पटनाः बिहार के राजद एमएलसी रामबली चंद्रवंशी की सदस्यता रद्द कर दी गई है. मंगलवार को बिहार विधान परिषद सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने दल विरोधी आचरण को लेकर यह फैसला लिया है. प्रोफेसर रामबली सिंह की सदस्यता समाप्त होने से उक्त सीट खाली हो गई है. इनका कार्यकाल 29 जून 2020 से 28 जून 2026 तक था. बता दें कि राजद एमएलसी ने लालू यादव और तेजस्वी यादव को अति पिछड़ा विरोधी बताया था.
विधान परिषद ने पत्र जारी कियाः मंगलवार को बिहार विधान परिषद की तरफ से इसको लेकर पत्र जारी कर दिया गया है. तत्कालीन उप मुख्य सचेतक व राजद के विप सदस्य डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने 2 नवंबर 2023 को MLC के खिलाफ याचिका दायर की थी. इस याचिका को स्वीकार किया गया और संविधान के अनुच्छेद 191 (2) एवं संविधान की दसवीं अनुसूची तथा बिहार विधान परिषद दल विरोधी नियम के प्रावधानों के आलोक में यह फैसला लिया गया.
बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रोफेसर रामबली सिंह की सदस्यता को खत्म कर दिया गया है. इस संबंध में बिहार विधान परिषद के सचिव अखिलेश कुमार झा ने सभापति के आदेश के बारे में जानकारी दी है. राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि पार्टी के विपरीत कुछ भी बयानबाजी करना गलत है. लिखित शिकायत करने के बाद इस तरह की कार्रवाई हुई है.
"कोई भी दल का नेता अगर पार्टी के विपरीत जाकर कुछ बयानबाजी करता है तो निश्चित तौर पर इसकी शिकायत की जाती है. इस मामले में भी ऐसा हुआ है. हमारे पार्टी के विधान पार्षद ने लिखित शिकायत विधान परिषद में की थी. इस शिकायत के आधार पर ही उनकी सदस्यता रद्द की गई है." -शक्ति सिंह यादव, राजद प्रवक्ता
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