अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से संग्रहालय अध्यक्ष, खोज व उत्खनन अधिकारी (पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग) प्रतियोगी परीक्षा 2023 का आयोजन 19 जून को सुबह 10 से 12:30 बजे तक एवं दोपहर में 3 से 5:30 बजे तक अजमेर जिला मुख्यालय पर किया जाएगा. परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न पत्र के लिए ओएमआर उत्तर पत्रक के पांचवें विकल्प को भरने के लिए 10 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा.
आयोग के सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि परीक्षा में प्रवेश पत्र आयोग की वेबसाइट और एसएसओ पोर्टल पर 16 जून को जारी किए जाएंगे. प्रवेश पत्र आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध एडमिट कार्ड लिंक के माध्यम से आवेदन पत्र क्रमांक और जन्मतिथि प्रविष्टि कर डाउनलोड किया जा सकेंगे. इसके अतिरिक्त एसएसओ पोर्टल पर लॉगिन कर सिटीजन ऐप्स में उपलब्ध रिक्रूटमेंट पोर्टल लिंक से भी प्रवेश पत्रों को डाउनलोड किया जा सकता है.
किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा शुरू होने के 60 मिनट पहले परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा. इसके बाद किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र पर प्रवेश नहीं मिलेगा. लिहाजा अभ्यर्थी परीक्षा के दिन परीक्षा शुरू होने के निर्धारित समय से एक घण्टे पहले परीक्षा केंद्र पर आवश्यक रूप से उपस्थित हों. ताकि सुरक्षा जांच और पहचान का कार्य समय पर पूर्ण हो सके. देरी से आने पर तलाशी में समय लगने के कारण परीक्षा में शामिल होने से अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित हो सकता है.
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पहचान के लिए लाना होगा रंगीन फोटो युक्त पहचान पत्र: आयोग सचिव ने बताया कि अभ्यर्थी को पहचान के लिए परीक्षा केंद्र पर मूल आधार कार्ड लेकर उपस्थित होना होगा. यदि मूल आधार कार्ड पर फोटो पुरानी या अस्पष्ट है, तो अन्य मूल फोटो युक्त पहचान पत्र लाना होगा. इनमें मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि शामिल है. इसके साथ ही अभ्यर्थी प्रवेश पत्र पर भी नवीनतम रंगीन फोटो ही चस्पा करना सुनिश्चित करें.
अभ्यर्थी बहकावे में ना आए, यहां दे सूचना: यदि कोई परीक्षा में पास करने के नाम पर रिश्वत की मांग या अन्य कोई प्रलोभन और झांसा देता है, तो प्रमाण सहित इस संबंध में जांच एजेंसी एवं आयोग कंट्रोल रूम नंबर 0145-2635200, 2635212 एवं 2635255 पर सूचित करें. परीक्षा में अनुचित साधन अपने जाने और अनुचित कृतियों में संलिप्प्ट होने पर राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम के अद्युपाय) अधिनियम 2022 के तहत आजीवन कारावास, 10 करोड़ रुपए तक की जुर्माने से दंडित और चल अचल संपत्ति कुर्क कर जब्त भी की जा सकती है.