अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक सहित समस्त जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से भर्ती परीक्षाओं से विवर्जित (डीबार) तथा संदिग्ध अभ्यर्थियों पर सघन निगरानी रखने का आग्रह किया गया है. आयोग ने ऐसे 557 संदिग्ध अभ्यर्थियों की सूची भेजी गई है.
आरपीएससी सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि आयोग और अन्य भर्ती संस्थाओं की ओर से भर्ती परीक्षाओं में सम्मिलित होने से विवर्जित और संदिग्ध अभ्यर्थियों की सूची जिलेवार संबंधित जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को भेजी गई है. सूची में बांसवाड़ा, सांचौर, करौली, उदयपुर और जालौर जिले से सर्वाधिक अभ्यर्थी हैं. उन्होंने बताया कि इन अभ्यर्थियों की ओर से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भर्ती परीक्षाओं की शुचिता को खंडित करने का प्रयास किया जा सकता है. लिहाजा, ऐसे व्यक्ति और अभ्यर्थियों से संबंधित रिकॉर्ड क्षेत्र के पुलिस थानों की भेजकर परीक्षाओं के दौरान उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जानी चाहिए.
जिलेवार संदिग्धों अभ्यर्थियों की सूची: आरपीएससी की ओर से भेजी गई सूची में अजमेर में एक, अलवर में 12, बांसवाड़ा में 99, बालोतरा में 8, ब्यावर में एक, बाड़मेर में 16, भीलवाड़ा में तीन, भरतपुर में 11 अभ्यर्थी संदिग्ध हैं. इसी प्रकार चित्तौड़ में 6, बीकानेर में 9, बूंदी में एक, दौसा में 16, चूरू में दो, डीडवाना कुचामन में 5, डूंगरपुर में 31, धौलपुर में 1, फलोदी में 3, गंगापुर सिटी में 1, हनुमानगढ़ में 1, जयपुर ग्रामीण में 15, जयपुर में, 12, जालौर में 27, जैसलमेर में 1, जोधपुर ग्रामीण में 13 अभ्यर्थी संदिग्ध हैं. वहीं, जोधपुर में 9, करौली में 28, कोटपूतली बहरोड में 5, नागौर में 6, प्रतापगढ़ में 2, पाली में 1, सवाई माधोपुर में 8, श्री गंगानगर में 2, सीकर में 5, उदयपुर में 60 और सर्वाधिक संदिग्ध सांचौर में 129 अभ्यर्थी संदिग्ध हैं.
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17 मार्च को है यह परीक्षा : आरपीएससी की सहायक आचार्य, पुस्तकालय अध्यक्ष और शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक परीक्षा 2023 का आयोजन 17 मार्च को दो पारियों में होगा. पहली पारी सुबह 9 से 12 बजे तक (प्रश्न पत्र प्रथम) और दोपहर 2.30 से शाम 5:30 बजे तक (प्रश्न पत्र द्वितीय) का आयोजन होगा. परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए आयोग सतर्क हो गया है. यही वजह है कि आयोग ने 557 विवर्जित और संदिग्ध अभ्यर्थियों को चिह्निंत करके उनके नाम की जिलावर सूची समस्त जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षको भेजी है, ताकि इस सूची में शामिल कोई संदिग्ध और विवर्जित अभ्यर्थी परीक्षा में गड़बड़ी नहीं कर पाएं.