रांची: देश भर दो सौ से अधिक किसान संगठनों और ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 16 फरवरी को देशव्यापी ग्रामीण बंद और औद्योगिक हड़ताल को लेकर झारखंड में मजदूर और किसान संगठनों ने व्यापक तैयारी की है. एटक, सीटू, इंटक सहित कई संगठनों के आह्वान पर होने वाले देशव्यापी हड़ताल का राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, सीपीआई माले, राष्ट्रीय जनता दल ने समर्थन देने की घोषणा कर दी है. संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के इस एकदिनी हड़ताल का राज्य के कोयला और लौह अयस्क खदान पर व्यापक असर पड़ेगा.
सीपीएम के मजदूर नेता प्रकाश विप्लव ने कहा कि मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए चार काले लेबर कोड को समाप्त करने, किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), विद्युत अधिनियम में संशोधन, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, सरकारी संस्थाओं (PSUs) को निजी हाथों में सौंपने, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य संगठनों के सेलेक्टिव और टार्गेटेड कार्रवाई के खिलाफ 16 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल का कॉल किया है. झारखंड में इस दिन कोयला क्षेत्र में ECL, CCL, BCCL, CMPDI, ओपन माइंस, कोलियरी, निर्माण मजदूर, परिवहन और लौह अयस्क खदान बंद रहेगा. इस दौरान, सरकारी क्षेत्र के मजदूर और कर्मचारी भोजनावकाश के दौरान धरना प्रदर्शन करेंगे.
झामुमो, कांग्रेस और लेफ्ट का भी समर्थन
झारखंड में 16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी बंद को सफल बनाने के लिए जहां मजदूर संगठन लगे हुए हैं वहीं राज्य की प्रमुख राजनीतिक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, लेफ्ट पार्टियां सीपीआई, सीपीएम माले ने समर्थन कर दिया है और अपने अपने जिलाध्यक्षों को बंदी को सफल बनाने के लिए मुकम्मल तैयारी करने के निर्देश दिए हैं.
बंद का समर्थन करते हुए झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि राज्य के गांव गांव में नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार के खिलाफ जो माहौल बना है, उसका असर 16 फरवरी को दिखेगा. ED का दुरुपयोग कर जिस तरह से एक आदिवासी के बेटे को केंद्र के इशारे पर ED परेशान कर रही है, उसके खिलाफ देशव्यापी हड़ताल का व्यापक असर झारखंड में फिर दिखेगा. वहीं, कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा कि केंद्र के खिलाफ व्यापक विरोध झारखंड में दिखेगा और केंद्र की सरकार को अन्नदाताओं को MSP देना ही होगा. चार लेबर कोड को समाप्त करना ही होगा.
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