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नेशनल हाईवे पर मवेशियों का कब्जा, हादसों में लोग गंवा रहे अपनी जान, कौन है जिम्मेदार - Road Accidents

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 12, 2024, 6:20 PM IST

छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों के नेशनल हाईवे सहित मुख्य मार्गों पर मवेशियों का जमवाड़ा लगा रहता है. इससे वाहन चालकों व राहगीरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई बार तो वे हादसे का शिकार भी हो जाते है. आज ईटीवी भारत ने इस संबंध में सड़कों पर चलने वाले ट्रक ड्राइवरों से खास बात की और जाना कि मवेशियों की वजह से उन्हें किस तरह समस्याओं से दो चार होना पड़ता है.

ROAD ACCIDENTS Due To Cattle
मवेशियों के चलते हादसे (ETV Bharat Chhattisgarh)
सड़क में मवेशियों की वजह से बढ़ रहे हादसे (ETV Bharat Chhattisgarh)

बिलासपुर : नगर निगम अमला शहर के भीतरी सड़कों पर मवेशियों को तो पकड़ रही है, लेकिन आउटर के सड़कों पर बैठे मवेशियों पर किसी का ध्यान नहीं जाता. रायपुर रोड, दर्रीघाट चांपा-रायपुर मेन नेशनल हाईवे पर आए दिन यही नजारा दिखने को मिलता है. यहां मवेशियों का झुंड सड़क पर कब्जा जमाकर बैठे रहते हैं. इसके चलते रास्त से गुजरने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है. कई बार तो इन मवेशियों की वजह से सड़क हादसे भी हो जाते हैं. अक्सर रात के समय होने वाली दुर्घटना इन्हीं मवेशियों की वजह से होती है.

मवेशी बन रहे सड़क हादसों की वजह : जिले के सबसे बड़े चिकित्सालय सिम्स अस्पताल बिलासपुर में आए दिन सड़क हादसों में घयल हुए लोग इलाज के लिए आतो हैं. इनमें से अधिकतर मवेशियों की वजह से ही सड़क हादसे के शिकार होते हैं. ज्यादातर लोग रात के समय अचानक सड़क पर बैठे गाय को बचाने के फेर में एक्सीडेंट या मवेशी से टकराकर घायल हो रहे हैं. कुछ लोगों की तो मौत भी हो जाती है. लेकिन इन समस्याओं को दूर करने के लिए प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा.

सूखे जगह की तलाश में सड़क पर आते हैं मवेशी : अक्सर बरसात के समय सड़कों में मवेशियों की संख्या बढ़ जाती है. कीचड़ से बचने के लिए यह मवेशी सुखे जगह की तलाश में रहते है. सड़कों में सूखे जगह होने से मवेशी बीच रोड पर ही डेरा जमाकर बैठ जाते हैं. लेकिन अंधेरे होने की वजह से वाहन चालक इन मवेशियों से टकरा जाते हैं. जुलाई से सितंबर तक इसी वजह से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी बढ़ जाती है.

हाईवे पर नजर नहीं आती पेट्रोलिंग टीम : बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे और बिलासपुर-रायगढ़ नेशनल हाईवे पर टोल प्लाजा मौजूद है. सुरक्षित और सुविधाजनक सड़क यात्रा के नाम पर वाहन चालकों से टोल टैक्स लिया जाता है. ऐसे में सड़क से सारे अवरोध हटाने और दुर्घटनाओं को दूर करने की जिम्मेदारी भी टोल टैक्स लेने वालों की होती है. लेकिन विभाग के अधिकारी नेशनल हाईवे पर पेट्रोलिंग की कोई व्यवस्था नहीं कराते और न ही आवारा मवेशियों को हटाया जाता है. इसी वजह से यह स्थिति नजर आ रही है.

हाईकोर्ट ने जवाबदेही तय करने के दिए निर्देश :प्रदेश भर के सड़कों में आवारा कुत्तों और मवेशियों को लेकर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश के नगर पालिका, निगम आयुक्त और ग्राम पंचायत को कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि सड़कों और राजमार्गों में आने वाले पशुओं को रोकें. संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया जाएं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि निर्देशों का पालन नहीं करने पर जवाबदेही तय की जाएगी.

