अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आरएएस प्रारंभिक परीक्षा 2023 के 1 अभ्यर्थी को डीबार किया है. आयोग सचिव रामनिवास मेहता की ओर से इस संबंध में 30 अप्रैल को आदेश जारी किए गए हैं. बता दें कि डीबार हुए अभ्यर्थी पर ओएमआर शीट की कार्बन प्रतिलिपि में छेड़छाड़ कर न्यायालय में गलत तथ्य देने का आरोप है.
मेहता ने बताया कि आयोग की ओर से आरएएस प्रारंभिक परीक्षा 2023 का आयोजन 1 अक्टूबर, 2023 को किया गया था. परीक्षा का परिणाम 30 अक्टूबर, 2023 को घोषित किया गया था. उन्होंने बताया कि झुंझुनू जिले के ग्राम अजाड़ी खुर्द निवासी दीपक जोशी की ओर से इस परीक्षा में प्रश्न पत्र के कुल 150 प्रश्नों में से 55 प्रश्नों में किसी भी विकल्प का चयन नहीं किया गया था. 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में किसी भी विकल्प का चयन नहीं किए जाने के कारण परीक्षा परिणाम में अभ्यर्थी को अयोग्य घोषित किया गया था.
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अयोग्य घोषित किए जाने पर अभ्यर्थी ने खुद के पास उपलब्ध ओएमआर शीट की प्रतिलिपि में खाली छोड़े गए 55 प्रश्नों के विकल्पों में से 49 प्रश्नों के विकल्पों को भरकर फर्जीवाड़ा करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अभ्यर्थी दीपक जोशी ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत ओएमआर शीट की प्रतिलिपि का मिलान आयोग कार्यालय में उपलब्ध अभ्यर्थी की मूल ओएमआर शीट से किए जाने पर स्पष्ट हुआ कि अभ्यर्थी की ओर से खाली छोड़े गए प्रश्नों के विकल्पों को जानबूझकर ओएमआर शीट की कार्बन प्रतिलिपि में बाद में भरा गया है.
आयोग की ओर से प्रकरण में तथ्यात्मक रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने पर कारगुजारी सामने आते देख अभ्यर्थी की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष याचिका (विदड्रा) वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र दिया. इस पर कोर्ट ने 23 जनवरी, 2024 को याचिका कर्ता की ओर से याचिका को विदड्रा किए जाने के कारण खारिज कर दिया.
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हेराफेरी करने पर अभ्यर्थी के खिलाफ की कार्रवाई: ओएमआर शीट की कार्बन प्रति में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ आयोग के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की श्रेणी के अंतर्गत आता है. लिहाजा आयोग की ओर से प्रकरण में दीपक जोशी को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए 15 मार्च, 2024 को आयोग कार्यालय बुलाया गया. व्यक्तिगत सुनवाई और दिए गए तथ्यों के आधार पर सामने आया कि अभ्यर्थी की ओर से पूर्व में खाली छोड़े गए 55 प्रश्नों में से 49 प्रश्नों के विकल्प को ओएमआर शीट की कार्बन प्रतिलिपि जो खुद अभ्यर्थी के पास थी, उसमें हेराफेरी की गई.
आयोग के मुताबिक अभ्यर्थी दीपक जोशी का यह कृत्य अनुचित साधन अपने जाने की श्रेणी में आता है. आयोग के निर्णय अनुसार अभ्यर्थी को 'टेंपरिंग विद हिज ऑन आंसर बुक' कृत्य का दोषी माना गया है. इसके अनुसार अभ्यर्थी की ओर से दी गई परीक्षा को निरस्त करते हुए आयोग की ओर से आगामी 2 वर्षों में आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं से अभ्यर्थी को डीबार किया गया है.
सुरक्षित रखनी होती है ओएमआर शीट की कार्बन प्रति: मेहता ने बताया कि आयोग की ओर से 24 अगस्त, 2023 को जारी की गई सूचना के अनुसार अभ्यर्थियों को परीक्षा समाप्ति पर पूरी ओएमआर शीट वीक्षक को सौंपनी होती है. वीक्षक इसकी मूल प्रति को खुद के पास जमा कर कार्बन प्रति को सावधानी पूर्वक अलग करते हुए परीक्षार्थी को देते हैं. इस कार्बन प्रति को परीक्षार्थी अपने साथ ले जाता है. चयन प्रक्रिया पूर्ण होने तक परीक्षार्थी को इस कार्बन प्रति को सुरक्षित रखना एवं आयोग की ओर से मांगने पर प्रस्तुत करना होता है.
अब तक 1920 अभ्यर्थी हो चुके है अयोग्य: आयोग की ओर से 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में किसी भी विकल्प का चयन नहीं करने वाले 1920 अभ्यर्थियों को अब तक अयोग्य घोषित किया गया है. आयोग की ओर से आरएएस प्री परीक्षा 2023 से ही वस्तुनिष्ठ भर्ती परीक्षाओं में प्रत्येक प्रश्न का पांचवा विकल्प देने की शुरुआत की गई थी. उसमें यदि अभ्यर्थी किसी प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहते हैं, तो पांचवी विकल्प 'अनुतरित प्रश्न' का चयन कर ओएमआर शीट पर गोले भरना होता है. किसी भी विकल्प का चयन न करने पर प्रश्न अंक का 1/3 भाग काटने और 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में किसी भी विकल्प का चयन न करने पर अभ्यर्थी को संबंधित परीक्षा के लिए अयोग्य घोषित किए जाने का प्रावधान भी आयोग की ओर से किया गया है.