देहरादून: प्रदेश में तमाम जलाशयों को लेकर सिल्ट का जमाव एक बड़ी समस्या रहा है. ऐसे में तमाम जलाशयों से सिल्ट हटाने के लिए बेहतर नीति की भी जरूरत महसूस की गई है. जिसे देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जलाशयों की डिसिल्टिंग को रॉयल्टी फ्री करने के लिए पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए. यह निर्देश उन्होंने व्यय वित्त समिति की बैठक में दिए.
जलाशयों में पर्यटन गतिविधि और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की कोशिश: उत्तराखंड के जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट जमाव की समस्या के समाधान, इन जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में बेहतरी के लिए इस नीति को बनाया जाएगा. इसके लिए संबंधित विभागों से सिंचाई विभाग को अनापत्ति लेने के लिए भी कहा गया है.
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में व्यय वित्त समिति की बैठक ली। उन्होंने उत्तराखण्ड के बौर, हरिपुरा, तुमारिया और नानकसागर जैसे जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट जमाव की समस्या के समाधान तथा इन जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में जलाशयों के… pic.twitter.com/pqNITlMdRA
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) July 26, 2024
ये भी स्पष्ट किया गया है कि बौर और हरिपुरा जलाशयों के सिल्ट का कमर्शियल इस्तेमाल न होने की दशा में सिल्ट उठान को रॉयल्टी फ्री नीति तैयार किया जाएगा. इसके लिए सिंचाई विभाग को 15 दिन का समय देते हुए वन विभाग के साथ संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. बैठक के दौरान सीएस राधा रतूड़ी ने सिंचाई विभाग के माध्यम से उधमसिंह नगर जिले के गदरपुर में बाबा डल मंदिर से बौर जलाशय और गुलरभोज-कूल्हा तिलपुरी वन बैरियर तक कंक्रीट सड़क निर्माण कार्य का वित्तीय अनुमोदन भी दिया.
न्यायिक कार्मिकों के लिए 32 आवासीय भवनों के निर्माण का अनुमोदन: यहां पर मार्ग के कच्चे होने के कारण पर्यटकों को दिक्कतें हो रही है. इसलिए इस सड़क को बेहतर करने का फैसला लिया गया है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने देहरादून के मोहकमपुर से न्यायिक कार्मिकों के लिए बनने वाले 32 आवासीय भवनों के निर्माण का भी अनुमोदन दे दिया है. इसमें निर्देश दिए गए हैं कि इन आवासीय भवनों में अनिवार्य रूप से सोलर पैनल की व्यवस्था की जाए और ग्रीन बिल्डिंग की अवधारणा पर काम किया जाए.
पशु प्रजनन फार्म कालसी का होगा सुदृढ़ीकरण: देहरादून में पशु प्रजनन फार्म कालसी के सुदृढ़ीकरण के कार्यों के लिए कंप्रिहेंसिव स्टडी के निर्देश भी दिए गए हैं. पशु प्रजनन प्रक्षेत्र देहरादून के कालसी में है. मौजूदा समय में भारत सरकार की ओर से देश में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन इंडीजीनस ब्रीड्स नामित किया गया है. यहां पर भ्रूण प्रत्यारोपण की तकनीक से नस्ल सुधार कार्यक्रम संपादित किया जा रहा है.
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