सड़कों पर बैठे मवेशियों की वजह से आए दिन हो रहे सड़क दुर्घटनाओं को लेकर राजकुमार मिश्रा व अन्य ने बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है. याचिका में कहा गया है कि आवारा मवेशियों के कारण बड़ी संख्या में लोग दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं. हालांकि, इस याचिका पर सुनवाई जारी है और अगली सुनवाई 5 अगस्त को तय की गई है.

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बिलासपुर : नगर निगम अमला शहर के भीतरी सड़कों पर मवेशियों को तो पकड़ रही है, लेकिन आउटर के सड़कों पर बैठे मवेशियों पर किसी का ध्यान नहीं जाता. रायपुर रोड, दर्रीघाट चांपा-रायपुर मेन नेशनल हाईवे पर आए दिन यही नजारा दिखने को मिलता है. यहां मवेशियों का झुंड सड़क पर कब्जा जमाकर बैठे रहते हैं. इसके चलते रास्त से गुजरने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है. कई बार तो इन मवेशियों की वजह से सड़क हादसे भी हो जाते हैं. अक्सर रात के समय होने वाली दुर्घटना इन्हीं मवेशियों की वजह से होती है.

मवेशी बन रहे सड़क हादसों की वजह : जिले के सबसे बड़े चिकित्सालय सिम्स अस्पताल बिलासपुर में आए दिन सड़क हादसों में घयल हुए लोग इलाज के लिए आतो हैं. इनमें से अधिकतर मवेशियों की वजह से ही सड़क हादसे के शिकार होते हैं. ज्यादातर लोग रात के समय अचानक सड़क पर बैठे गाय को बचाने के फेर में एक्सीडेंट या मवेशी से टकराकर घायल हो रहे हैं. कुछ लोगों की तो मौत भी हो जाती है. लेकिन इन समस्याओं को दूर करने के लिए प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा.

सूखे जगह की तलाश में सड़क पर आते हैं मवेशी : अक्सर बरसात के समय सड़कों में मवेशियों की संख्या बढ़ जाती है. कीचड़ से बचने के लिए यह मवेशी सुखे जगह की तलाश में रहते है. सड़कों में सूखे जगह होने से मवेशी बीच रोड पर ही डेरा जमाकर बैठ जाते हैं. लेकिन अंधेरे होने की वजह से वाहन चालक इन मवेशियों से टकरा जाते हैं. जुलाई से सितंबर तक इसी वजह से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी बढ़ जाती है.

हाईवे पर नजर नहीं आती पेट्रोलिंग टीम : बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे और बिलासपुर-रायगढ़ नेशनल हाईवे पर टोल प्लाजा मौजूद है. सुरक्षित और सुविधाजनक सड़क यात्रा के नाम पर वाहन चालकों से टोल टैक्स लिया जाता है. ऐसे में सड़क से सारे अवरोध हटाने और दुर्घटनाओं को दूर करने की जिम्मेदारी भी टोल टैक्स लेने वालों की होती है. लेकिन विभाग के अधिकारी नेशनल हाईवे पर पेट्रोलिंग की कोई व्यवस्था नहीं कराते और न ही आवारा मवेशियों को हटाया जाता है. इसी वजह से यह स्थिति नजर आ रही है.

हाईकोर्ट ने जवाबदेही तय करने के दिए निर्देश :प्रदेश भर के सड़कों में आवारा कुत्तों और मवेशियों को लेकर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश के नगर पालिका, निगम आयुक्त और ग्राम पंचायत को कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि सड़कों और राजमार्गों में आने वाले पशुओं को रोकें. संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया जाएं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि निर्देशों का पालन नहीं करने पर जवाबदेही तय की जाएगी.

सड़कों पर बैठे मवेशियों की वजह से आए दिन हो रहे सड़क दुर्घटनाओं को लेकर राजकुमार मिश्रा व अन्य ने बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है. याचिका में कहा गया है कि आवारा मवेशियों के कारण बड़ी संख्या में लोग दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं. हालांकि, इस याचिका पर सुनवाई जारी है और अगली सुनवाई 5 अगस्त को तय की गई है.

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