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रोबोटिक सर्जरी के जरिए दूर बैठे कई बीमारियों का किया जा सकता है इलाज, राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में संचालित हो रहा एसएसआई मंत्र 3 - robotic surgery - ROBOTIC SURGERY

Robotic surgery: आजकल चिकित्सा के क्षेत्र में नित नई खोज देखने को मिल रहे हैं. इन्हीं में से एक है रोबोटिक सर्जरी, जिसे भविष्य की चिकित्सा पद्धति के रूप में देखा जा रहा है. इस बारे में राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टर ने जानकारी दी. पढ़ें पूरी खबर..

रोबोटिक सर्जरी
रोबोटिक सर्जरी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 17, 2024, 10:36 PM IST

डॉ. सुधीर के. रावल (ETV Bharat)

नई दिल्ली: चिकित्सा के क्षेत्र में आज आधुनिक टेक्नोलॉजी का बखूबी इस्तेमाल देखने को मिल रहा है. इस आधुनिक टेक्नोलॉजी में मरीजों के इलाज के लिए रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में कई नई टेक्नोलॉजी का विकास हुआ है. ऐसी ही एक तकनीक सामने आई है, जिसे एसएसआई मंत्र 3 नाम दिया गया है. इसमें सहायता से कहीं से भी बैठकर मरीज का ऑपरेशन कर सकते हैं. रोबोट की मदद से सर्जरी भी जल्दी हो जाती है.

इस संबंध में राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में चिकित्सा निदेशक और जीएनआईटीओयूरो-ऑन्कोलॉजी सेवाओं के प्रमुख डॉ. सुधीर के. रावल ने बताया. उन्होंने कहा, एसएसआई मंत्र 3 प्रणाली प्रयोग में अभूतपूर्व है. यही वजह है कि यह सीमाओं से परे भी लोकप्रिय हो रही है. यह वास्तव में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो दिखाती है कि भारत रोबोटिक्स के क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ रहा है. इस तकनीक से सर्जरी करने पर बहुत ही छोटा चीरा लगाकर काम हो जाता है.

यह भी पढ़ें- AIIMS के डॉक्टर्स को सलाम! जापान से खून मंगाकर नामुमकिन को मुमकिन बनाया, गर्भ में पल रहे बच्चे को दी जिंदगी

उन्होंने बताया कि इससे खून भी कम बहता है और मरीज को जल्दी छुट्टी भी दे दी जाती है. साथ ही इस तकनीक से सर्जरी करने में खर्चा भी कम आता है. हालांकि खर्च इस बात पर भी डिपेंड करता है कि मरीज की किस तरह की सर्जरी होनी है. दिल्ली के चार से पांच अस्पतालों में इस तकनीक से सर्जरी शुरू हो चुकी है. हम राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में इसी तकनीक के माध्यम से सर्जरी कर रहे हैं. गौरतलब है कि यह सफलता दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में एक प्रगति है. इससे कैंसर, हार्ट, प्रोस्टेट, यूटरस, किडनी, लंग कैंसर सहित कई बीमारियों की सर्जरी आसानी से की जा सकती है. इसे टेली रोबोटिक सर्जरी नाम दिया गया है.

यह भी पढ़ें- Delhi AIIMS प्रशासन का दावा- कम जगह के बावजूद दवा लेने में मरीजों को नहीं होगी कोई परेशानी

डॉ. सुधीर के. रावल (ETV Bharat)

नई दिल्ली: चिकित्सा के क्षेत्र में आज आधुनिक टेक्नोलॉजी का बखूबी इस्तेमाल देखने को मिल रहा है. इस आधुनिक टेक्नोलॉजी में मरीजों के इलाज के लिए रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में कई नई टेक्नोलॉजी का विकास हुआ है. ऐसी ही एक तकनीक सामने आई है, जिसे एसएसआई मंत्र 3 नाम दिया गया है. इसमें सहायता से कहीं से भी बैठकर मरीज का ऑपरेशन कर सकते हैं. रोबोट की मदद से सर्जरी भी जल्दी हो जाती है.

इस संबंध में राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में चिकित्सा निदेशक और जीएनआईटीओयूरो-ऑन्कोलॉजी सेवाओं के प्रमुख डॉ. सुधीर के. रावल ने बताया. उन्होंने कहा, एसएसआई मंत्र 3 प्रणाली प्रयोग में अभूतपूर्व है. यही वजह है कि यह सीमाओं से परे भी लोकप्रिय हो रही है. यह वास्तव में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो दिखाती है कि भारत रोबोटिक्स के क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ रहा है. इस तकनीक से सर्जरी करने पर बहुत ही छोटा चीरा लगाकर काम हो जाता है.

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उन्होंने बताया कि इससे खून भी कम बहता है और मरीज को जल्दी छुट्टी भी दे दी जाती है. साथ ही इस तकनीक से सर्जरी करने में खर्चा भी कम आता है. हालांकि खर्च इस बात पर भी डिपेंड करता है कि मरीज की किस तरह की सर्जरी होनी है. दिल्ली के चार से पांच अस्पतालों में इस तकनीक से सर्जरी शुरू हो चुकी है. हम राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में इसी तकनीक के माध्यम से सर्जरी कर रहे हैं. गौरतलब है कि यह सफलता दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में एक प्रगति है. इससे कैंसर, हार्ट, प्रोस्टेट, यूटरस, किडनी, लंग कैंसर सहित कई बीमारियों की सर्जरी आसानी से की जा सकती है. इसे टेली रोबोटिक सर्जरी नाम दिया गया है.

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