पटनाः बिहार में फ्लोर टेस्ट को लेकर लगातार राजनीति हो रही है. तेजस्वी आवास के अंदर राजद और वाम दल के विधायक जमे हुए हैं. रविवार को राजद सांसद मनोज झा तेजस्वी आवास से बाहर निकले और विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने को लेकर जो प्रस्ताव एनडीए गठबंधन के लोगों ने दिया है उस पर चर्चा की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के प्रति भी मीडिया को दिखाया.
122 विधायकों की जरूरतः सांसद ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष को हटाया गया. उस मामले पर जिस तरह का निर्णय कोर्ट ने दिया था कहीं न कहीं उसका पालन बिहार में भी होना चाहिए. उन्होंने साफ-साफ कहा कि बिहार में 122 विधायकों की संख्या अगर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष होता है तब जाकर विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाया जा सकता है.
"विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, उसमें इन्हें दिखाना होगा कि 122 विधायक उनके साथ हैं या नहीं. कल विधानसभा की कार्रवाई शुरू होते ही सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष को लेकर कार्रवाई करनी है. हम सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय की चर्चा कर रहे हैं, जिसके तहत नियम बनाया गया है. निश्चित तौर पर सरकार को नियम का पालन करना होगा." -मनोज झा, राजद सांसद
महागठबंधन में एकजुटताः इस दौरान मीडिया ने जब सवाल किया कि सिर्फ राष्ट्रीय जनता दल या महागठबंधन के ही लोग अपने विधायकों को एक साथ रखे हुए हैं. कहीं ना कहीं माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसपर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. हम लोग माहौल नहीं बनाते हैं. एकजुटता दिखाने के चलते ही सारे विधायक हम लोग एक साथ बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा की नियत किसकी खराब है ये राज्य की जनता जानती है.
क्या एनडीए के विधायक राजद में होंगे शामिल? 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है. जिस बहुमत के आधार पर एनडीए ने सरकार बनाया था उसी बहुमत के आधार पर फ्लोर टेस्ट पास करना है. इसको लेकर बिहार में सियासत हो रही है. पक्ष और विपक्ष की ओर से विधायकों को जोड़ तोड़ की राजनीति की जा रही है. इसी बीच राजद सांसद का बयान आ गया कि स्पीकर को हटाने के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए. इसका मतबल है कि राजद एनडीए के विधायक को तोड़ने वाली है.
यह भी पढ़ेंः