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कांवड़ रूट की दुकानों पर नाम लिखने का आदेश का विभाजनकारी, प्रियंका गांधी बोलीं- यह हमारी साझी विरासत पर हमला - Kanwar Yatra 2024 - KANWAR YATRA 2024

सावन में कांवड़ रूट की दुकानों पर नाम लिखने के योगी सरकार के फैसले का विरोध विपक्ष के साथ ही सहयोगी दल भी करने लगे हैं. आरएलडी ने फैसले को वापस लेने की मांग की है.

सीएम योगी और रामाशीष राय.
सीएम योगी और रामाशीष राय. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 3:34 PM IST

Updated : Jul 19, 2024, 8:39 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सावन में उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा रूट के रेस्टोरेंट, ढाबा, होटल, फल समेत खानपान की अन्य दुकानों पर दुकान के मालिक का नाम लिखने के आदेश दिए हैं. सरकार के इस आदेश को लेकर विपक्षी दल तो हमलावर हैं ही, एनडीए के अपने साथी भी विरोध के स्वर मुखर करने लगे हैं. राष्ट्रीय लोक दल ने भी योगी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. इसके अलावा जेडीयू की तरफ से भी फैसले को सही नहीं बताया गया है. नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद और व्यापारी भी इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं.

आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिएः वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी योगी सरकार के फैसले का विरोध किया है. प्रियंका गांधी ने X पोस्ट पर लिखा है कि 'हमारा संविधान हर नागरिक को गारंटी देता है कि उसके साथ जाति, धर्म, भाषा या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं होगा. उत्तर प्रदेश में ठेलों, खोमचों और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम का बोर्ड लगाने का विभाजनकारी आदेश हमारे संविधान, हमारे लोकतंत्र और हमारी साझी विरासत पर हमला है. समाज में जाति और धर्म के आधार पर विभाजन पैदा करना संविधान के खिलाफ अपराध है. यह आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और जिन अधिकारियों ने इसे जारी किया है, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.'

सावन में बड़ी संख्या में कांवड़िए भगवान शिव की आराधना करके करने कांवड़ लेकर निकलते हैं. उत्तर प्रदेश में सरकार ने कांवड़ यात्रा के रूट तय किए हैं और उन रूटों पर पड़ने वाले रेस्त्रां, ढाबा, होटल, फल और खान-पान की दूसरी दुकानों पर मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाने के आदेश दिए. मुजफ्फरनगर पुलिस प्रशासन की तरफ से सभी से नेम प्लेट लगाने की बात कही गई थी. इसके बाद से ही कांग्रेस समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज करती इस फैसले का विरोध कर रही थीं. अब इसमें एनडीए के अपने सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल हो गए हैं. राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश प्रशासन का दुकानदारों को अपनी दुकान पर अपना नाम और धर्म लिखने का निर्देश देना जाति और संप्रदाय को बढ़ावा देने वाला काम है. प्रशासन इसे वापस ले. ये गैर संवैधानिक निर्णय है.


उत्तर प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के नेता तो फिलहाल इस मामले पर कुछ बोलने से बच रहे हैं. लेकिन बिहार में जनता दल यूनाइटेड की तरफ से इस फैसले को सही नहीं बताया गया है और वापस लेने की मांग की गई है. हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद मुजफ्फरनगर के कांवड़ रूट पर दुकान मालिकों ने अपनी दुकानों में नेम प्लेट लगनी शुरू कर दी है.

अन्य समुदाय की दुकान पर हमला कर सकते हैं उपद्रवी कांवड़िएः चंद्रशेखर
प्रदेश भर में कावड़ के मार्गों पर दुकानदारों को अपनी पहचान स्पष्ट करने संबंधित मुख्यमंत्री के आदेश को लेकर भीम आर्मी के संस्थापक और नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि कई बार कांवड़ियों के भेष में कुछ उपद्रवी भी आ जाते हैं. वह अन्य समुदाय की दुकानों पर हमला कर सकते हैं. जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है.

समाज को जाति या धर्म में नहीं बांटना चाहिए: सांसद चंदन चौहान
मुजफ्फरनगर में बिजनौर सांसद चन्दन चौहान ने चंदन दुकानों पर नाम लिखने के आदेश पर कहा कि जब भी कठिन समय आया है तो अपने बड़े बुजुर्ग द्वारा दिखाए गए रास्ते को चुनना चाहिए. स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह ने जाति और धर्म व्यवस्था के हमेशा से खिलाफत करते आए. वह कभी नहीं चाहते कि समाज जाति और धर्म में बटे और हम सबको यही प्रयास करना चाहिए कि समाज जाति या धर्म में न बटे. जनता समझदार है और सबका काम एक दूसरे के साथ चलता है. यह हमारी गंगा जमुना तहजीब है. सब मिलजुल रहने का प्रयास करना चाहिए.

