नई दिल्ली: राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में कथित रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई ने गुरुवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपियों में एक चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ता और एक नर्स शामिल है. एक अधिकारी ने बताया कि बायोट्रॉनिक्स के क्षेत्रीय बिक्री प्रबंधक आकर्षण गुलाटी और नर्स शालू शर्मा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है, इस मामले में अब तक कुल 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
इस मामले में सीबीआई ने बुधवार को दो हृदय रोग विशेषज्ञ और तीन अस्पताल सहायक को हिरासत में लिया गया था. जानकारी के अनुसार, शालू और क्लर्क भुवाल जयसवाल ने कथित तौर पर एक व्यक्ति को धमकी दी थी कि अगर उसने उन्हें 20,000 रुपये नहीं दिए तो वे उसकी गर्भवती पत्नी को अस्पताल से बाहर निकाल देंगे. शालू ने कथित तौर पर उस व्यक्ति की पत्नी का इलाज रोकने और उसे डिस्चार्ज करने की भी धमकी दी थी.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार, व्यक्ति ने यूपीआई के माध्यम से राशि का भुगतान किया. आरोप है कि बुधवार को गिरफ्तार किए गए सहायक प्रोफेसर पर्वतगौड़ा, चन्नप्पागौड़ा ने गुलाटी से अपना बकाया चुकाने के लिए कहा था. गुलाटी ने उसे स्टेशन से बाहर होने का दावा करते हुए अपनी कर्मचारी मोनिका सिन्हा से मिलाया था. इसके बाद चन्नप्पागौड़ा ने सिन्हा से 36,000 रुपये यूपीआई के माध्यम से और बाकी नकद भुगतान करने को कहा.
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने चन्नप्पागौड़ा और आरएमएल कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर अजय राज को चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ताओं से उनके उत्पादों और स्टेंट का उपयोग करने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया. एजेंसी ने नागपाल टेक्नोलॉजीज के चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ता नरेश नागपाल को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने चिकित्सा उपकरणों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए चन्नप्पागौड़ा को 2.48 लाख रुपये का भुगतान किया था.
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इसके अलावा भारती मेडिकल टेक्नोलॉजीज के भरत सिंह दलाल, जिन्होंने यूपीआई का उपयोग करके राज को दो बार रिश्वत दी, और अबरार अहमद, जिन्होंने अस्पताल लैब प्रभारी रजनीश कुमार और चन्नप्पागौड़ा को रिश्वत दी थी. अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को एक अभियान में जयसवाल, संजय कुमार और बिचौलिए विकास कुमार को भी गिरफ्तार किया गया.