प्रयागराज: महाकुंभ मेला 2025 में अब शाही स्नान और पेशवाई शब्द सुनने को नहीं मिलेगा. इन दोनों नामों को बदलने की मांग लंबे समय से साधु संत उठा रहे थे. जिसके बाद पहले पंचायती अखाड़ा श्री महानिर्वाणी ने शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान कर दिया था जबकि पेशवाई का नाम बदलकर छावनी प्रवेश शोभायात्रा कर दिया था.अब पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदल दिया है.निरंजनी अखाड़े ने अपने महाकुम्भ के निमंत्रण कार्ड में शाही स्नान का नाम बदलकर राजसी स्नान कर दिया है.जबकि पेशवाई का नाम बदलकर छावनी प्रवेश शोभायात्रा कर दिया है.
महाकुंभ मेले से पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के निर्णय के अनुसार उन्होंने अखाड़े की पेशवाई और शाही स्नान जैसे पुराने नाम को बदल दिया है. पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने पेशवाई का नाम छावनी प्रवेश शोभा यात्रा और शाही स्नान का नाम बदलकर राजसी स्नान कर दिया गया है. पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने अपने आमंत्रण पत्र में नए नामों का जिक्र किया है.
बता दें कि महाकुंभ से पहले अक्टूबर महीने में अखाड़ा परिषद की तरफ से पेशवाई और शाही स्नान का नाम बदले जाने की बात कही गयी थी. 6 अक्टूबर 2024 को प्रयागराज में हुई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में भी पेशवाई और शाही स्नान का नाम बदले जाने का प्रस्ताव अखाड़ों ने सहमति से पास कर दिया था.
अक्टूबर महीने में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि, शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदलने के साथ ही उस बदले नाम का प्रस्ताव प्रयागराज प्रशासन के अलावा नासिक उज्जैन और हरिद्वार में भी भेजा जाएगा. जिससे कि वहां पर लगने वाले महाकुम्भ मेले में भी शाही स्नान और पेशवाई की जगह बदले हुए नाम का प्रयोग किया जाए और गुलामी के प्रतीक वाले नामों से मुक्ति मिल सके.
महाकुम्भ के लिए बने निमंत्रण कार्ड पर इससे पहले अखाड़ा परिषद के एक गुट ने की तरफ से श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने अपने आमंत्रण पत्र में पेशवाई और शाही स्नान का नाम बदलकर छावनी प्रवेश शोभायात्रा और अमृत स्नान कर दिया था. वहीं अब अखाड़ा परिषद मुख्य गुट की तरफ से भी पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने पेशवाई और शाही स्नान का नाम बदलने की जानकारी दी है.
महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि निरंजनी अखाड़े के आमंत्रण पत्र में पेशवाई और शाही स्नान जैसे मुगलकालीन नाम बदलकर नए नाम लिख दिए गए हैं. पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की ओर से महाकुंभ को लेकर छपवाए गए आमंत्रण पत्र में पेशवाई को छावनी प्रवेश शोभायात्रा लिखा गया है, जबकि शाही स्नान की जगह राजसी स्नान लिखा गया है. आमंत्रण पत्र के मुताबिक निरंजनी अखाड़े का महाकुंभ क्षेत्र में छावनी प्रवेश 4 जनवरी 2025 को होगा.
वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने एलान करते हुए बताया कि 26 जनवरी 2025 को कुंभ नगरी में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा. इस धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन को लेकर विस्तार से चर्चा कर प्रस्ताव लाया जाएगा और उसे सरकार के पास भेजा जाएगा. इस धर्म संसद में देश भर से आये हुए साधु संतों के साथ ही दूसरे देशों में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने वाले संत महात्मा शामिल होंगे. यही नहीं इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ को भी गोरक्ष पीठ का महंत होने के नाते धर्म संसद में बुलाया जाएगा. महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि सनातन बोर्ड के गठन से पहले उसका अपना नियम बनाया जाएगा. सनातन बोर्ड के गठन से पहले उसका अपना बाइलाज तैयार कर लिया जाएगा, साथ ही इस बोर्ड में ऐसे लोगों को जोड़ा जाएगा जो खुद बड़े मठ मंदिरों से जुड़े हो.
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