राजनांदगांव : शनिवार, 8 जून की रात राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में देर रात 16 युवतियां ट्रेन का इंतेजार करते बैठी थीं. इक साथ इतनी युवतियों को देर रात स्टेशन पर देख रेलवे पुलिस बल की टीम ने उनसे पूछताछ की, तो सफर को लेकर युवतियों ने अलग-अलग जवाब दिए. संदेह होने पर इसकी सूचना महिला संरक्षण आयोग के अधिकारियों को दी गई. सभी युवतियों को सखीं सेंटर के संरक्षण में रखा गया और उनके परिजनों को भी बुलाया गया.
युवतियों के पास नहीं था डॉक्यूमेंट, संदेह होने पर रोका : 8 जून की रात 16 युवतियों को एक साथ स्टेशन पर बैठे देख आरपीएफ राजनांदगांव की महिला बल ने उनसे पूछताछ की. उन लड़कियों ने बताया कि वे तमिलनाडु में काम करने जा रही हैं. कुछ लड़कियों ने बताया कि वह बेंगलुरु जा रही हैं. उनके ट्रेन आने का समय लगभग साढ़े 12 बजे है. सभी लड़कियां अलग-अलग जवाब दे रही थीं और न ही जॉब को लेकर उनके पास कोई डॉक्यूमेंट था. युवतियों के संतोषजनक जवाब नहीं देने से रेलवे पुलिस को संदेह हुआ और सभी युवतियों को रोक कर उन्हें सखी सेंटर भेजा गया.साथ ही सभी युवतियों के परिजनों को भी सूचना दी गई. परिजनों के राजनांदगांव पहुंचने पर सखी सेंटर से युवतियों को परिजनों के सुपुर्द किया गया.
"16 युवतियों को सुरक्षित आश्रय के लिए सखी सेंटर लाया गया था. उनके अभिभावकों के आने पर उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है." - गायत्री साहू, केन्द्र प्रशासक, सखीं सेंटर
युवतियों के संबंध में जांच पड़ताल कर रही पुलिस : इनमें 18 साल से लेकर 23 साल के बीच की युवतियां शामिल थी. सभी के कम उम्र होने के चलते इसे गंभीरता से लिया गया. युवतियां किसके साथ हैं या किसके कहने पर अन्य राज्यों में जा रही थी, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. इस पूरे केस के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर पुलिस जांच पड़ताल कर रही है. पुलिस युवतियां और उनके परिजनों से भी पूछताछ कर रही है.