वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और न्यास की तरफ से मंदिर में धार्मिक आयोजनों की शुरुआत की गई. इसके तहत शहर के विभिन्न छोटे मंदिरों में पूजन पाठ करवाया गया. इसके साथ ही विश्वनाथ मंदिर परिसर में मौजूद मंदिरों और शिवलिंगों के पूजन-पाठ की प्रक्रिया भी शुरू करा दी गई है. इसी क्रम में सोमवार को विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने पहली बार स्थापित 16 अलग-अलग शिवलिंगों और शिव कचहरी में रुद्राभिषेक का आयोजन करवाया. इस दौरान मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से लेकर कर्मचारी और खुद कमिश्नर कौशल राज शर्मा भी मौजूद रहे.
चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा संकल्पित श्री काशी विश्वनाथ धाम स्थित श्री विश्वनाथ महादेव के अतिरिक्त अन्य समस्त प्रधान रुद्र विग्रहों पर एक साथ रुद्राभिषेक महायज्ञ का आयोजन किया गया. मंडलायुक्त वाराणसी एवं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पदेन सभापति कौशल राज शर्मा ने अमृतेश्वर महादेव का, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं प्रसाद दीक्षित ने अविमुक्तेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया.
इसी कड़ी में पं दीपक मालवीय ने तारकेश्वर महादेव का, प्रो. ब्रज भूषण ओझा ने दण्ड पाणीश्वर महादेव का, मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने नीलकंठेश्वर महादेव का, अपर मुख्य कार्यपालक निखिलेश कुमार मिश्र ने मांधातेश्वर महादेव का, एसडीएम शंभू शरण ने चंद्रगुप्तेश्वर महादेव का, एडीसीपी ममता रानी चौधरी ने मनोकामेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया.
तहसीलदार शेखर एल मिनी ने गंगेश्वर महादेव का, न्यास के अन्य अधिकारियों में अवधेश पांडेय ने श्री विश्वनाथ राजसभा का, एके सिंह द्वारा कुबेरेश्वर महादेव का, श्री रामेश्वर पाठक द्वारा नवग्रह का, आरएन सिंह द्वारा बालमुकुंदेश्वर महादेव का एवं दीनदयाल ने त्रिसंदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया. याजक की भूमिका का निर्वहन कर धाम की भव्यता, राष्ट्र के वैभव, सनातन धर्म के विस्तार एवं विश्व कल्याण की मनोकामना की गई.
रुद्राभिषेक के बाद मंडलायुक्त वाराणसी ने शक्तिपीठ माता विशालाक्षी के दर्शन प्राप्त कर नवरात्रि पर्व की सप्तमी तिथि पर कालरात्रि मां काली का दर्शन पूजन भी किया. चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर महाकाली के पूजन का विशेष महत्व है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास इस चैत्र नवरात्रि में प्रत्येक तिथि पर विशिष्ट आयोजन करता है.
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