रायबरेली: जिले में स्थित माता संकटा धाम शायद देश का मात्र ऐसा मंदिर है, जिसका चढ़ावे का ठेका 14 साल बाद कोर्ट और शासन के निर्देश पर एक बार फिर से दिया गया है. जिसके लिए शनिवार को गेगासों गंगा तट पर स्थित माता संकटा धाम मंदिर के चढावे की नीलामी अधिकारियों की मौजूदगी में लगाई गई. जिसमें एक साल के लिए चढ़ावे की नीलामी 16 लाख रुपये की बोली लगी.
बता दें कि वर्ष 2010 में नीलामी प्रक्रिया में गड़बड़ी दिखाते हुए मां संकटा धाम समिति ने हाई कोर्ट में एक रिट दाखिल की थी. जिसमें कहा गया था कि नीलामी का पैसा समिति के खाते में जमा किया जाए. जिसको लेकर कोर्ट में पिछले एक साल तक मामला चलता रहा. कोर्ट ने आदेश दिया था कि पूर्व की तरह ग्राम पंचायत नीलामी प्रक्रिया करा सकती है.लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने आदेश को गंभीरता से नहीं लिया और मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ाए गए रुपए, सोना -चांदी और वस्त्र का बंदर बांट किया जा रहा था.
इसके बाद शासन ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल नीलामी प्रक्रिया पूरी करने के अधिकारियों को निर्देश दिए. इसके बाद शनिवार को क्षेत्र के सैकड़ो लोगों के बीच नीलामी प्रक्रिया पूरी कराई गई. जिसमें कुलदीप मिश्रा ने 16 लाख रुपए की आखिरी बोली लगाई. इसके बाद तहसील प्रशासन ने कुलदीप मिश्रा को माता संकटा धाम मंदिर के चढ़ावे का ठेका दे दिया है. नायब तहसीलदार शंभू शरण पांडे ने बताया कि श्रद्धालुओं के चढ़ावे से आये धन माता संकटा मंदिर और गांव का विकास किया जाएगा.
बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्णा के गुरु माने जाने वाले महर्षि गर्ग ऋषि की तपोभूमि में बने माता संगठा धाम मंदिर में देश के कोने-कोने से लोग दर्शन के लिए आते हैं. हर दिन हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन करते हैं और माता के मंदिर में चढ़ावे के रूप में रुपये, सोना चांदी समेत वस्त्र चढ़ाते हैं. जिसको अभी तक पुजारी आपस में बांट कर बेच लेते थे. लेकिन नीलामी प्रक्रिया के शुरू होने से क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी है. लोगों का कहना है कि भक्तों द्वारा चढ़ाए गए दान से मंदिर का विकास होगा. माता संकटा धाम मंदिर के चढ़ावे का ठेका लेने वाले कुलदीप मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए कहा कि भक्तों के द्वारा मंदिर में चढ़ाए गए रुपये से मंदिर का विकास होगा और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं मिलेंगी.