देहरादून (धीरज सजवाण): उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल शुरू होने से पहले कई विवाद जन्म लेने लगे हैं. दरअसल, हाल ही में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में गेम टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (GTCC) के रिकमेंडेशन पर एथलेटिक्स ग्राउंड के उस ट्रैक को पूरी तरह से उखाड़ कर नया बनाया जा रहा है, जहां नेशनल गेम्स होने हैं. विभाग द्वारा इसके बेहद पुराने हो जाने और 2013 में निर्माण होने की बात कही गई. लेकिन अब आरटीआई में खुलासा हुआ है कि इस ट्रैक को मात्र 2 साल पहले ही करोड़ों की लागत से बनाया गया है.
आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट हेम पुजारी ने बताया कि, उन्हें आरटीआई के जरिए जानकारी दी गई कि 2015-16 में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में एथलेटिक ट्रैक का निर्माण हुआ था. 2021-2022 में एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में मौजूद एथलेटिक ट्रैक का निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह ट्रैक इस्तेमाल के लायक नहीं है. जिसके बाद 2021-2022 में फिर से महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में 2 करोड़ 22 लाख रुपए की लागत से एथलेटिक ट्रैक की सिंथेटिक लेयर बिछाई गई.
हेम पुजारी का कहना है कि 2 करोड़ 22 लाख रुपए की लागत से बिछाई गई सिंथेटिक लेयर 2 साल भी नहीं चली और अब एक बार फिर से एथलेटिक ट्रैक का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. खेल विभाग को इस बात का जवाब देना चाहिए कि मात्र 2 साल में करोड़ रुपए खर्च करके बनाए गया ट्रैक इतने कम समय में कैसे खराब हो गया?
वहीं इस पूरे मामले पर विशेष खेल सचिव अमित सिन्हा का कहना है कि निश्चित तौर से इस तरह की सूचना उनके पास आई है. बीच में जरूर कुछ पैसा लगा था जो कि मेंटेनेंस का काम था. लेकिन वह किस तरीके से लगाया गया और क्या कुछ पूरा मामला था? इसको लेकर वह जरूर परीक्षण करवाएंगे. हालांकि, अभी विभाग का पूरा फोकस राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन पर है.