मेरठ के व्यापारी ने योगी सरकार के फैसले को जताया विरोध. (Video Credit; ETV Bharat)

मेरठ में सीएम योगी के फैसले का व्यापारियों ने किया विरोध
वहीं, मेरठ में शुक्रवार को व्यापारियों ने योगी सरकार के आदेश को वापिस करने की मांग करते हुए विरोध भी जताया और एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर अफसरों को सौंपा. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए व्यापारी नेताओं ने कहा कि यह आदेश उचित नहीं है. बता दें कि पड़ोसी राज्य हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब समेत कई राज्यों के शिवभक्त हर की पैड़ी हरिद्वार से कावड़ में गंगाजल भर कर शिवालयों की ओर जाते हैं. सबसे पहले मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से आदेश जारी किया गया था कि कांवड़ यात्रा मार्ग की सभी दुकानों पर दुकानदारों को अपना नाम लिखना जरूरी होगा. इसको लेकर जहां अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार के इस नियम का विरोध किया है. अब स्थानीय स्तर पर भी इस निर्णय का विरोध हो रहा है.

प्रयागराज के दुकानदारों ने किया स्वागत. (Video Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज के कानदारों ने फैसले का किया स्वागत
उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा रुट को लेकर सीएम योगी के नए फरमान का संगम नगरी प्रयागराज के दुकानदारों ने स्वागत किया है। प्रयागराज में गंगा घाट से वाराणसी की तरफ जाने वाले दुकानदारों का कहना है कि योगी सरकार के आदेश के जारी होने के बाद से कावड़ियों को भी खाने पीने की पारदर्शी व्यवस्था मिलेगी. मिठाई बेचने वाले राहुल कुमार का कहना है कि वह कांवड़ यात्रा में जाते हैं तो दुकानों का नाम देखकर शुद्ध और शाकाहारी खाने पीने उम्मीद में जाते हैं. लेकिन कई बार ऐसे हिन्दू धार्मिक नामों वाले ढाबा होटल के मालिक मुस्लिम होते हैं और उनके यहां शाकाहारी के साथ मांसाहारी खाने का सामान भी मिलता है. सावन के पावन माह में बहुत से कावड़िये लहसुन प्याज तक नहीं खाते और नाम के भ्रम में फंस कर व्रत अनुष्ठान को खंडित कर लेते हैं. ऐसे में तमाम दुकानदार यूपी की योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत और सराहना कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-कांवड़ यात्रा में दुकानदारों, ढाबा मालिकों को लिखने ही होंगे नाम; सीएम योगी का सख्त फरमान


लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सावन में उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा रूट के रेस्टोरेंट, ढाबा, होटल, फल समेत खानपान की अन्य दुकानों पर दुकान के मालिक का नाम लिखने के आदेश दिए हैं. सरकार के इस आदेश को लेकर विपक्षी दल तो हमलावर हैं ही, एनडीए के अपने साथी भी विरोध के स्वर मुखर करने लगे हैं. राष्ट्रीय लोक दल ने भी योगी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. इसके अलावा जेडीयू की तरफ से भी फैसले को सही नहीं बताया गया है. नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद और व्यापारी भी इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं.

आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिएः वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी योगी सरकार के फैसले का विरोध किया है. प्रियंका गांधी ने X पोस्ट पर लिखा है कि 'हमारा संविधान हर नागरिक को गारंटी देता है कि उसके साथ जाति, धर्म, भाषा या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं होगा. उत्तर प्रदेश में ठेलों, खोमचों और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम का बोर्ड लगाने का विभाजनकारी आदेश हमारे संविधान, हमारे लोकतंत्र और हमारी साझी विरासत पर हमला है. समाज में जाति और धर्म के आधार पर विभाजन पैदा करना संविधान के खिलाफ अपराध है. यह आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और जिन अधिकारियों ने इसे जारी किया है, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.'

सावन में बड़ी संख्या में कांवड़िए भगवान शिव की आराधना करके करने कांवड़ लेकर निकलते हैं. उत्तर प्रदेश में सरकार ने कांवड़ यात्रा के रूट तय किए हैं और उन रूटों पर पड़ने वाले रेस्त्रां, ढाबा, होटल, फल और खान-पान की दूसरी दुकानों पर मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाने के आदेश दिए. मुजफ्फरनगर पुलिस प्रशासन की तरफ से सभी से नेम प्लेट लगाने की बात कही गई थी. इसके बाद से ही कांग्रेस समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज करती इस फैसले का विरोध कर रही थीं. अब इसमें एनडीए के अपने सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल हो गए हैं. राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश प्रशासन का दुकानदारों को अपनी दुकान पर अपना नाम और धर्म लिखने का निर्देश देना जाति और संप्रदाय को बढ़ावा देने वाला काम है. प्रशासन इसे वापस ले. ये गैर संवैधानिक निर्णय है.


