शिमला: हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में एक बार फिर से मरीजों की परेशानी बढ़ने वाली है. आईजीएमसी के आरकेएस कर्मचारियों ने पहले पेन डाउन स्ट्राइक किया, लेकिन एक सप्ताह का समय बीत जाने के बावजूद सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया. जिससे नाराज आरकेएस कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
आरकेएस कर्मचारी के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि मरीजों की पर्ची बनाने, दाखिल करना, टेस्ट फीस लेने का काम यही डाटा ऑपरेटर करते हैं. बता दें कि पिछले दिनों आरकेएस कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की थी. इस दौरान सीएम सुक्खू ने आरकेएस कर्मियों की मांग पर जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था. इसके बावजूद अब तक उनकी मांगे नहीं मानी गई है.
आरकेएस कर्मचारी यूनियन के प्रधान अरविंद पाल ने कहा, "सीएम सुक्खू के आश्वासनों के बाद हड़ताल वापस ले ली गई थी, लेकिन आज तक आरकेएस कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं हुई है. जिसके खिलाफ आज से आकेएस कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. आईजीएमसी शिमला और कमला नेहरू हॉस्पिटल के 55 कर्मचारी साल 2021 में 8 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक अन्य आरकेएस कर्मियों की तरह रेगुलर पे स्केल नहीं मिला है. जबकि आईजीएमसी शिमला में 2016 में 36 कर्मचारियों को और उसके बाद 2019 में एक कर्मचारी को सरकार की नोटिफिकेशन के आधार पर रेगुलर पे स्केल दिया जा चुका है".
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