भरतपुर. शहर के यातायात चौराहे के पास एक युवक ने बुधवार को जमीन में गड्ढा खोदकर समाधि ले ली. युवक जमीन के अंदर अपने आधे शरीर को मिट्टी में दबाकर अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहा है. युवक का कहना है कि वो बीते तीन साल से अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहा है, लेकिन सभी अधिकारी, नेता और मंत्री सिर्फ आश्वासन दे देते हैं, न कि नियुक्ति दिलाते हैं. इससे पहले युवक राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की भी मांग कर चुका है.
डीग जिले के पैंगोर के लखन का नगला के रहने वाले युवक राधेश्याम उर्फ गौरव ने बताया कि उसके पिता जवाहर सिंह सीआरपीएफ की 114 बटालियन में तैनात थे. करीब चार साल पहले रांची से नीमच में फील्ड ऑपरेशन में जाते समय उनका देहांत हो गया था. युवक पिछले तीन साल से अनुकम्पा नियुक्ति के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है, लेकिन नौकरी नहीं मिली. राधेश्याम ने बताया कि वो नियुक्ति की मांग को लेकर पूर्व में पानी की टंकी पर चढ़ा था, उस समय भी नेताओं ने नियुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं मिली.
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युवक राधेश्याम ने बताया कि मजबूरन उसे जमीन में समाधि लगानी पड़ी है. युवक का कहना है कि जब तक उसको नियुक्ति नहीं मिल जाएगी वो समाधि लगाए रखेगा. यदि नियुक्ति मिल जाती तो उसे इस तरह प्रदर्शन नहीं करना पड़ता. इससे पूर्व युवक मार्च 2023 में राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग कर चुका है. युवक ने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति उसका हक है और वो अपना हक मांग रहा है. राधेश्याम ने बताया कि उसकी मां को 14 हजार रुपए पेंशन मिलती है. इनमें से 10 हजार रुपए नौकरी के प्रयास में दौड़भाग करने में खर्च हो जाते हैं. कई साल से नेताओं और अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही.
युवक ने बताया कि अजमेर जीसी-1 में उसका मेडिकल हुआ लेकिन उसमें अनफिट कर दिया. कमांडेंट ने दोबारा मेडिकल कराने की बात कही. इसके बाद युवक को हर बार झूठी सांत्वना मिली. सीआरपीएफ में बार-बार चक्कर लगाने के बाद उन्होंने भरतपुर जिला कलक्ट्रेट को फाइल फॉरवर्ड कर दी. लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ.