकुंभ 2025 में साधु, संत और श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, संगम किनारे उमड़ा जनसैलाब - MAHAKUMBH 2025 LATEST UPDATES

मकर संक्रांति पर संगम तट पर पहुंचे देशी और विदेशी श्रद्धालु.

साधु, संत और श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
साधु, संत और श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 14, 2025, 3:25 PM IST

प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के पहले शाही स्नान में मंगलवार को आस्था का जनसमुद्र देखने को मिला. इसमें साधु-संतों के साथ देशी और विदेशी श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर अमृत स्नान किया. आस्था के महापर्व महाकुंभ में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम तट पर उमड़ रही है. मकर संक्रांति पर बड़ी संख्या में साधु संत यहां पर स्नान कर रहे हैं. अब तक सन्यासी अखाड़े का अमृत स्नान पूरा हो चुका है.

साधु, संत और श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी (Video credit: ETV Bharat)

मां गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर साधु संतों के स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं का पूरा जोर उसी स्थान पर स्नान करने का है, इसलिए संगम तट पर भारी भीड़ जुट रही है. कई करोड़ श्रद्धालु देश विदेश से संगम में डुबकी लगाने पहुंचे हैं. ईटीवी भारत ने कई श्रद्धालुओं के साथ ही सन्यासियों से भी बात की. देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां पर स्नान करने के बाद हम धन्य हो गए. निरंजनी अखाड़े के संन्यासियों ने बताया कि किस तरह से स्नान से पहले पूजा पाठ किया जाता है, आरती की जाती है. इसके बाद तीनों देवता स्नान करते हैं और उनके स्नान संपन्न करने के बाद ही सभी साधु संत संगम में डुबकी लगाते हैं.



पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा के संन्यासी शैलेंद्र गिरि ने बताया कि पहले हमारे देवता नहाएंगे, उसके बाद हम लोग नहाएंगे. पहले पूजा होगी, आरती होगी. श्रीमहाराज और पदाधिकारी लोग पूजा करेंगे. देवता नहाकर जब वह वापस आएंगे उसके बाद सारे महात्मा स्नान करेंगे. उन्होंने कहा मैं तो बूढ़ा हो गया यहां आते आते.

यह भी पढ़ें : जानें क्या है पंच दशनाम आवाहन अखाड़े का इतिहास - शम्भू पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा

प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के पहले शाही स्नान में मंगलवार को आस्था का जनसमुद्र देखने को मिला. इसमें साधु-संतों के साथ देशी और विदेशी श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर अमृत स्नान किया. आस्था के महापर्व महाकुंभ में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम तट पर उमड़ रही है. मकर संक्रांति पर बड़ी संख्या में साधु संत यहां पर स्नान कर रहे हैं. अब तक सन्यासी अखाड़े का अमृत स्नान पूरा हो चुका है.

साधु, संत और श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी (Video credit: ETV Bharat)

मां गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर साधु संतों के स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं का पूरा जोर उसी स्थान पर स्नान करने का है, इसलिए संगम तट पर भारी भीड़ जुट रही है. कई करोड़ श्रद्धालु देश विदेश से संगम में डुबकी लगाने पहुंचे हैं. ईटीवी भारत ने कई श्रद्धालुओं के साथ ही सन्यासियों से भी बात की. देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां पर स्नान करने के बाद हम धन्य हो गए. निरंजनी अखाड़े के संन्यासियों ने बताया कि किस तरह से स्नान से पहले पूजा पाठ किया जाता है, आरती की जाती है. इसके बाद तीनों देवता स्नान करते हैं और उनके स्नान संपन्न करने के बाद ही सभी साधु संत संगम में डुबकी लगाते हैं.



पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा के संन्यासी शैलेंद्र गिरि ने बताया कि पहले हमारे देवता नहाएंगे, उसके बाद हम लोग नहाएंगे. पहले पूजा होगी, आरती होगी. श्रीमहाराज और पदाधिकारी लोग पूजा करेंगे. देवता नहाकर जब वह वापस आएंगे उसके बाद सारे महात्मा स्नान करेंगे. उन्होंने कहा मैं तो बूढ़ा हो गया यहां आते आते.

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