जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने शुक्रवार को घोषवादन करते हुए पथ संचलन किया. संघ के अखिल भारतीय घोष दिवस के मौके पर घोषवादकों ने पूर्ण गणवेश के साथ परकोटा क्षेत्र में पथ संचलन किया. साथ ही महाशिवरात्रि पर आम जनता के दर्शन के लिए खुलने वाले राजराजेश्वर मंदिर और हवामहल के बाहर स्थिर घोषवादन किया. इस दौरान देशी-विदेशी पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने अनुशासन के साथ बढ़ते कदमों और घोष से निकली स्वर लहरियों को अपने कैमरों में कैद किया.
हर साल 8 मार्च को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय घोष दिवस के रूप में मनाता है. ऐसे में जयपुर महानगर के पौण्ड्रिक नगर के स्वयंसेवकों ने तालकटोरा से पथ संचलन शुरू किया और कंवर नगर होते हुए गोविंद देवजी मंदिर, जलेब चौक होते हुए राजराजेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. यहां स्वयंसेवकों ने आनक (साइड ड्रम), त्रिभुज (ट्रायंगल) वंशी (बांसुरी) शंख (बिगुल) और प्रणव (बॉस ड्रम) के साथ किरण, उदय, श्रीराम, सोनभद्र, मेवाड़, श्रीनिवास, जन्मभूमि, राजश्री, भूप, शिवरंजनी, तिलंग और मीरा सहित 15 से ज्यादा रचनाओं का वादन किया.
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वहीं, मौका महाशिवरात्रि का रहा. ऐसे में उन्होंने भगवान शिव को स्वरांजलि अर्पित की और यहां से घोषवादक कदम से कदम मिलाते हुए त्रिपोलिया गेट से निकलकर बड़ी चौपड़ होते हुए हवामहल पहुंचे. यहीं स्थिर वादन करते हुए विसर्जन किया. पथ संचलन के दौरान जगह-जगह सामाज के लोगों ने स्वयंसेवकों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया. इस दौरान संघ के प्रांत प्रचारक बाबूलाल, पौण्ड्रिक नगर के संघ चालक वैद्य केदार शर्मा सहित कई दायित्ववान कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.
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आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हर साल विजयदशमी पर पथ संचलन का आयोजन करता है, लेकिन इस बार अखिल भारतीय घोष दिवस के उपलक्ष्य में पथ संचलन करते हुए घोष का प्रदर्शन किया गया. इससे पहले 21 जनवरी को जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला विराजमान हुए थे, उस दौरान भी संघ के स्वयंसेवकों ने छोटी चौपड़ स्थित सीताराम जी मंदिर को अयोध्या का राम मंदिर मानते हुए भगवान को स्वरांजलि अर्पित की थी.