उत्तर प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के नेता तो फिलहाल इस मामले पर कुछ बोलने से बच रहे हैं. लेकिन बिहार में जनता दल यूनाइटेड की तरफ से इस फैसले को सही नहीं बताया गया है और वापस लेने की मांग की गई है. हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद मुजफ्फरनगर के कांवड़ रूट पर दुकान मालिकों ने अपनी दुकानों में नेम प्लेट लगनी शुरू कर दी है.

अन्य समुदाय की दुकान पर हमला कर सकते हैं उपद्रवी कांवड़िएः चंद्रशेखर
प्रदेश भर में कावड़ के मार्गों पर दुकानदारों को अपनी पहचान स्पष्ट करने संबंधित मुख्यमंत्री के आदेश को लेकर भीम आर्मी के संस्थापक और नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि कई बार कांवड़ियों के भेष में कुछ उपद्रवी भी आ जाते हैं. वह अन्य समुदाय की दुकानों पर हमला कर सकते हैं. जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है.

समाज को जाति या धर्म में नहीं बांटना चाहिए: सांसद चंदन चौहान
मुजफ्फरनगर में बिजनौर सांसद चन्दन चौहान ने चंदन दुकानों पर नाम लिखने के आदेश पर कहा कि जब भी कठिन समय आया है तो अपने बड़े बुजुर्ग द्वारा दिखाए गए रास्ते को चुनना चाहिए. स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह ने जाति और धर्म व्यवस्था के हमेशा से खिलाफत करते आए. वह कभी नहीं चाहते कि समाज जाति और धर्म में बटे और हम सबको यही प्रयास करना चाहिए कि समाज जाति या धर्म में न बटे. जनता समझदार है और सबका काम एक दूसरे के साथ चलता है. यह हमारी गंगा जमुना तहजीब है. सब मिलजुल रहने का प्रयास करना चाहिए.

मेरठ के व्यापारी ने योगी सरकार के फैसले को जताया विरोध. (Video Credit; ETV Bharat)

मेरठ में सीएम योगी के फैसले का व्यापारियों ने किया विरोध
वहीं, मेरठ में शुक्रवार को व्यापारियों ने योगी सरकार के आदेश को वापिस करने की मांग करते हुए विरोध भी जताया और एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर अफसरों को सौंपा. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए व्यापारी नेताओं ने कहा कि यह आदेश उचित नहीं है. बता दें कि पड़ोसी राज्य हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब समेत कई राज्यों के शिवभक्त हर की पैड़ी हरिद्वार से कावड़ में गंगाजल भर कर शिवालयों की ओर जाते हैं. सबसे पहले मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से आदेश जारी किया गया था कि कांवड़ यात्रा मार्ग की सभी दुकानों पर दुकानदारों को अपना नाम लिखना जरूरी होगा. इसको लेकर जहां अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार के इस नियम का विरोध किया है. अब स्थानीय स्तर पर भी इस निर्णय का विरोध हो रहा है.

प्रयागराज के दुकानदारों ने किया स्वागत. (Video Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज के कानदारों ने फैसले का किया स्वागत
उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा रुट को लेकर सीएम योगी के नए फरमान का संगम नगरी प्रयागराज के दुकानदारों ने स्वागत किया है। प्रयागराज में गंगा घाट से वाराणसी की तरफ जाने वाले दुकानदारों का कहना है कि योगी सरकार के आदेश के जारी होने के बाद से कावड़ियों को भी खाने पीने की पारदर्शी व्यवस्था मिलेगी. मिठाई बेचने वाले राहुल कुमार का कहना है कि वह कांवड़ यात्रा में जाते हैं तो दुकानों का नाम देखकर शुद्ध और शाकाहारी खाने पीने उम्मीद में जाते हैं. लेकिन कई बार ऐसे हिन्दू धार्मिक नामों वाले ढाबा होटल के मालिक मुस्लिम होते हैं और उनके यहां शाकाहारी के साथ मांसाहारी खाने का सामान भी मिलता है. सावन के पावन माह में बहुत से कावड़िये लहसुन प्याज तक नहीं खाते और नाम के भ्रम में फंस कर व्रत अनुष्ठान को खंडित कर लेते हैं. ऐसे में तमाम दुकानदार यूपी की योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत और सराहना कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-कांवड़ यात्रा में दुकानदारों, ढाबा मालिकों को लिखने ही होंगे नाम; सीएम योगी का सख्त फरमान


Last Updated : Jul 19, 2024, 8:39 PM IST
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