ETV Bharat / state

कठुआ आतंकी हमले में रुद्रप्रयाग का लाल आनंद सिंह रावत भी शहीद, पैतृक गांव में ही किया जाएगा अंतिम संस्कार - Anand Singh Rawat martyred - ANAND SINGH RAWAT MARTYRED

Kathua Terrorist attack, terrorist attack army convoy in jammu and kashmir, जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में हुए आतंकी हमले में रुद्रप्रयाग जिले के सूबेदार आनंद सिंह रावत भी शहीद हुए है. आनंद सिंह रावत का पैतृक गांव कांडा है, जहां उनकी मां और बड़े भाई अपने परिवार के साथ रहते है, जबकि आनंद सिंह रावत की पत्नी अपने बच्चों के साथ देहरादून में रहती है.

rudraprayag
रुद्रप्रयाग का लाल आनंद सिंह रावत (फाइल फोटो) (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 9, 2024, 3:30 PM IST

Updated : Jul 9, 2024, 3:49 PM IST

रुद्रप्रयाग: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार 8 जुलाई को हुई आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हुए है. इस पांच जवानों में से एक सूबेदार आनंद सिंह हैं, जो रुद्रप्रयाग जिले के कांडा भरदार के रहने वाले थे. सूबेदार आनंद सिंह रावत के शहीद होने की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव में मातम पसरा हुआ है. हर कोई खबर सुनते ही शहीद के गांव पहुंच रहा है. शहीद का परिवार वैसे देहरादून में रहता था, जबकि उसकी मां और बड़ा भाई गांव कांडा में रह रहे थे.

देश की शरहदों पर हम सबकी रक्षा करने गए रुद्रप्रयाग जनपद के 41 वर्षीय नायब सूबेदार आनंद सिंह रावत जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हो गए. शहीद आनंद सिंह 6 महीने पहले ही छुट्टी पर अपने परिवार के पास देहरादून आए थे. इसी बीच वे गांव भी गए थे.

आनंद सिंह रावत 22 गढ़वाल राइफल में तैनात थे. इन दिनों उनकी ड्यूटी जम्मू-कश्मीर में चल रही थी. जानकारी के मुताबिक आनंद सिंह रावत साल 2001 में सेना में भर्ती हुई थे. उनकी पत्नी 38 वर्षीय विजया रावत और दो बेटे 16 वर्षीय मनीष और13 वर्षीय अंशुल वर्तमान में देहरादून के मियांवाला शिवलोक कॉलोनी के पास रह रहे थे. जबकि शहीद की मां 70 वर्षीय मोली देवी और बड़ा भाई कुंदन सिंह रावत गांव कांडा में रह रहे थे.

बताया गया कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकवादियों और भारतीय सेना के जवानों के बीच सोमवार को भीषण मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे. पांचों जवान उत्तराखंड के ही रहने वाले है. जम्मू-कश्मीर का कठुआ जिला पंजाब के पठानकोट जिले से सटा हुआ है.

बताया जा रहा है कि घटना कठुआ शहर से 150 किलोमीटर दूर लोहई मल्हार स्थित बदनोता गांव में हुई, जब सेना के कुछ वाहन इलाके में नियमित गश्त पर थे, उसी समय आतंकियों ने सेना के जवानों को निशाना बनाया. मंगलवार को शहीद की पत्नी और बेटों को गांव लाया गया. जबकि शहीद के पार्थिव शरीर को सेना द्वारा गांव पहुंचाया जाएगा, जहां पैतृक घाट पर उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी.

पढ़ें--

रुद्रप्रयाग: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार 8 जुलाई को हुई आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हुए है. इस पांच जवानों में से एक सूबेदार आनंद सिंह हैं, जो रुद्रप्रयाग जिले के कांडा भरदार के रहने वाले थे. सूबेदार आनंद सिंह रावत के शहीद होने की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव में मातम पसरा हुआ है. हर कोई खबर सुनते ही शहीद के गांव पहुंच रहा है. शहीद का परिवार वैसे देहरादून में रहता था, जबकि उसकी मां और बड़ा भाई गांव कांडा में रह रहे थे.

देश की शरहदों पर हम सबकी रक्षा करने गए रुद्रप्रयाग जनपद के 41 वर्षीय नायब सूबेदार आनंद सिंह रावत जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हो गए. शहीद आनंद सिंह 6 महीने पहले ही छुट्टी पर अपने परिवार के पास देहरादून आए थे. इसी बीच वे गांव भी गए थे.

आनंद सिंह रावत 22 गढ़वाल राइफल में तैनात थे. इन दिनों उनकी ड्यूटी जम्मू-कश्मीर में चल रही थी. जानकारी के मुताबिक आनंद सिंह रावत साल 2001 में सेना में भर्ती हुई थे. उनकी पत्नी 38 वर्षीय विजया रावत और दो बेटे 16 वर्षीय मनीष और13 वर्षीय अंशुल वर्तमान में देहरादून के मियांवाला शिवलोक कॉलोनी के पास रह रहे थे. जबकि शहीद की मां 70 वर्षीय मोली देवी और बड़ा भाई कुंदन सिंह रावत गांव कांडा में रह रहे थे.

बताया गया कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकवादियों और भारतीय सेना के जवानों के बीच सोमवार को भीषण मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे. पांचों जवान उत्तराखंड के ही रहने वाले है. जम्मू-कश्मीर का कठुआ जिला पंजाब के पठानकोट जिले से सटा हुआ है.

बताया जा रहा है कि घटना कठुआ शहर से 150 किलोमीटर दूर लोहई मल्हार स्थित बदनोता गांव में हुई, जब सेना के कुछ वाहन इलाके में नियमित गश्त पर थे, उसी समय आतंकियों ने सेना के जवानों को निशाना बनाया. मंगलवार को शहीद की पत्नी और बेटों को गांव लाया गया. जबकि शहीद के पार्थिव शरीर को सेना द्वारा गांव पहुंचाया जाएगा, जहां पैतृक घाट पर उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी.

पढ़ें--

Last Updated : Jul 9, 2024, 3:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.