कुचामनसिटी: डीडवाना कुचामन जिले के कुचामन शहर में शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर पथ संचलन निकाला गया. हजारों की संख्या में शनिवार शाम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कदम से कदम मिलाकर पथ संचलन निकाला. इस दौरान रास्ते में जगह जगह पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया.
आरएसएस के जयप्रकाश शर्मा ने बताया कि आरएसएस की ओर से पथ संचलन विभिन्न रास्तों से हजारों स्वयंसेवकों द्वारा निकाला गया. जिसे देखकर एकता और समरसता प्रतीत होती है. हजारों की संख्या में देश भक्ति गीत गाते हुए स्वयंसेवक सड़क पर पथ संचलन करने निकले. 13 घोष बिगुल और सामूहिक गीत की मिलीजुली आवाजों के बीच स्वयं सेवकों को देखकर गर्व महसूस हुआ. शहर में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा 151 स्वागत द्वार लगाए गए.
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पथ संचलन शहर की कृषि मंडी से शुरू होकर शहर के डीडवाना रोड अहिंसा सर्किल से होते हुए मुख्य मार्गों व चौराहों से होते हुए स्टेशन रोड स्थित राजकीय सूरजमल भोमराज का विद्यालय ग्राउंड पहुंचकर सम्पन्न हुआ. इस दौरान कईं जगहों पर लोगों ने भगवा पताका और तिरंगा लहराकर जयघोष के साथ पुष्प वर्षा कर स्वागत किया. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के संघ कार्यवाहक राजेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के स्थापना दिवस पर आज हर वर्ष की भांति पथ संचलन का आयोजन किया गया. शहर की 09 बस्तियों से हजारों स्वयंसेवक कदमताल करते हुए निकले. परंपरागत वेशभूषा में निकलने वाले स्वयंसेवक के स्वागत के लिए रहवासी मार्ग के दोनों ओर खड़े रहे.
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आरएसएस के सह कार्यवाहक राजेश कुमार कहा कि कई वर्षों पूर्व विदेशों में जब भारतीय नागरिक जाते थे, तो उन्हें गंदी नजरों से देखा जाता था. लेकिन आज हमारे भारत के नागरिक किसी भी देश में जाते हैं तो उनका मान सम्मान किया जाता है. बच्चों में राष्ट्र प्रथम का भाव भी परिवार में विकसित होता है. इस भाव को जगाने की आवश्यकता है. इसमें माता की भूमिका महत्वपूर्ण है.
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उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को संस्कार देने के लिए हमें अपने घर से पहल करनी होगी. इसलिए हम सभी को पांच संकल्प लेना होगा:
- सप्ताह में एक दिन कुटुंब के सभी लोग मिलकर भजन, सामूहिक भोजन, अच्छी बातों की चर्चा करें. परिवार संस्कारित हों, मेल-जोल के साथ रहें.
- सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए सभी वर्गों के लोगों को साल में एक बार सम्मानपूर्वक भोजन पर बुलाएं. घर के कर्मियों को भोजन पर बुलाएं. इससे समरसता बढ़ेगी.
- पर्यावरण की रक्षा, बिना अन्न और पानी के कुछ समय तक जीवित रह सकते हैं, लेकिन बिना ऑक्सीजन के एक पल रहना संभव नहीं है. इसलिए परिवार को प्रति वर्ष 10 पेड़ लगाने और पेड़ों को बड़ा करने का संकल्प लेना चाहिए. हरियाली बढ़ाने का आंदोलन चलना चाहिए.
- स्व की जागृति, देशी खानपान, वेशभूषा, मातृभाषा को सम्मान देना हमें सीखना होगा.
- नागरिक बोध, देश के नियम कानून का पालन करना होगा. राष्ट्र के प्रतीकों का सम्मान करना होगा.